मध्यप्रदेश में 19 धार्मिक क्षेत्रों में शराब बिक्री पर प्रतिबंध
नई आबकारी नीति 2025

नई आबकारी नीति 2025 को मिली मंजूरी, धार्मिक नगरों में हमेशा के लिए बंद होंगी शराब दुकानें


मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में बड़ा फैसला
मध्यप्रदेश सरकार ने धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में शराब बिक्री पर बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में महेश्वर में आयोजित कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति-2025 को मंजूरी दी गई। इस नीति के तहत उज्जैन सहित 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में अगले वित्तीय वर्ष से शराब की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जाएगा।


किन क्षेत्रों में लागू होगी शराबबंदी?
इस फैसले के तहत धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले कई नगरों और ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इनमें शामिल हैं:

  • नगर निगम: उज्जैन
  • नगर पालिका: दतिया, पन्ना, मंदसौर, मंडला, मुलताई, मैहर
  • नगर पंचायत: अमरकंटक, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, चित्रकूट
  • ग्राम पंचायत: सलकनपुर, बांदकरपुर, कुंडलपुर, बरमानकलां, लिंगा, बरमानखुर्द

इसके साथ ही, नर्मदा नदी के दोनों तटों से 5 किमी की दूरी तक लागू शराबबंदी की नीति को भी यथावत रखा गया है।


राजस्व नुकसान, लेकिन समाजिक लाभ पर जोर
सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर में कुल 47 शराब दुकानें बंद होंगी। इनमें से 17 दुकानें उज्जैन में हैं। अनुमान है कि इस फैसले से सरकार को लगभग 500 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "शराब एक सामाजिक बुराई है। इससे पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। धार्मिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।"


पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने की तारीफ
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शराब जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ साहसिक कदम उठाया है। यह निर्णय समाज और परिवारों के हित में महत्वपूर्ण साबित होगा।


शराबबंदी से जुड़ी मुख्य बातें

  • उज्जैन सहित 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में पूरी तरह शराबबंदी।
  • 47 शराब दुकानों की हमेशा के लिए बंदी।
  • नर्मदा तट से 5 किमी दूरी तक शराबबंदी जारी।
  • 500 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व नुकसान।

समाजिक प्रभाव और आगे की नीति
मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि भविष्य में शराब पर और कठोर फैसले लिए जा सकते हैं। यह कदम न केवल धार्मिक क्षेत्रों की पवित्रता बनाए रखने के लिए है, बल्कि सामाजिक बुराइयों को कम करने के उद्देश्य से भी है।

Dakhal News 26 January 2025

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