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हरदा जिले में इस साल सोयाबीन की फसल पर दोहरी मार पड़ी है.....लगातार बारिश और पीला मोजेक जैसी बीमारियों ने किसानों की मेहनत चौपट कर दी है.....किसानों की मांग पर अब क्रॉप कटिंग पद्धति से नुकसान का सर्वे शुरू हो गया है.....राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग की टीमें गांव-गांव जाकर खेतों में फसल की वास्तविक स्थिति का आकलन कर रही हैं..... रिपोर्ट के बाद बीमा और मुआवजा तय किया जाएगा।
हरदा जिले के किसानों की चिंताएं इस साल दोगुनी हो गई हैं.....एक ओर लगातार बारिश ने सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचाया है..... वहीं दूसरी ओर पीला मोजेक और अफलन जैसी बीमारियों ने उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है.....किसानों की मांग पर प्रशासन ने अब सैटेलाइट सर्वे के बजाय क्रॉप कटिंग पद्धति से वास्तविक नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है.....हरदा और हंडिया तहसील के कई गांवों में राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग की संयुक्त टीमें खेतों में पहुंचीं.....टीमें 5x5 फीट के प्लॉट बनाकर फसल की कटाई कर नुकसान की श्रेणी तय कर रही हैं.....हरदा के झाड़पा गांव में किसानों ने बताया कि इस बार उत्पादन घटकर मात्र 50 किलो से 1 क्विंटल प्रति एकड़ रह गया है.....एसडीएम अशोक डहेरिया ने कहा कि सर्वे पूरा होने के बाद वास्तविक नुकसान का प्रतिशत तय कर मुआवजा और बीमा राशि जारी की जाएगी.....
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