श्रीकृष्ण जन्माष्टमी आस्था और उल्लास का पर्व
bhopal, Shri Krishna Janmashtami , festival of faith

भाद्रपद मास की कृष्ण अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जिसे जन्माष्टमी कहा जाता है......पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है......इस साल यह पावन पर्व 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा......भक्त इस दिन उपवास रखते हैं ......और रात्रि 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का पंचामृत से अभिषेक कर उनका सुंदर श्रृंगार करते हैं...... और उन्हें झूले में विराजमान करते हैं......जन्माष्टमी की सबसे खास बात यह है कि यह पर्व रात्रि 12 बजे मनाया जाता है......क्योंकि पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को मथुरा के कारागार में हुआ था......जब उनके माता-पिता देवकी और वसुदेव कंस की कैद में थे......यही कारण है कि यह पर्व आधी रात में विशेष पूजा और भजन कीर्तन के साथ मनाया जाता है......इस दिन खीरे से जुड़ी एक खास परंपरा भी निभाई जाती है......जिसमें रात्रि 12 बजे खीरा काटा जाता है......जो कारागार के दरवाजे के खुलने और श्रीकृष्ण के जन्म की अवधारणा को दर्शाता है...... यह परंपरा दर्शाती है कि कैसे अंधकार के बीच एक नई रोशनी का जन्म हुआ......जन्माष्टमी केवल त्योहार नहीं  बल्कि भक्तों के लिए आस्था और उम्मीद का प्रतीक है......

 
 
Dakhal News 15 August 2025

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