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दतिया जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मां रतनगढ़ मंदिर पर दिवाली के बाद तीन दिवसीय मेला शुरू हो गया है. इस दौरान मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने माँ रतनगढ़ मंदिर पहुंचकर दर्शन किये. मान्यता है सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति को माँ के नाम का बंद लगा दिया जाए तो उस पर सांप का जहर असर नहीं करता.
दतिया जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक मां रतनगढ़ मंदिर पर दिवाली के बाद तीन दिवसीय मेला हुआ. मान्यता अनुसार किसी भी व्यक्ति को यदि सर्प दंश हो जाता है और वह व्यक्ति मां रतनगढ़ के नाम का बंद लगा ले तो उसे सर्प के जहर का असर नहीं होता. वह व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती किंतु दिवाली के भाई दूज पर उस व्यक्ति को मां रतनगढ़ मंदिर पहुंचकर कुंवर बाबा के दर्शन करने पर उसे बंद को काट दिया जाता है. इस बार दिवाली से भाई दूज तक 25 लाख से ऊपर श्रद्धालुओं ने माँ रतनगढ़ मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. वहीं जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के खाने पीने एवं स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए माकूल इंतजामात किये.
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