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मध्य प्रदेश में चुनाव का माहौल शुरु हो गया है लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जनता से जुड़े मुद्दे उठाने में कोई इंटरेस्ट नहीं है। राजधानी के पॉश इलाके कोहफिजा में संचालित सरकारी स्कूल में कक्षा चार की छात्रा के साथ दरिंदगी के मामले में विधायक पीसी शर्मा सहित 8-10 कांग्रेसी नेताओं ने औपचारिक ज्ञापन सौंपा। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार के घर तक पैदल मार्च कर धरना-प्रदर्शन कर नींद में सोयी शिवराज सरकार को जगाने का प्रयास किया। आश्चर्यजनक बात यह है कि उनका यह पैदल मार्च रास्ते से निकल रही राहगीरों को भी आकर्षित नहीं कर पाया। कुल मिलाकर हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण विषय पर कोई प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं किया। जबकि यह मामला इतना अधिक गंभीर है कि घटना के प्रकाश में आने के तुरंत बाद विपक्षी पार्टी को कुछ ऐसा करना चाहिए था जिससे जनता को विश्वास होता कि कांग्रेस पार्टी उनके हितों की रक्षा के प्रति गंभीर है। समरधा के पुल के मामले में भी कांग्रेस का रवैया कुछ ऐसा ही रहा। इतना बड़ा मुद्दा हाथ से निकल जाने दिया। शायद दिल्ली वाली कंपनी से किसी बड़े नेता के कोई संबंध होंगे। मध्य प्रदेश में चुनाव का माहौल शुरु हो गया है लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं को जनता से जुड़े मुद्दे उठाने में कोई इंटरेस्ट नहीं है। राजधानी के पॉश इलाके कोहफिजा में संचालित सरकारी स्कूल में कक्षा चार की छात्रा के साथ दरिंदगी के मामले में विधायक पीसी शर्मा सहित 8-10 कांग्रेसी नेताओं ने औपचारिक ज्ञापन सौंपा।मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया गया है कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार के घर तक पैदल मार्च कर धरना-प्रदर्शन कर नींद में सोयी शिवराज सरकार को जगाने का प्रयास किया। आश्चर्यजनक बात यह है कि उनका यह पैदल मार्च रास्ते से निकल रही राहगीरों को भी आकर्षित नहीं कर पाया।कुल मिलाकर हमेशा की तरह इस बार भी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण विषय पर कोई प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं किया। जबकि यह मामला इतना अधिक गंभीर है कि घटना के प्रकाश में आने के तुरंत बाद विपक्षी पार्टी को कुछ ऐसा करना चाहिए था जिससे जनता को विश्वास होता कि कांग्रेस पार्टी उनके हितों की रक्षा के प्रति गंभीर है। समरधा के पुल के मामले में भी कांग्रेस का रवैया कुछ ऐसा ही रहा। इतना बड़ा मुद्दा हाथ से निकल जाने दिया। शायद दिल्ली वाली कंपनी से किसी बड़े नेता के कोई संबंध होंगे।
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