Dakhal News
नई दिल्ली । विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने सरकारी और अर्धसरकारी कंपनियों खासकर रेलवे में केवल हलाल नीति लागू करने पर गहरी आपत्ति जाहिर की है। विहिप का कहना है कि एक धर्म की आहार-परंपरा को प्राथमिकता देना संविधान की पंथनिरपेक्ष भावना के विपरीत है और भोजन-विकल्प की स्वतंत्रता भी सीमित करती है। इसके अलावा इससे परंपरागत रूप से मांस व्यापार से जुड़े गैर-मुस्लिम समुदायों की आजीविका प्रभावित होती है।
उल्लेखनीय है कि कल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसी नीति के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर रेलवे को नोटिस जारी किया था।
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि कुछ संस्थानों, सरकारी–अर्धसरकारी इकाइयों, पीएसयू और निजी प्रतिष्ठानों में ‘हलाल केवल’ नीति लागू होने पर यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या इससे परंपरागत रूप से मांस व्यापार से जुड़े गैर-मुस्लिम समुदायों की आजीविका प्रभावित नहीं होती?
उन्होंने कहा कि हलाल प्रमाणन की कुछ धार्मिक शर्तें हैं – जैसे हलाल करने वाले का मुस्लिम होना, जानवर का मुख मक्का की दिशा में होना और विशेष धार्मिक वाक्य बोलना, सार्वजनिक संस्थानों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकतीं। ऐसे में भारतीय रेल में भी केवल हलाल-प्रक्रियायुक्त मांस उपलब्ध होना भी उचित नहीं है।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |