दतिया स्टेडियम की दुर्दशा: युवाओं के सपनों पर प्रबंधन का ताला
युवाओं

प्रदेश की मोहन सरकार युवाओं की प्रतिभा निखारने और उन्हें खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लेकिन दतिया स्टेडियम प्रबंधन इन प्रयासों को ठेंगा दिखाने में लगा है। यहां की बदहाल स्थिति ने खिलाड़ियों और अभिभावकों को सवाल खड़े करने पर मजबूर कर दिया है।

दुर्दशा का सामना: स्टेडियम की स्थिति

दतिया स्टेडियम की हालत देखकर यह सवाल उठता है कि क्या यहां से कभी कोई प्रतिभा निखर पाएगी? स्टेडियम के मैदान में गंदगी का अंबार है और बुनियादी सुविधाओं का पूरी तरह अभाव नजर आता है।

  • पुरुष शौचालय खुले पड़े हैं, जबकि महिला शौचालयों पर ताले जड़े हुए हैं। यह स्थिति महिला खिलाड़ियों के साथ सीधे तौर पर भेदभाव को दर्शाती है।

  • स्टेडियम की दीवारें बदरंग हैं और लंबे समय से कोई रखरखाव नहीं हुआ है।

  • फिजिकल तैयारी करने वाले छात्रों और खिलाड़ियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

स्थानीय लोगों की नाराजगी

स्टेडियम का दौरा करने पर स्थानीय लोगों ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि प्रबंधन की लापरवाही के चलते खिलाड़ी परेशान हैं और उनकी प्रतिभा का सही दिशा में विकास नहीं हो पा रहा।

दतिया स्टेडियम की यह स्थिति न केवल खिलाड़ियों की प्रतिभा को रोक रही है, बल्कि युवाओं के सपनों को भी कुचल रही है। प्रदेश सरकार और प्रबंधन को इस दिशा में तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि युवा खिलाड़ियों को बेहतर अवसर और सुविधाएं मिल सकें।

क्या आप भी मानते हैं कि समय आ गया है कि दतिया स्टेडियम में सुधार किया जाए? अपने विचार हमारे साथ साझा करें!

Dakhal News 21 November 2024

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