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इंदौर में सड़क हादसों में हर साल मरते हैं 500 लोग
DGP BHOPAL

 

 
dgp बोले हत्या से चार गुना है ये आंकड़ा 
 
इंदौर में मध्यप्रदेश के नवागत डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला ने शहर में सड़क हादसों से हो रही मौतों और नशे के कारोबार को पुलिस के लिए चुनौती बताया। इन मुद्दों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। साथ ही इंदौर पुलिस की अपराधों पर नियंत्रण को लेकर तारिफ भी की।
सुबह 11 बजे पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे डीजीपी ने जिले के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान एडीजी विपिन माहेश्वरी और डीआईजी संतोषकुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। पत्रकारों से चर्चा में डीजीपी ने कहा, इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है और पुलिसिंग के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण जिला है। इंदौर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने यहां काफी अच्छा काम किया है। इंदौर में पुलिस के लिए दो प्रमुख चुनौती हैं। जिले में हर साल सड़क हादसों में 500 लोग जान गंवा रहे हैं, जो हत्या के आकड़े से चार गुना ज्यादा है। 
हर साल करीब 8 हजार दुर्घटनाओं के मामले दर्ज होते हैं, जो कुल अपराध का 20 प्रतिशत है। सड़क हादसों में मारे जा रहे लोगों की जिंदगी बचाने के लिए प्रयास करना पहली प्राथमिकता है। इसको लेकर माइक्रो लेवल पर प्लॉनिंग करना होगी। इस मुद्दे के साथ डीजीपी का कहना था कि हिंसक अपराधों के पीछे मुख्य कारण आरपो का नशे में होना पाया गया है। इसलिए कॉन्फ्रेन्स  में नशे को रोकने के संबंध में चर्चा की गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अवैध रूप से नशा बेचने वालों पर कार्रवाई के साथ सेवन करने वालों को जागरुक करने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
 
Dakhal News 14 July 2016

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