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भगवान राम की नगरी में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से व्यापक सुरक्षा कर दी गई है. अयोध्या की सुरक्षा में सीआरपीएफ उत्तर प्रदेश पुलिस पीएसी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में नवगठित सुरक्षा दस्ता एसएसएफ की तैनाती की गई है. साथ ही सुरक्षा में 3200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, सात जगहों पर कंट्रोल रूम बनाया गया है. जो रामनगरी में आने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखता है अयोध्या की सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण रामलला की सुरक्षा है ऐसे में सुरक्षा को लेकर हर तीन महीने पर सुरक्षा समिति की अहम बैठक होती है. जिसमें पुलिस के सभी दस्तों के डायरेक्टर रेंज के अधिकारी शामिल होते हैं. जिसमें सुरक्षा के साथ रामलला की सुरक्षा को और भी पुख्ता और मजबूत बनाए जाने पर मंथन होता है. पिछले दिनों रामलला की सुरक्षा में NSG की नैतानी का प्रस्ताव आया था. एनएसजी की टीम ने राम नगरी में सर्वे किया और सर्वे के आधार पर रिपोर्ट भी भेज दिया.
रामलला की सुरक्षा में तैनात हैं 25 सौ से ज्यादा सुरक्षा कर्मी
अब जल्द ही रामलला की सुरक्षा मैं एनएसजी कमांडो तैनात किए जाएंगे हालांकि पूरे विषय पर अभी तक स्पष्ट रूप से कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सांकेतिक तौर पर कहा कि अयोध्या की सुरक्षा को लेकर एनएसजी भी रिपोर्ट तैयार कर चुकी है. चंपत राय की माने तो रामलला की सुरक्षा में लगभग 2500 से ज्यादा सुरक्षा कर्मी तैनात है जो पिछले 33 साल से रामलला की सुरक्षा संभाल रहे हैं.सीआरपीएफ पीएससी पीएसी के कमांडो एसएसएफ और यूपी पुलिस को तैनात किया गया है आपको बता दें कि राम जन्मभूमि के लिए हर तीन माह पर सुरक्षा समिति की बैठक हुई है जिसमें एडीजी सुरक्षा इस बैठक को लेते हैं राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि एनएसजी भी यहां की सुरक्षा को लेकर सर्वे कर रही है. सुरक्षा पर सर्वे करने के लिए सीआईएसएफ के अधिकारी भी यहां आ चुके हैं. राम जन्मभूमि अन्य मंदिरों के समान नहीं है आईबी और पुलिस के डायरेक्टर रेंज के अधिकारी यह अक्सर कहते हैं कि हमारे सामने प्रमुख रूप से राम मंदिर की सुरक्षा सबसे गंभीर बात है. अयोध्या और राम जन्मभूमि को हर समय फ्री और ओपन नहीं रखा जा सकता है.
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