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अमिताभ बच्चन ने आज कहा कि जो लोग यातायात नियम तोड़ते हैं उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस होता है. ऐसे में सवाल उठता है उनकी ड्राइविंग की ट्रेनिंग का. क्या उन्हें ड्राइविंग सिखाने वालों की शिक्षा की भी जांच होती है? क्योंकि कहीं न कहीं ट्रेनिंग में कमी है, तभी तो हादसे हो रहे हैं.
सदी के महानायक अभिनेता अमिताभ बच्चन ने मुंबई में सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ समारोह में यह बात कही. उन्होंने सड़क सुरक्षा अभियान की शुरुआत की. समारोह में ट्रैफिक पुलिस के आधुनिकीकरण पर जोर दिया गया, लेकिन खुद ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने सड़क दुर्घटना में मौत के आंकड़ों का उल्लेख कर चिंता जताई तो महानायक अमिताभ बच्चन ने ड्राइविंग सिखाने वालों की योग्यता पर ही सवाल खड़ा किया.
तेजी से आधुनिक हो रही मुंबई ट्रैफिक पुलिस के लिए सड़क हादसों पर काबू पाना एक बड़ी चुनौती है. यहां हर साल सड़क पर इतने लोग मारे जा रहे हैं जितने किसी बीमारी से नहीं. साल 2015 में मुंबई में 23347 सड़क हादसे हुए और 520 लोगों की मौत हो गई. यानी हर पंद्रह घंटे में एक मौत. परिवहन आयुक्त प्रवीण गेदाम के मुताबिक साल भर में देश में मलेरिया से सिर्फ 70 लोगों की मौत हुई है जबकि सड़क हादसे में 13200 लोग मारे गए हैं.
मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने इस चुनौती का सामना करने के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का सहारा लिया है. अमिताभ बच्चन ने वर्ली के ट्रैफिक मुख्यालय में कंट्रोल रूम और ई-चालान केंद्र का मुआयना किया और आधुनिकीकरण की तारीफ की.
ट्रैफिक पुलिस का यह 28वां सड़क सुरक्षा सप्ताह है जिसमें लोगो को यातायात नियमों से अवगत कराया जाएगा. हालांकि खुद कुछ पुलिस वालों का मानना है कि समस्या अशिक्षा या अनभिज्ञता नहीं बल्कि असंवेदनशील मानसिकता का होना है. खुद अमिताभ बच्चन ने भी किसी भी देश के बारे में राय बनाने के लिए उस देश के यातायात को आधार बताया और लोगों से भी खुद में बदलाव लाने की अपील की.
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