भोपाल । खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए चंद्रग्रहण एक अद्भुत खगोलीय घटना है और रविवार की रात पूरा देश इसका गवाह बना। रात करीब 9:57 बजे शुरू हुआ चंद्रग्रहण देर रात 1:26 बजे समाप्त हुआ। करीब तीन घंटे 28 मिनट तक चली इस खगोलीय घटना में रात 11 बजे से 12:23 तक 82 मिनट तक पूर्ण चंद्रग्रहण रहा। पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा तामिया लाल नजर आया, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। इस अद्भुत नजारे को देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश के भी अधिकांश हिस्सों से देखा गया। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं।
मध्य प्रदेश में भोपाल, इंदौर, उज्जैन और रायसेन समेत अधिकांश हिस्सों में लोगों ने इस खगोलीय घटना को देखा। कोई खुले मैदान से चंद्रग्रहण के नजारे देख रहा था, तो कोई अपने घर की छत से। चांद पूरी तरह से लाल दिखाई दे रहा था। लोगों ने इस नजारे को कैमरे में कैद कर लिया। लोगों ने चंद्रग्रहण की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। चंद्रग्रहण की यह घटना तीन घंटे 28 मिनट तक चली, जिसमें डेढ़ घंटे की अवधि पूर्ण चंद्रग्रहण की रही।
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में चंद्र ग्रहण से पहले 9:30 बजे आरती हुई। इसके बाद मंदिर के पट बंद कर दिए गए। आम दिनों में रात 10.30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे पट बंद होते हैं। महाकाल मंदिर के अलावा प्रदेश के सभी छोटे-बड़े मंदिरों के पट भी बंद रहे। इधर, चंद्रग्रहण के दौरान पाठ-पूजा, जप-आराधना और भजन-कीर्तन का दौर भी चलता रहा। चंद्र ग्रहण के दौरान सभी देव स्थानों पर पट बंद दिखाई दिए। वहीं रात को भजनों का दौर चलता रहा। मंदिरों में भक्त भगवान की भक्ति करते दिखाई दिए।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार, चंद्रमा और सूर्य के बीच में एक सीध में पृथ्वी के आ जाने से सूर्य की रोशनी सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती है। इससे चंद्रग्रहण की स्थिति बनती है। इस समय पृथ्वी की वायुमंडलीय परतों में से गुजरते हुए लाल तरंगें चंद्रमा तक पहुंचती हैं, जिससे चंद्रमा लाल तामिया दिखता है। इस रंग के कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता है।