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भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि सशक्त राष्ट्र का निर्माण तभी संभव है, जब बच्चों का बेहतर विकास हो। बच्चों के अधिकारों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है।
मंत्री सारंग सोमवार को कैरियर कॉलेज में मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आयोग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कार्यशाला है। अच्छे समाज का निर्माण बच्चों के भविष्य पर निर्भर होता है। बाल अधिकारों की जानकारी बच्चों के साथ उनके अभिभावक और शिक्षकों को भी होना आवश्यक है।
सारंग ने कहा कि कार्यशाला में सभी जिलों के ऐसे प्रशिक्षणार्थियों का चयन किया गया है, जो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के समुचित विकास और उनके अभिभावकों को बाल अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे।
आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बच्चों को अपने अधिकारों की जानकारी नहीं है। कार्यशाला में हुए विभिन्न सत्रों में विशेषज्ञों द्वारा बाल अधिकार, बाल सुरक्षा, सायबर क्राइम आदि विषयों पर जानकारी साझा की गई।
चौहान ने कहा कि कोरोना काल के बाद बच्चों में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। स्कूल न जाना और घरों में कैद रहकर ऑनलाइन पढ़ाई ने बच्चों में स्ट्रेस लेवल को बढ़ा दिया है, जिससे बच्चे चिड़चिड़े हो गये हैं। यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इन परिस्थितियों से बच्चों को बाहर निकालें। इसमें सबसे महत्वपूर्ण और उत्कृष्ट भूमिका शिक्षक अदा कर सकते हैं। बच्चों को अपने अधिकारों की जानकारी हो, इसके लिये आवश्यक है कि शिक्षकों को भी अधिकारों की जानकारी हो।
लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने कहा कि बच्चों के साथ सबसे ज्यादा काम स्कूल शिक्षा विभाग करता है। शिक्षा विभाग में राइट-टू-एजुकेशन लागू हुआ है, तब से बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने में सफल हो रहे हैं। बच्चों के शोषण को रोकने के लिये न सिर्फ बच्चों को उनके अधिकारों की जानकारी होनी चाहिये, बल्कि उनके अभिभावकों और शिक्षकों को भी इन अधिकारों के प्रत सजग रहना होगा।
कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर्स को बाल मजदूरी, साइबर क्राइम, जुविनाइल जस्टिस एवं पॉक्सो एक्ट आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मध्यप्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सचिव शोभा वर्मा ने आभार माना।
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