संभल की विरासतों का होगा पुनरुद्धार, पर्यटन स्थल बनेगा ऐतिहासिक संभल
संभल

संभल, एक ऐतिहासिक नगर, अब अपनी प्राचीन धरोहरों के पुनरुद्धार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है। जिले की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने और उन्हें एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रशासन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने मिलकर ऐतिहासिक स्थलों का दौरा किया। इस प्रयास का उद्देश्य संभल को न केवल उसकी ऐतिहासिक पहचान दिलाना है, बल्कि इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना भी है।

संभल के ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण

जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में एक टीम ने एएसआई के साथ मिलकर संभल के ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कुछ प्रमुख स्थानों को चिन्हित किया जिनमें प्राचीन पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी, तोता-मैना की कब्र और फिरोजपुर के किले के संरक्षण और सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा।

इन स्थलों को संजोने और सुधारने का उद्देश्य जिले की विलुप्त होती ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करना और उन्हें एक पर्यटन स्थल में बदलना है। इस पहल से संभल जल्द ही ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन का केंद्र बन सकता है।

संभल की ऐतिहासिक धरोहरें: एक नई पहचान की ओर

डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने इस प्रयास को लेकर कहा, "संभल प्राचीन नगर रहा है और यहां एक कुआं पाया गया है जो जागृत अवस्था में है, जिसमें जल भरा हुआ है। हम इस नगर को सुरक्षित और संरक्षित रखेंगे, जिससे पूरी दुनिया से पर्यटक यहां भ्रमण करने के लिए आएंगे।" डॉ. पेंसिया ने यह भी बताया कि जिले में कई ऐसे स्थल हैं जो हमारी ऐतिहासिक धरोहर हैं और उन्हें पर्यटन स्थल में बदलने का यह प्रयास उन्हें फिर से जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

संभल की यह पहल न केवल जिले की धरोहरों को संरक्षित करने का कार्य करेगी, बल्कि यह पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों को फायदा होगा, बल्कि भारत के ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन मानचित्र पर संभल की एक नई पहचान भी बनेगी।

Dakhal News 26 December 2024

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.