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भोपाल: शहर में साइबर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। ताजा मामला एमपी नगर का है, जहां एक 70 वर्षीय महिला डॉक्टर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 10 लाख रुपये ठग लिए।
पीड़िता डॉक्टर रागिनी मिश्रा के अनुसार, उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन करके बताया कि वे सीबीआई के अधिकारी हैं और उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में आया है। उन्हें डरा धमकाकर कहा गया कि अगर उन्होंने पुलिस को बताया तो उन्हें गोली मार दी जाएगी। इसके बाद ठगों ने उन्हें घर में कैद कर लिया और डिजिटल अरेस्ट दिखाते हुए 10 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए।
महिला के पति डॉक्टर महेश मिश्रा ने बताया कि जब उन्हें इस बात का पता चला तो उन्होंने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।
एसीपी दीपक नायक का कहना है कि: इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पुलिस ऐसे मामलों में संलिप्त लोगों को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति के फोन कॉल पर विश्वास न करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
साइबर ठगों के तरीके:
डरा धमका कर: साइबर ठग लोगो को डरा धमका कर पैसे ऐंठते हैं। वे खुद को पुलिस, सीबीआई या किसी अन्य सरकारी अधिकारी बताते हैं।
झूठी जानकारी देकर: ठग लोगो को झूठी जानकारी देकर उनके साथ धोखा करते हैं। वे कहते हैं कि उनका खाता किसी अपराध में शामिल है और उन्हें जेल जाना होगा।
पर्सनल जानकारी मांगना: ठग लोगो से उनकी पर्सनल जानकारी जैसे कि बैंक खाते की जानकारी, पासवर्ड आदि मांगते हैं।
सुरक्षित रहने के लिए क्या करें:
किसी भी अज्ञात व्यक्ति के फोन कॉल पर विश्वास न करें।
अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
अपने बैंक खाते की जानकारी सुरक्षित रखें।
अगर आपको कोई संदिग्ध फोन कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह मामला एक बार फिर साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को उजागर करता है। हमें सावधान रहने और साइबर ठगों के जाल में न फंसने की जरूरत है।
मुख्य बिंदु:
भोपाल में 70 वर्षीय महिला डॉक्टर से साइबर ठगों ने 10 लाख रुपये ठगे।
ठगों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट करके डरा धमकाया।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
लोगों को साइबर अपराधों से सावधान रहने की जरूरत है।
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