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लंदन: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने लंदन प्रवास के दौरान भारतीय उच्चायोग, लंदन के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने औद्योगिक विकास, तकनीकी सहयोग और वैश्विक निवेश को लेकर मध्यप्रदेश की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि औद्योगिक विकास प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और उन्होंने उज्जैन, रीवा, ग्वालियर, जबलपुर और सागर जैसे शहरों में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से प्रदेश में निवेश को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम राष्ट्रीय स्तर से आगे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को प्रदेश के विकास से जोड़ने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, जिसकी शुरुआत लंदन से हो रही है।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को ब्रिटिश सांसदों के साथ एक महत्वपूर्ण दोपहर भोज किया। इस दौरान उन्होंने सांसदों से वार्ता करते हुए कहा, "हमारी लोकतांत्रिक परंपरा कितनी समृद्ध है, यह साझेदारी इतिहास से भी जुड़ी है और भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच यह साझेदारी अब एक ‘लिविंग-ब्रिज’ के रूप में विकसित हो चुकी है, जो दोनों देशों के बीच स्थायी और जीवंत संबंधों को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने सांसदों को मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति और विकास की दिशा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था दोहरे अंकों में बढ़ रही है और मध्यप्रदेश अब भारत की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। कृषि-व्यवसाय, ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल, और आईटी सेक्टर में मध्यप्रदेश में निवेश और विकास की विशेष क्षमताएं मौजूद हैं।
यह दौरा भारतीय और ब्रिटिश नेताओं के बीच मजबूत साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, खासकर निवेश और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में।
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