भोपाल जिला पंचायत की बैठक में उठा सरकारी स्कूलों की जर्जर बिल्डिंग का मुद्दा
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भाेपाल । भोपाल जिला पंचायत की बैठक में शुक्रवार काे सदस्यों ने जर्जर स्कूलों का मुद्दा उठाया। सदस्यों ने कहा कि कई स्कूल भवन बहुत ही जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं, और यदि कोई हादसा होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा? बैठक में सदस्यों ने जिला पंचायत अध्यक्ष से इन जर्जर भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना पंचायत की जिम्मेदारी है और इस मामले में लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। सदस्यों ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को लेकर चिंतित हैं और यदि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

 

भोपाल जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक में उपाध्यक्ष मोहन सिंह जाट, सदस्य विनय मेहर, विक्रम बालेश्वर, बिजिया राजौरिया ने यह मुद्दा उठाया। सदस्यों के इस मुद्दे पर डीपीसी आरके यादव ने कहा कि ऐसी बिल्डिंग की जांच करवाई जा रही है। निरीक्षण में डोगरा जागीर में टपकती छत के नीचे बच्चे बैठे मिले। पिपलिया में भी यही स्थिति थी। रात 8 बजे छत की सफाई करवाई। जितने संसाधन है, उनसे काम करवा रहे हैं। उपाध्यक्ष माेहन सिंह जाट ने कहा कि सभी स्कूलों का निरीक्षण करें। जबकि सदस्य बिजिया राजौरिया ने कहा कि अभी तो बोल देंगे लेकिन बाद में कोई काम नहीं करेंगे। सदस्य विनय मेहर ने कहा कि पथरिया का स्कूल की बिल्डिंग 25 साल पुरानी है। पिछले तीन साल से बारिश के माैसम में यहां तालाब की स्थिति बन जाती है, छत से पानी टपकता है और बच्चे ऐसे हालात में पढ़ने काे मजबूर है।उन्हाेंने शासन से मरम्मत करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चे प्राइवेट स्कूल में इसलिए जा रहे कि स्कूल बिल्डिंग जर्जर है। जिस पर सीईओ इला तिवारी ने कहा कि पथरिया में नई बिल्डिंग बनी है, लेकिन कोई उपयोग नहीं हो रही। यदि कोई और सरकारी बिल्डिंग है तो बच्चों को शिफ्ट करें। सदस्य भोलेश्वर ने कहा कि भामरा में स्कूल की दीवार गिर चुकी है। सांप भी निकलते हैं। बावजूद टूटे हुए स्कूल में बच्चों को बैठाया जाता है। ऐसी क्या मजबूरी है? डीपीसी आप निरीक्षण करें। बच्चे 10 का पहाड़ा नहीं सुना पाएंगे।

बैठक में एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को बुलाने की बात सदस्यों ने उठाई

बैठक में सदस्याें ने एसडीएम और पुलिस अधिकारियों को बुलाने की बात उठाई। इसी मुद्दे पर सीईओ तिवारी और फंदा जनपद अध्यक्ष प्रमोद सिंह राजपूत के बीच नोकझोंक भी हो गई। सीईओ ने लिखित में प्रस्ताव देने की बात कहीं। इस पर राजपूत ने कहा कि हमने पूर्व में लिखित में दिया था। सदस्य भोलेश्वर ने भी अधिकारियों को बुलाने की बात कही। इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, कृषि, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति, वन, महिला एवं बाल विकास विभागों की समीक्षा होगी। इससे पहले होने वाली सामान्य प्रशासन समिति की मीटिंग में प्रतिनिधियों की एंट्री नहीं हुई।

 
 

 

Dakhal News 11 July 2025

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