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मध्य प्रदेश के गुना शहर में एक निजी स्कूल की प्रधानाचार्य के खिलाफ विद्यार्थियों को संस्कृत का श्लोक पढ़ने से रोकने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानाचार्य ने इस मामले में माफी मांग ली है उन्होंने बताया कि कथित घटना 15 जुलाई को वंदना कॉन्वेंट स्कूल में सुबह की सभा के दौरान हुई, जब तीन विद्यार्थियों ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे भवन्तु सुखमया’ का पाठ किया. आरोप है कि प्रधानाचार्य सिस्टर कैथरीन ने उनसे माइक छीन लिया और कहा कि स्कूल में ऐसे श्लोक बर्दाश्त नहीं किए जायेंगे. उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में घटना का विवरण दिया गया है.दो दिन बाद कथित घटना के बारे में पता चलने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने स्कूल में हंगामा किया, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. एबीवीपी से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने प्रधानाचार्य के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की. सूत्रों ने बताया कि उनके आग्रह पर सिस्टर कैथरीन वहां पहुंचीं और इस मुद्दे पर माफी मांगी. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानाचार्य ने कहा कि वह दिन केवल अंग्रेजी में बातचीत के लिए आरक्षित था और इसीलिए विद्यार्थियों को रोका गया. सूत्रों के अनुसार, प्रधानाचार्य ने कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती हैं और अगर उन्होंने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो उन्हें खेद है. अधिकारी ने बताया कि माफी मांगने के बावजूद प्रदर्शनकारी प्रधानाचार्य के खिलाफ पुलिस कार्रवाई और उन्हें हटाने की मांग करते रहे तथा वे दो घंटे से अधिक समय तक परिसर में रहे और मांग की कि स्कूल में रोजाना श्लोक का पाठ किया जाए. अधिकारी ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) चंद्र शेखर सिसोदिया भी स्कूल पहुंचे और आश्वासन दिया कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. गुना थाने के प्रभारी अनूप भार्गव ने बताया कि सक्षम दुबे की शिकायत पर स्कूल प्रधानाचार्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सौहार्द बनाए रखने के लिए हानिकारक कार्य करना) और 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत 22 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की गई है. सिस्टर कैथरीन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थी.
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