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अलवर के सामाजिक एवं पर्यावरणीय न्याय नेतृत्व शिविर में मुख्समंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा के बाद समुदाय के सहयोग से 'नर्मदा सेवा मिशन' अनवरत चलेगा। इसमें सरकार सहयोगी की भूमिका में होगी। नर्मदा सेवा और संरक्षण की गतिविधियाँ समुदाय द्वारा लागू की जायेगी। वे आज राजस्थान के अलवर जिले के भीकमपुरा गाँव में सामाजिक एवं पर्यावरणीय न्याय नेतृत्व शिविर को संबोधित कर रहे थे।
यह शिविर तरूण भारत संघ द्वारा किया गया था। प्रसिद्ध समाज सेवी श्री अन्ना हजारे, विख्यात पर्यावरणविद श्री चंडीप्रसाद भट्ट्, तरुण भारत संघ के श्री राजेन्द्र सिंह और देश भर से आये जल संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित थे।
श्री चौहान ने कहा कि पिछले तीन-चार दशक में नदियों के पर्यावरण में तेजी से गिरावट आयी है। वनों की कमी और शहरीकरण जैसे कारणों से नदी जल प्रदूषण बढ़ा और नदियों का प्राकृतिक बहाव भी कम हो गया है। इससे खेती पर विपरीत असर पड़ा। जल-जमीन और जंगल पर आधारित आजीविका में कमी आयी। जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएँ पैदा हो गई हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रही नर्मदा सेवा यात्रा की रूपरेखा और उद्देश्य बताते हुए कहा कि यह यात्रा नदी पर्यावरण के प्रति चेतना जाग्रत करने वाली है। नदी संरक्षण का नागरिक धर्म और कर्त्तव्य निभाने की यात्रा है। उन्होंने कहा कि नर्मदा के उदगम स्थल अमरकंटक में 11 मई को यह यात्रा पूर्ण होगी। श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी को स्वच्छ, सुंदर और जल समृद्ध बनाये रखना अनिवार्य हो गया है क्योंकि इसी पर प्रदेश के लोगों का जीवन निर्भर है। उन्होंने कहा कि यदि नर्मदा नहीं बचेगी तो मध्यप्रदेश का जीवन भी नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि अकेले सरकार यह काम नहीं कर सकती। समुदाय के लोगों को आगे बढ़कर साथ देना होगा। प्रदेश में समुदाय के सहयोग से यह अभियान विश्व का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान बन गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से नीतिगत निर्णय लिये जा रहे हैं। श्री चौहान ने बताया कि अमरकंटक की पहाड़ी पर किसी भी प्रकार का खनन नहीं होने दिया जायेगा। इसे हरियाली से समृद्ध बनाया जायेगा। नर्मदा के आसपास के नालों से जो गंदा पानी नदी में मिल रहा है उसके प्रबंधन की व्यवस्था की जायेगी। किसी भी कीमत पर सीवेज का पानी नदी में नहीं मिलने दिया जायेगा। इसे नदी से दूर ले जाकर उपचारित किया जायेगा।
श्री चौहान ने आगामी दो जुलाई को नर्मदा नदी के दोनों तटों पर होने वाले ऐतिहासिक वृक्षारोपण कार्यक्रम में शिविर के प्रतिभागियों को आमंत्रित किया। उन्होंने 11 मई को नर्मदा सेवा यात्रा के समापन पर अमरकंटक आने का भी निमंत्रण दिया।
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