कान्हा टाइगर रिजर्व में एक नर बाघ और दो मादा शावकों की मौत
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मंडला । मध्य प्रदेश के मंडला जिला स्थित प्रसिद्ध कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में जंगल सफारी शुरू होने के दूसरे दिन ही दो अलग-अलग स्थानों पर तीन बाघों की मौत हो गई। इनमें एक वयस्क बाघ और दो मादा शावक हैं। गुरुवार की शाम एक वयस्क बाघ का शव मुक्की रेंज के मवाला में और लगभग दो महीने की दो मादा शावकों के शव कान्हा रेंज की मुंडीदादर बीट में मिले हैं। रिजर्व प्रबंधन ने फिलहाल घटना की वजह बाघों के बीच आपसी संघर्ष बताया है और मामले की जांच की बात कही है।
 
दरअसल, बारिश के दौरान प्रजनन काल में तीन महीने के लिए प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया जाता है। एक अक्टूबर से सभी टाइगर रिजर्व को पर्यटकों को लिए पुनः खोला गया है। इसके बाद सभी टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो गई है। इसी बीच दो अक्टूबर की शाम होते-होते तीन बांघों की मौत हो गई। मरने वालों में दो मादा बाघ शावक की उम्र एक-से दो महीने और वयस्क नर बाघ की उम्र 10 वर्ष बताई गई है।
 
वन अधिकारियों के मुताबिक शावकों पर किसी नर बाघ ने हमला किया, जो क्षेत्र में नव प्रवेशी हो सकता है। शावकों के गले और सिर पर गहरी चोटें मिलीं, जो बाघों के बीच संघर्ष की निशानी हैं। वहीं एक 10 वर्षीय नर बाघ की गले की हड्डी टूटने से मौत हुई। पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि यह क्षेत्रीय लड़ाई का शिकार हुआ, जहां दो नर बाघों के बीच टकराव आम है। कान्हा प्रबंधन ने तुरंत एनटीसीए को सूचित किया और सभी शवों का अंतिम संस्कार (शवदाह) कर दिया गया, ताकि अन्य जंगली जानवरों को नुकसान न हो।
 
कान्हा टाइगर रिजर्व के निदेशक संजय शुक्ला ने शुक्रवार को कहा कि ये मौतें इंट्रा-स्पीशीज कंफ्लिक्ट (प्रजाति के अंदर संघर्ष) की वजह से लग रही हैं। बाघों की घनी आबादी (रिजर्व में 100+ बाघ) में क्षेत्रीय विवाद बढ़ जाते हैं, लेकिन फॉरेंसिक जांच पूरी होने पर ही पुष्टि होगी। डॉग स्क्वाड ने आसपास के क्षेत्र की तलाशी ली, लेकिन कोई संदिग्ध निशान नहीं मिला। वहीं, वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु कौशिक ने कहा कि कान्हा में बाघों की संख्या 100 से अधिक है, जो अच्छा संकेत है, लेकिन इससे टकराव भी बढ़ता है। शावकों की मौत सबसे दुखद, क्योंकि वे भविष्य की पीढ़ी हैं। एनटीसीए को मॉनिटरिंग बढ़ानी चाहिए।
 
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश का कान्हा टाइगर रिजर्व 940 वर्ग किमी में फैला है और यह प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है। यहां बरासिंघा और बाघों की आबादी पर गर्व किया जाता है, लेकिन एक ही दिन में तीन बाघों की मौत ने प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है। इधर, डॉग स्क्वाड और फॉरेंसिक टीम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
Dakhal News 3 October 2025

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