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नई दिल्ली । जम्मू एवं कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जल्दी ही देश को पहलगाम में 22 अप्रैल को 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकवादियों का सफाया होने की खबर मिलेगी।
मनोज सिन्हा ने बुधवार को यहां गांधी स्मृति एवं दर्शन में जम्मू कश्मीर में शांति की स्थापना विषय पर एक व्याख्यान में कहा कि जम्मू एवं कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 एवं 35ए हटने के बाद भारत के साथ वहां के लोगों का एकीकरण पूरा हो गया है। कश्मीर घाटी के लोगों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को पूरी तरह से नकार दिया है।
उप राज्यपाल ने कहा कि पहलगाम में हमले में शामिल आतंकवादियों की पहचान हो चुकी है और उनकी भौगोलिक स्थिति का भी पता चल चुका है। बहुत जल्दी देश को उनके सफाया होने की खबर मिलेगी।
सिन्हा ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर बापू के सिद्धांत पर शांति और समृद्धि की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल की पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस स्वत: स्फूर्त ढंग से जनता में आतंकवाद-विरोधी लहर दिखाई दी वो बीते 50 साल में कभी नहीं दिखी थी। लोगों ने पड़ोसी देश के एजेंडे को नकार दिया।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को पहली बार अपनी मर्जी से जीने की आजादी मिली है। पांच साल में जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था और निर्यात दोगुने से अधिक हो गये हैं। जम्मू कश्मीर बैंक पांच साल पहले 1300 करोड़ रुपये के घाटे में चल रहा था और आज यह बैंक 1700 करोड़ रुपये से अधिक के मुनाफे में है। यहां निष्पक्ष चुनाव हुए और उनकी पसंद की सरकार बनी।
मनोज सिन्हा ने कहा कि पांच साल में कश्मीर में 5000 से अधिक नये होटल बने हैं। 15 हजार से ज्यादा नयी गाड़ियां खरीदी गईं हैं। बीते साल दो करोड़ 38 लाख पर्यटक आए। उन्होंने कहा कि इससे लोगों में समृद्धि आयी और उनमें यह समझ बनी कि उनका भविष्य भारत में ही उज्ज्वल है। इस प्रकार से पाकिस्तान के एजेंडे के लिए समर्थन समाप्त हो गया।
उप राज्यपाल ने कहा कि पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को जो किया, उसके पीछे उनका मकसद था कि देश में धार्मिक वैमनस्य बढ़े। देश के बाकी हिस्सों में रहने वाले कश्मीरी लोगों पर हमले हों और कश्मीर के लोग फिर से पाकिस्तानी एजेंडा में फंस जाए। उनकी सोच थी कि जम्मू कश्मीर में आर्थिक विपन्नता आयेगी तो पत्थरबाजी के लिए लोग मिलेंगे। लेकिन पहलगाम हमले के बाद कश्मीर की अवाम पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ उठ कर सामने आयी उसने पाकिस्तान के मंसूबे पर पानी फेर दिया। उन्होंने कहा कि इस स्वत: स्फूर्त विरोध प्रदर्शन के लिए कश्मीरी जनता के अलावा किसी को श्रेय नहीं दिया जा सकता है।
सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पिछले साल स्थानीय स्तर पर छह आतंकवादियों की भर्ती हुई थी और इस वर्ष केवल एक कश्मीरी आतंकवादी बना। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खात्मे की समय सीमा दे दी है। उसी तर्ज पर जल्द ही एक दिन ऐसा आएगा जब जम्मू कश्मीर से आतंकवाद समाप्त हो जाएगा।
उप राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में आये बदलावों के बारे में भी विस्तार से बताया।
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