गेहूं की फसल पर जड़ माहू रोग का खतरा
गेहूं की फसल पर जड़ माहू रोग का खतरा

 

काबू नहीं किया तो फसलों को चाट जाएगा

 

मौसम में हो रहे बदलाव के चलते फसलों पर बुरा असर पड़ रहा है। रबी सीजन की फसलों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इस बार गेहूं पर जड़ माहू का प्रकोप दिखने के बाद कृषि वैज्ञानिकों ने फसलों का मुआयना किया। सीहोर जिले के कई गांवों में रबी की फसल गेहूं पर जड़ माहू का प्रकोप देखने को मिला  है। समय रहते अगर इस रोग पर काबू नहीं पाया गया तो यह फसलों को चट कर जाएगा। कृषि विभाग के वैज्ञानिकों ने फसलों का जायजा लेकर किसानों को इससे बचाव के तरीके बताये हैं। लेकिन इसका प्रकोप सीहोर के सरबती गेहूं ओर संकट बन सकता है। जड़ माहू रोग फसल के लिए इतना खतरनाक होता है कि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो इस कीट द्वारा गेहूं फसल में बड़ी क्षति की संभावना रहती है। जड़ माहू कीट गेहूं के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है, जो निरंतर रस चूसकर पौधे को कमजोर कर  सुखा देता है। जड़ माहू प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक-बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए नजर आते हैं। मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान होने पर यह कीट अत्यधिक तेजी से फैलता है। अनुकूल परिस्थितियां होने पर यह कीट सम्पूर्ण फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है। ऐसे में किसानों  का चिंतित होना लाजिमी है। कृषि विज्ञानी धर्मेंद्र पटेल ने  बताया कि जिन क्षेत्रों में अभी तक गेहूं फसल की बुवाई नहीं की गई है, वहां पर बुवाई से पूर्व इमिडाक्लोप्रिड 48 प्रतिशत, एफएस की 01 मिली दवा अथवा थायोमेथोक्जाम 30 प्रतिशत, एफएस दवा की 1.5 मिली मात्रा प्रति किलोग्राम की दर से बीज उपचार अवश्य करें। जिन क्षेत्रों में बुवाई कार्य पूर्ण हो चुका है व कीट प्रकोप के लक्षण प्रारंभिक अवस्था में हैं। वहां किसान तत्काल इसका उपचार करें। 

Dakhal News 19 November 2023

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