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स्कूल शिक्षा का रिपोर्ट कार्ड जारी,भोपाल 22 पायदान चढ़ा , बच्चों के बुनियादी संख्या ज्ञान को विकसित करने का लक्ष्य
भोपाल में स्कूल शिक्षा विभाग ने “मिशन अंकुर” अभियान का शुभारंभ किया “मिशन अंकुर” अभियान को लेकर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में “निपुण भारत” के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए “मिशन अंकुर” अभियान नींव का पत्थर साबित होगा | इस अभियान से कक्षा पहली से 3 तक के बच्चों के बुनियादी और संख्या ज्ञान को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है | वहीं इस दौरान प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया | भोपाल में स्कूल शिक्षा विभाग ने “मिशन अंकुर” अभियान की शुरुआत की मध्यप्रदेश में कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा में वर्ष 2027 तक परिपक्वता एवं आवश्यक सुधार लाने का लक्ष्य रखा गया है | इसके लिए प्रदेश की जनजातीय एवं क्षेत्रीय कुल 8 भाषाओं में “मिशन अंकुर” के लक्ष्यों की पाठ्य सामग्री तैयार की गई है | आने वाले समय में “मिशन अंकुर” को सफल बनाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं के शिक्षकों को उन्हीं के क्षेत्र में पदस्थापना में प्राथमिकता दी जाएगी जिससे बच्चे अपनी बोलचाल की भाषा में ही बुनियादी शिक्षा सहजता से प्राप्त कर सके | इस मौके पर मंत्री परमार ने प्रदेश के समस्त प्राथमिक विद्यालयों के लिए “मिशन अंकुर” के लक्ष्य पोस्टर, वीडियो के साथ बेसलाइन रिपोर्ट का विमोचन किया | ये “लक्ष्य पोस्टर” मध्यप्रदेश की जनजातीय , क्षेत्रीय बोलियों और भाषाओं में तैयार किया गया है | गौंडी, भीली, कोरकू सहित कुल 8 भाषाओं में लक्ष्य पोस्टर जारी किए गए हैं | बुनियादी शिक्षा को मजबूत करने के लिए शैक्षिक कार्यों में शिक्षक एवं शिक्षण अधिकारियों के पूर्ण समर्पण की आवश्यकता है | शिक्षक के सहयोग के बिना “मिशन अंकुर” के लक्ष्यों की प्राप्ति नहीं हो सकती | इस मौके पर राज्य मंत्री परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन के साथ मध्यप्रदेश में कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों की बुनियादी शिक्षा में वर्ष 2027 तक परिपक्वता एवं आवश्यक सुधार लाने का लक्ष्य रखा गया है | मंत्री परमार ने प्रदेश के सभी जिलों का प्रारंभिक शिक्षा में प्रगति पत्रक भी जारी किया | स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिलों में संपादित किए जा रहे कार्यों के आधार पर सत्र 2022-23 के द्वितीय त्रैमास | की जिलों की रैकिंग तय की गई है | इस रैंकिंग में खंडवा, छतरपुर, छिंदवाड़ा, शहडोल एवं बालाघाट शीर्ष पाँच जिले हैं | स्कूल शिक्षा रैंकिंग में भोपाल 22 पायदान चढ़ा फिर भी बी ग्रेड मिला इस मौके पर राज्य शिक्षा केंद्र संचालक धनराजू एस ने कहा कि जिलों के स्कूलों में हर कार्य और उपलब्धि के आधार पर जिलों को नंबर दिए गए हैं | जिलों की शैक्षिक रैंकिंग के अनुसार गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है | कई जिलों ने पिछली रैंकिंग के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है | इस प्रक्रिया से सकारात्मक प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित हुई है |
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