Patrakar Priyanshi Chaturvedi
ईशमधु तलवार-
ज्ञानरंजन जी का अभी-अभी फोन आया। बताया कि “पहल” का आने वाला 125 वां अंक, आखिरी अंक होगा!
सुनकर अच्छा नहीं लगा, लेकिन क्या करें! हिंदी साहित्य की इस प्रतिष्ठित पत्रिका का इस तरह अवसान होना मन को दुखी कर गया।
ज्ञानजी ने बताया कि संसाधनों की भी दिक्कत नहीं थी, लेकिन स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा।
ज्ञानजी हमेशा स्वस्थ बने रहें, यही शुभकामना।
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