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मध्यप्रदेश सरकार की 2024 की आखिरी कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर राज्य के ग्रामीण इलाकों और जल प्रबंधन पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह तय किया गया कि अब सभी पंचायतों में अटल ग्रामीण सेवा सदन बनाए जाएंगे। इन सेवा सदनों का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करना और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को ग्रामीण जनता तक पहुँचाना होगा।
सिंचाई परियोजनाओं के तहत बड़ा कदम
कैबिनेट बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश को सौ प्रतिशत सिंचित क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इन परियोजनाओं से न केवल सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि पीने के पानी की समस्या भी हल होगी।
इसके अलावा, इन परियोजनाओं से मध्यप्रदेश के सिंचाई क्षेत्र में भी वृद्धि होगी। सरकार ने बताया कि इन परियोजनाओं के लिए 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी, जबकि 10 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से मध्यप्रदेश के 6.13 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता बढ़ाई जाएगी।
नदी जोड़ो परियोजना की मंजूरी
कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी बताया कि नदी जोड़ो परियोजना की 19 में से 16 योजनाओं को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। दो योजनाओं को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है, और एक योजना पर काम चल रहा है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
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