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दतिया: दतिया जिला अब पराली जलाने के मामलों में पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है, जिसके चलते मुख्यमंत्री ने कड़े निर्देश जारी किए हैं और किसानों को सख्त चेतावनी दी है।
मध्य प्रदेश, जो पहले अपनी हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता था, अब पराली जलाने के मामलों में पंजाब को पीछे छोड़ चुका है। सेटेलाइट के जरिए मिले डेटा के अनुसार, दतिया जिले में पराली जलाने की 1042 घटनाएं सामने आई हैं। पिछले कुछ वर्षों में पराली जलाने के कारण न केवल प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी खराब हो रही है।
मुख्यमंत्री ने इस गंभीर मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे किसानों को जागरूक करें और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।
इस संदर्भ में, कलेक्टर संदीप माकिन ने चेतावनी दी है कि अगर किसी किसान ने फिर से पराली जलाई, तो उसकी फसल की खरीद पर रोक लगाई जाएगी, साथ ही खाद और बीज की आपूर्ति भी बंद की जा सकती है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने से बचें और इसके बजाय वैकल्पिक उपायों को अपनाएं, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
इस चेतावनी ने किसानों के बीच चिंता बढ़ा दी है, और अब वे अपने कृषि कार्यों में सावधानी बरतने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। प्रशासन ने किसानों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, ताकि वे इस समस्या के गंभीरता को समझ सकें और उसके अनुसार अपने कार्यों को बदल सकें।
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