राहुल गांधी का नया ठिकाना, बंगला नंबर-5
Rahul Gandhi

राहुल गांधी को केंद्र सरकार ने नया बंगला अलॉट किया है। दिल्ली के सुनहरी बाग रोड स्थित बंगला नंबर 5 राहुल का नया आशियाना हो सकता है। 26 जुलाई को राहुल यह बंगला देखने पहुंचे थे। प्रियंका गांधी भी राहुल का यह घर देख चुकी हैं। लोकसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते राहुल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। इसलिए उन्हें केंद्र सरकार ने टाइप-8 बंगला ऑफर किया है। इस बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 डायनिंग रूम, स्टडी रूम, 1 सर्वेंट क्वार्टर है। सूत्रों के मुताबिक,राहुल को 3-4 बंगलों के ऑप्शन दिए गए थे।2005 में अलॉट हुआ था 12, तुगलक लेन बंगला

राहुल गांधी 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने। तब तक वो अपनी मां के साथ 10 जनपथ स्थित बंगले में रहते थे। सांसद बनने पर 2005 में उन्हें पहली बार 12 तुगलक लेन वाला बंगला अलॉट किया गया था। ये दिल्ली के लुटियंस जोन में स्थित टाइप-8 बंगला है, जो हाइएस्ट कैटेगरी है।

इस आलीशान बंगले में 5 बेडरूम, 1 हॉल, 1 डायनिंग रूम, 1 स्टडी रूम और सर्वेंट क्वार्टर हैं। राहुल गांधी इस बंगले में एक प्राइवेट गृह प्रवेश के बाद शिफ्ट हुए थे। इस सेरेमनी में सोनिया, प्रियंका, रॉबर्ट समेत उनके करीबी लोग ही शामिल थे। इसकी कोई सार्वजनिक तस्वीर मौजूद नहीं है।

मोदी सरनेम केस, जिसमें राहुल की सांसदी गई थी

11 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी ने बेंगलुरु के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था। राहुल ने कहा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है। राहुल का इशारा ललित मोदी, नीरव मोदी की ओर था। ये दोनों भ्रष्टाचार के मामले में देश छोड़कर भाग चुके हैं।

राहुल के इस बयान के खिलाफ गुजरात से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि की शिकायत दर्ज कराई। 23 मार्च 2023 को सूरत की सेशन कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। 24 मार्च को राहुल की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गई। राहुल गांधी ने सेशन कोर्ट के फैसले को गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल की सजा बरकरार रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद राहुल सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी। अगस्त, 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उनकी सदस्यता बहाल हो गई थी।

दिल्ली में बंगला अलॉट करने के नियम-कानून जानिए

लोकसभा सदस्यों को दिल्ली में बंगले का आवंटन ‘डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स’ करता है। यह मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के तहत आता है। ‘डायरेक्टरेट ऑफ स्टेट्स’ के अंदर भी यह काम जनरल पूल रेसिडेंशियल एकॉमोडेशन यानी GPRA एक्ट के तहत किया जाता है। GPRA में केंद्र सरकार का कोई भी कर्मचारी घर के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन अलॉटमेंट के लिए पे स्केल, ऑफिस और पोजिशन को देखा जाता है और उसी के अनुसार आवास दिए जाते हैं। इन आवासों के लिए सरकार की तरफ से एक मासिक किराया भी तय है। इन घरों के रख-रखाव के लिए सरकार की तरफ से भत्ता भी दिया जाता है।

 

Dakhal News 27 July 2024

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.