Patrakar Priyanshi Chaturvedi
चुनाव सुधार और वंदे मातरम पर चर्चा के लिए समय तय होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शांतिपूर्ण शुरू हुई, लेकिन राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन करने के मुद्दे पर हंगामा खड़ा हो गया। पश्चिम बंगाल की डोला सेन ने केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि राज्यों की सहमति के बिना ऐसा फैसला लेना अधिकारों का हनन है। इस पर सत्ता पक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने सेन को विषय से भटकने का आरोप लगाते हुए उनके बयान को कार्यवाही से हटाने की मांग की, जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने नड्डा पर “बुलडोजिंग” करने का आरोप लगाया। जवाब में नड्डा ने कहा कि उन्होंने कभी “बुलडोज्ड” नहीं किया।
सदन में अन्य मुद्दे भी जोरदार तरीके से उठे। राजस्थान के नीरज डांगी ने बैंक डूबने की स्थिति में जमा राशि पर मिलने वाले बीमा कवरेज को 5 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की मांग रखी, ताकि खाताधारकों की मेहनत की कमाई सुरक्षित रह सके। महाराष्ट्र की सांसद मेघा कुलकर्णी ने हलाल सर्टिफिकेशन के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि गैर-मांसाहारी और यहां तक कि गैर-खाद्य उत्पादों पर हलाल प्रमाणन क्यों दिया जा रहा है, जबकि देश में पहले से ही एफएसएसआई जैसी सरकारी संस्थाएं मौजूद हैं। उन्होंने मांग की कि यदि हलाल प्रमाणन आवश्यक है, तो इसकी व्यवस्था सरकार के अंतर्गत होनी चाहिए।
दिल्ली की सड़कों और भवनों के नामों को लेकर भी बहस छिड़ी। बीजेपी के दिनेश शर्मा ने कहा कि राजधानी में अब भी मुगल शासकों और अंग्रेज वायसरायों के नाम वाली सड़कें गुलामी की मानसिकता को दर्शाती हैं और इन नामों को हटाया जाना चाहिए। वहीं, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सुमित्रा बाल्मिक ने रात में महिलाओं के लिए “पिंक रिक्शा” चलाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को रोजगार मिलेगा और महिला ड्राइवर होने से यात्री महिलाओं को अतिरिक्त सुरक्षा का एहसास होगा।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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