एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में हुआ ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स लीडरशिप कनेक्ट
bhopal, Global Capability Centers Leadership  , Growth Conclave 2.0
भोपाल । मध्य प्रदेश को ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में गुरुवार को एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 के अंतर्गत “एमपी जीसीसी लीडरशिप कनेक्ट राउंडटेबल” का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर 25 से अधिक ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स शामिल हुए और राज्य की दीर्घकालिक तकनीकी रणनीति को दिशा देने के लिए सार्थक चर्चा हुई।


विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने कहा कि मध्य प्रदेश को जीसीसी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। टियर-2 शहरों में उपलब्ध सुविधाएं जीसीसी के लिए सशक्त बिजनेस इको सिस्टम बनाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां समर्पित जीसीसी नीति बनाई गई है। इसके साथ ही राज्य में ड्रोन नीति के तहत ड्रोन डाटा रिपॉजिटरी विकसित की जा रही है। प्रदेश में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश एवं विकास को निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। डाटा सेंटर नीति के तहत व्यवसायों को सब्सिडी दी जा रही है और स्पेस टेक्नोलॉजी नीति तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि आईआईटी इंदौर देश का एकमात्र संस्थान है जहाँ स्पेस टेक्नोलॉजी में बीटेक एवं एमटेक कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने वाला अग्रणी राज्य है। देश के 10 प्रतिशत से अधिक गेमिंग आईपी क्रिएशन मध्य प्रदेश से हुए हैं, जो राज्य की तकनीकी क्षमता और टैलेंट की उपलब्धता को दर्शाते हैं।


नीतिगत और प्रशासनिक सहयोग
मध्य प्रदेश सरकार ने जीसीसी की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिए कई नीतिगत एवं प्रशासनिक कदम उठाए हैं। संपदा पोर्टल के माध्यम से आसान रजिस्ट्री, लेबर लॉ में सरलीकरण, साइबर तहसील के माध्यम से विवाद निपटान, पेरोल सब्सिडी और पेटेंट असिस्टेंस जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। राज्य में ग्रीन एनर्जी की उपलब्धता और कार्बन क्रेडिट व्यवस्था जैसे पर्यावरणीय उपाय सकारात्मक बिजनेस इकोसिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बनाते हैं।


उद्योग प्रतिनिधियों ने साझा किये विचार
वेना इंडिया सेंटर हेड गौतम यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में आईआईटी इंदौर, मैनिट भोपाल, और जीएसआईटीएस इंदौर जैसे संस्थानों की मौजूदगी से राज्य में उच्च गुणवत्ता वाला टैलेंट पूल उपलब्ध है। उन्होंने जीसीसी के सशक्त विकास के लिए सीनियर लीडरशिप को आकर्षित करने का सुझाव दिया। वेना इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट पार्थ सेन गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश में वित्तीय क्षेत्र की विशेषता और संभावनाएं जीसीसी की स्थापना के लिए अत्यंत अनुकूल हैं।


केपीएमजी के पार्टनर गौरव कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश के टियर-2 शहरों में उत्कृष्ट टैलेंट पूल उपलब्ध है और यहां के युवा राज्य में ही रहकर काम करना पसंद करते हैं, जिससे टैलेंट की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित रहती है। एनटीटी डाटा के साइबर हेड क्षितिज बंथिया ने कहा कि राज्य में कई जीसीसी पहले से सक्रिय हैं और यहां स्टार्टअप कल्चर को निरंतर बढ़ावा मिल रहा है। जीसीसी में स्थानीय भर्ती को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। ई एंड वाई एलएलपी के पार्टनर आदित्य क्षेत्रपा ने कहा कि जीसीसी की स्थापना के साथ उसकी निरंतरता पर भी ध्यान देना आवश्यक है, जिससे कार्य त्वरित गति और कम लागत से हो सके।


प्रदेश में सस्टेनेबिलिटी, प्रगति और विकास की दिशा में आगे बढ़ते हुए ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। इन केंद्रों का उद्देश्य न केवल तकनीकी और औद्योगिक क्षमताओं को सशक्त बनाना है, बल्कि रोजगार, नवाचार और कौशल विकास के नए अवसर भी सृजित करना है।

 

Dakhal News 13 November 2025

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.