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बुरहानपुर। इंदौर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने शुक्रवार को नगर निगम के प्रभारी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद खान को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत ठेकेदार से बकाया बिल की राशि पास कराने के एवज में मांगी गई थी, जिसकी शिकायत मिलने के बाद लोकायुक्त की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया।
इंदौर लोकायुक्त डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत शहर की दीवारों पर पेंटिंग कराने वाले ठेकेदार सार्थक सोमानी निवासी रतलाम ने गुरुवार को एसपी लोकायुक्त से इसकी शिकायत की थी। उसने बताया था कि वाल पेंटिंग का करीब 21 लाख रुपये का बिल पास कराने के बदले नगर निगम के कार्यपालन यंत्री द्वारा डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है।
उन्होंने बताया कि ठेकेदार को पैसे लेकर प्रभारी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद खान के पास भेजा। शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही ठेकेदार ने 50 हजार रुपये नकद और एक लाख रुपये का चेक सगीर अहमद को दिया, उसी समय लोकायुक्त पुलिस की छह सदस्यीय टीम ने उन्हें दबोच लिया। ठेकेदार से मिली राशि और चेक सगीर अहमद ने अपने चपरासी दैवेभो कर्मचारी अजय मोरे को रखने के लिए दे दिया था, जिसके चलते अजय मोरे को भी आरोपित बनाया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपित प्रभारी कार्यपालन यंत्री सगीर अहमद खान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। फिलहाल आगे की कारर्वाई जारी है।
शिकायतकर्ता ठेकेदार सार्थक सोमानी ने बताया कि वह कई जिलों में वाल पेंटिंग का ठेका लेता है। बुरहानपुर में उसे दो टेंडर मिले थे। उसने टेंडर की शर्तों के मुताबिक 28 फरवरी को अपना काम पूरा कर दिया था। पूर्व निगमायुक्त एसके सिंह ने खुद वाल पेंटिंग कार्य की मानीटरिंग की थी। इससे पहले भी वह सगीर अहमद को अच्छी खासी रकम दे चुका था। उसकी बिल फाइल ओके होकर लेखा शाखा में भी पहुंच गई थी। सगीर अहमद ने फाइल को वहां से वापस बुला लिया और राशि भुगतान से पहले डेढ़ लाख रुपये की मांग शुरू कर दी। इसकी रिकार्डिंग भी लोकायुक्त के पास है। परेशान होकर आखिरकार उसने 28 अप्रैल को एसपी लोकायुक्त इंदौर से शिकायत की थी।
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