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गांव के बच्चों को फ्री दे रहे आर्मी-पुलिस की ट्रेनिंग
मध्य प्रदेश के दमोह के गांव के बच्चे आर्मी और पुलिस के लिए तैयार हो रहे हैं। उनकी मदद कर रहे हैं गांव में ही जन्मे सेवानिवृत्त प्रोफेसर मुलायम सिंह ठाकुर। ठाकुर गांव के लिए भी बहुत कुछ कर रहे हैं। उनके शिष्यों के श्रमदान से गांव में मंदिर, धर्मशाला, चबूतरा, प्राइमरी स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर बनाया जा चुका है। ये सब अपनी जन्मभूमि से लगाव होने के कारण किया जा रहा है।
बता दें कि ये कहानी है दमोह जिला मुख्यालय से 50 किमी दूर बटियागढ़ ब्लॉक के आदर्श ग्राम गढ़ोलाखाड़े की। यहां के 78 वर्षीय मुलायम सिंह ठाकुर की 28 साल पहले 1995 में उज्जैन के सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्राचार्य के पद से रिटायर्ड हुए थे। मुलायम सिंह रिटायरमेंट के बाद उज्जैन में ही रहना चाहते थे, लेकिन गांव की बदहाली देखकर उन्होंने तय किया कि जब तक गांव की तस्वीर नहीं बदलेंगे वे यहीं रहेंगे। लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया। उन्होंने गांव के बच्चों को आर्मी और पुलिस की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। गांव में अब 90 फीसदी लोग साक्षर हैं और स्वच्छता का अवॉर्ड भी गांव को मिल चुका है। यहां पर फिटनेस के लिए ट्रेनिंग स्कूल, कंप्यूटर सीखने के लिए सेंटर और बच्चों के लिए जनसहयोग से बना प्राइमरी स्कूल है।
मुलायम सिंह ठाकुर ने गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लक्ष्य बनाकर उन्होंने लोगों को एकजुट किया। गांव की समृद्धि को लेकर बेटों के साथ गांव में संवाद किया। गांव वालों ने भी एक कदम आगे आकर इनका साथ दिया। उन्होंने युवाओं को जोड़ा और उनकी कमेटी गठित की। इस काम में उनकी पत्नी कृष्णा लोधी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बच्चों को रिटायर्ड प्रोफेसर मुलायम सिंह सिर्फ मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं। ठाकुर के तीन बेटे हैं। एक रिटायर्ड मेजर जनरल, दूसरा इंजीनियर और तीसरा लेक्चरर है।
मुलायम सिंह गांव में शिक्षा ही नहीं, रोजगार के लिए भी काम कर रहे हैं। वे गांव के युवाओं के पुलिस और आर्मी भर्ती के लिए ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। गांव के लगभग 80 से 90 युवक-युवतियां आते है। गांव के एक युवा राजेन्द्र सिंह का चयन 2019 में आर्मी में कांस्टेबल में हो चुका है, 2021आर्मी में पुष्पेंद्र लोधी का और 2022 में पुलिस में दीपांशी साहू का चयन हुआ है अन्य बच्चे अभी एमपी पुलिस और आर्मी की तैयारी कर रहे हैं। मुलायम सिंह सुबह 5 बजे स्कूल के ग्राउंड में पहुंच जाते हैं और 90 युवाओं को फिजिकल ट्रेनिंग देते हैं। यह ट्रेनिंग सुबह साढ़े 7 बजे तक चलती है।
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