कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने गुरुवार को लोकसभा सदस्यता की शपथ ली, और इस अवसर पर उन्होंने अपनी भूमिका को लेकर स्पष्ट संकेत दिए। हाथ में संविधान की लाल किताब थामे प्रियंका गांधी ने संकेत दिया कि उनकी कार्यशैली और दृष्टिकोण उनके भाई राहुल गांधी की विचारधारा से मेल खाती होगी। प्रियंका गांधी ने केरल की वायनाड सीट से उपचुनाव में जीत हासिल की, जो पहले राहुल गांधी की सीट थी। राहुल गांधी द्वारा वायनाड छोड़ने के बाद प्रियंका ने वहां से जीत प्राप्त की, जिससे कांग्रेस में नई उम्मीदों की लहर जगी है।
प्रियंका गांधी का संसद में कदम कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह पहले ही पार्टी की स्टार प्रचारक और महासचिव के रूप में अपना योगदान दे चुकी हैं। अब उनके लोकसभा में आ जाने से विपक्ष को नई ताकत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने संविधान पर खतरे को मुद्दा बनाते हुए विपक्ष को एकजुट करने की दिशा में काम किया है, और प्रियंका गांधी ने शपथ लेने के बाद इस मुद्दे पर अपना मजबूत समर्थन जाहिर किया।
प्रियंका गांधी के संसद में पहुंचने के बाद जब वह अपनी सीट की ओर बढ़ीं, तो उन्होंने भाई राहुल गांधी को नमस्कार किया। दोनों ने एक-दूसरे को हाथ जोड़कर अभिवादन किया, जो उनके आपसी भाईचारे और एकता को दर्शाता है। इस प्रतीकात्मक क्षण ने यह स्पष्ट किया कि प्रियंका की संसद में एंट्री से पार्टी की आवाज़ और भी अधिक मुखर हो सकती है।
कांग्रेस इस वक्त मुश्किल हालातों से गुजर रही है, लेकिन प्रियंका गांधी की लोकसभा में एंट्री से पार्टी को एक नई दिशा और ऊर्जा मिलने की संभावना है। प्रियंका गांधी की अच्छी वक्तृत्व क्षमता और पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ाव को देखते हुए अब सभी की नजरें उनके संसदीय कार्यों पर टिकी होंगी।
प्रियंका गांधी का सांसद बनने के साथ ही गांधी परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया है। अब गांधी परिवार के तीनों सदस्य— सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी— संसद में मौजूद हैं। यह देखने वाली बात होगी कि प्रियंका गांधी अपनी नई भूमिका में कितनी सफलता प्राप्त करती हैं और कांग्रेस पार्टी को किस दिशा में ले जाती हैं।