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24 और 25 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट केवल निवेश और व्यापार के अवसरों का केंद्र नहीं होगी...बल्कि ये मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और औद्योगिक क्षमता को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का ऐतिहासिक अवसर है। राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित होने जा रही यह समिट प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और औद्योगिक संभावनाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक आदर्श अवसर है...
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है...जहां विकास की संभावनाएं और पारंपरिक धरोहर समान रूप से फल-फूल रही हैं...उन्होंने कहा कि पहली बार भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस बात का प्रमाण है कि मध्यप्रदेश अब निवेशकों के लिए एक नए केंद्र के रूप में उभर रहा है..राष्ट्रीय मानव संग्रहालय का आयोजन स्थल के रूप में चयन इस बात को और मजबूत करता है कि कैसे प्रदेश अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए औद्योगिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है। यह संग्रहालय एक जीवंत मंच है, जहां 35 से अधिक जनजातीय समुदाय अपनी परंपराओं को प्रस्तुत करते हैं, अपने जीवन के पहलुओं को दिखाते हैं, और अपने इतिहास को संरक्षित करते हैं। यहां की पारंपरिक शिल्प और झोपड़ियां मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता और समृद्धि का विश्व स्तरीय उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह समिट प्रदेश में सांस्कृतिक पर्यटन और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में निवेश को प्राथमिकता देने का नया मॉडल प्रस्तुत कर रही है...ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निवेशक न केवल प्रदेश की औद्योगिक नीति और अधोसंरचना विकास के बारे में जानेंगे, बल्कि वे देखेंगे कि कैसे मध्यप्रदेश अपनी पारंपरिक संपदा को आर्थिक संभावनाओं से जोड़ रहा है। यही कारण है कि अब वैश्विक निवेशक न केवल उद्योगों में, बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन और हस्तशिल्प में भी मध्यप्रदेश को निवेश के लिए प्राथमिकता दे रहे हैं। यह समिट निवेशकों को प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं से परिचित कराएगी, जिससे उन्हें व्यापारिक अवसरों के साथ-साथ मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत का अनुभव भी होगा ...
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