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प्रशासन की अनदेखी का नतीजा हमेशा ही किसान को भुगतना पड़ता है. ऐसा ही कुछ इस बार छिंदवाड़ा में किसानों के साथ हुआ है. प्रशासन की लापरवाही से किसानों का मंडी में रखा मक्का बारिश आने के कारण बह गया और बेचारे किसान कुछ न कर सके और जो प्रशासन कुछ कर सकता था वो चैन की नींद सोता रहा .
छिंदवाड़ा मक्के की पैदवार के लिए भी जाना जाता है. लेकिन किसान मेहनत से पर्दा हुई उपज की सुरक्षा के लिए कृषि मंडी में कोई व्यवस्था नहीं होती. अब तेज बरसात में किसान का मक्का बह गया ओर वो केवल बहता देखता रह गया.
ये नजारा है छिंदवाड़ा की कुसमेली मंडी का है. जहाँ किसान हितेषी सरकार और प्रशासन है .लेकिन उपज की सुरक्षा के कोई इंतजामात नहीं हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है किसान के इस नुक्सान की भरपाई कौन करेगा.
कुसमेली कृषि उपज मंडी जहाँ पर किसान साबसे ज्यादा मक्का बेचने आता है. लेकिन किस तरह उसकी मेहनत की फसल पानी में बह गई. और वो कुछ नहीं कर सका अव्यवस्था की शिकार इन मंडियों में फसल को सुरक्षित रखने तक के इंतजाम नहीं हैं. तेज बरसात में उसका मक्का इस तरह बहता रहा. मंडी के हाल ये हैं कि किसानों की फसल रखने के शेडों पर व्यापारियों ने कब्जा जमा रखा है. अफसरों की मिली भगत के कारण हर बार नुक्सान किसान का ही होता है.
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