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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने देशभक्ति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरे की देशभक्ति को मापने का अधिकार किसी को नहीं है। यदि कोई खुद को देश का कर्ताधर्ता माने तो भी वो किसी की देशभक्ति नहीं नाप सकता।
पत्रकार विजय मनोहर तिवारी की पुस्तक ‘भारत की खोज में मेरे पांच साल’ के विमोचन समारोह में भागवत ने शनिवार को यहां कहा, ‘दूसरे की देशभक्ति मापने का अधिकार किसी को नहीं है। किसी को भी नहीं, मुझे भी नहीं। कोई अपने आपको इस देश का कर्ताधर्ता माने तो भी वो किसी की देशभक्ति कितनी है, यह नाप नहीं सकता या नाप कर उस पर बोल नहीं सकता।’
उन्होंने कहा कि हमारी आशा सागर का कोई किनारा नहीं है। ऐसी भक्ति की आंखों से देश को देखने के बाद देश समझ में आता है। इस पुस्तक के लेखों से यह आभास होता कि लेखक द्वारा ऐसी भक्ति की नजर से देश को देखा गया है।
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