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भोपाल। प्रदेश के कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि माटी-कला देश की प्राचीनतम शिल्प-कला है। वर्तमान में माटी-कला के क्षेत्र में कार्य करने वाले शिल्पियों को आर्थिक मदद के साथ कार्य-क्षमता वृद्धि के लिये प्रशिक्षण शिविर आयोजित किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने उत्पादित सामग्री को बाजार मुहैया कराने के लिए विस्तृत कार्य-योजना तैयार करने के निर्देश, माटी-कला बोर्ड, प्रबंधकारिणी सभा की बैठक में दिये।
मंत्री भार्गव ने कहा कि देश में प्राचीन समय से माटी शिल्प के उत्पादों का उपयोग किया जाता रहा है। कुम्हार समाज के लोग माटी-कला के क्षेत्र में परम्परागत रूप से विशेषज्ञता रखते हैं। इनकी कला को आधुनिक बाजार की डिमांड के अनुसार तैयार कराये जाने की जरूरत है। उन्होंने माटी-कला के उत्पादन, प्रशिक्षण और मार्केटिंग की विस्तृत कार्य-योजना तैयार कराने के निर्देश दिये हैं।
माटी-कला बोर्ड की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुभा श्रीवास्तव ने बोर्ड का वार्षिक प्रतिवेदन और गतिविधियों की जानकारी दी।
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