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श्राद्ध पक्ष के दौरान नर्मदा और कावेरी संगम क्षेत्र में.... स्थित प्राचीन गया शीला पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है... यहां श्रद्धालु अपने पित्रों की शांति और मोक्ष की कामना से तर्पण कर्म करने पहुंच रहे हैं......इस दौरान इस जगहें पर 16 दिनों तक मेला भी लगता है .......
मान्यता है कि गया शीला पर स्वयं मार्कंडेय ऋषि ने तप कर अपने पित्रों का तर्पण किया था...... वही महाभारत काल में भी पांडवों ने भी ....यहां आकर देव ऋषि और उनके पित्रों का तर्पण कर......... उन्हें मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त किया था... यह लोग नर्मदा-कावेरी संगम तट पर अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए श्रद्धा भाव से कर्म करते हैं ... आज भी दूर-दूर से लोग नर्मदा के तट पर.........यहां आकर पित्रों के उद्धार के लिए कम कर रहे हैं.....
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