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गुजरात स्थित गिर के जंगल में मंगलवार को दो और शेरों की मौत हो गई। इन मौतों के साथ ही गिर में 12 सितंबर के बाद शेरों की मौत की संख्या 23 पहुंच गई है। शेरों की इस तरह हो रही मौतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। सर्वोच्च न्यायलय ने मामले में संज्ञान लेते हुए राज्य और केंद्र सरकार से पूछा है कि यह मौते क्यों हो रही हैं।
मामले में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि मंगलवार सुबह दोनों शेरों को इन्फेक्शन के चलते बचाव गृह लाया गया था। जहां दोनों की मौत हो गई।
बता दें कि इसके पहले सोमवार को 7 और शेरों के शव मिले थे। अज्ञात वायरस के चलते 14 शेरों की मौत पहले ही हो चुकी थी। शेरों के एनआइवी सैंपल जांच के लिए पुणे भेजे गए हैं। एफएसएल की टीम भी जंगल का निरीक्षण कर रही है।
वनमंत्री गणपतसिंह वसावा ने पिछले दिनो ही जूनागढ़ के पास गिर का दौरा कर मृत शेरों के बारे में जानकारी हासिल की थी। चार शेरों में वायरस मिलने के बाद शेरों को संक्रमण से बचाने के लिए अमरीका से विशेष इंजेक्शन मंगाए जा रहे हैं।
शेरों की मौत की घटना के बाद करीब 550 वनकर्मियों की 140 टीमों ने 24 सितंबर से शेरों के निरीक्षण का काम शुरू किया था।
इस दौरान 600 शेरों में से 9 बीमार पाए गए, जिनमें से 4 का वहीं उपचार किया और 5 को उपचार के लिए बचाव गृह लाया गया था। यहां इलाज के दौरान मंगलवार को दो और की मौत हो गई।
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