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नई दिल्ली से बड़ी खबर सामने आई है… सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून की कुछ अहम धाराओं पर रोक लगा दी है। अदालत ने साफ किया कि पूरे कानून को चुनौती नहीं दी जा सकती, लेकिन 5 साल तक मुस्लिम होने की शर्त जैसी व्यवस्थाएं स्थगित रहेंगी। इस फैसले पर कांग्रेस और केंद्र सरकार ने एक-दूसरे पर निशाना साधा है। वहीं कानूनी विशेषज्ञों ने इसे संतुलित और सकारात्मक आदेश बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर अहम फैसला सुनाते हुए पूरे अधिनियम पर रोक लगाने से इंकार किया है, लेकिन कुछ धाराओं को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। अदालत ने 5 साल तक मुस्लिम होने की शर्त पर रोक लगाई है और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या सीमित कर दी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक नियम तय नहीं होते, यह शर्त लागू नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अदालत का यह आदेश हमारे लोकतंत्र के लिए सकारात्मक संकेत है। रिजिजू का कहना है कि वक्फ संशोधन विधेयक से मुस्लिम समुदाय को लाभ मिलेगा और अदालत ने इसे सही दिशा दी है।
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश भाजपा सरकार के लिए करारा तमाचा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का मकसद केवल हिंदू-मुसलमान करना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता दिखाते हुए उन्हें सुधार दिया है।
वहीं अधिवक्ता एम. आर. शमशाद ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को संतुलित बताया। उन्होंने कहा कि अदालत ने गैर-मुस्लिम सदस्यों की सीमा तय की है और संपत्ति को लेकर मनमानी रोक दी है। उनके मुताबिक यह वक्फ की सुरक्षा और निष्पक्ष सुनवाई के लिहाज से सकारात्मक कदम है।
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