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मुंह दबाते ही बच्ची बेहोश हो गई, फिर भी दरिंदा नोंचता रहा
मासूम से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। शव उसी फ्लैट पर मिला, जहां पुलिस 3 बार तलाशी कर चुकी थी। बच्ची के घर से 8 फीट की दूरी पर ही कातिल था, पर पुलिस ढूंढ ही नहीं पाई। पहले ढूंढ लेते तो शायद वह जिंदा होती। पुलिस के अनुसार, 32 वर्षीय आरोपी मूलत: खरगोन का है। उसके 7 साल व दो साल के दो बेटे हैं। पत्नी मायके में रहती है।
आरोपी दोनों बच्चों व मां के साथ 5 माह से भोपाल में रह रहा था। मासूम बच्ची उनके साथ खेलती थी। मंगलवार दोपहर बच्ची सेकंड फ्लोर पर रहने वाली दादी के यहां से अपने फ्लैट पर आ रही थी। आरोपी के दोनों बच्चे बुआ के घर खेलने गए थे। मौका पाकर आरोपी उसे साथ ले गया। मुंह दबाया तो बच्ची बेहोश हो गई। उसने उसी हालत में दरिंदगी की। बच्ची किसी को बता न दे, इसलिए उसी दिन गला दबाकर मार डाला।
बाथरूम के ऊपर अंधेरे में टंकी रखी थी... इसी में कपड़े से लपेटकर शव छिपा रखा था... स्नीफर डॉग भी भीड़ के कारण पकड़ नहीं पाए
डीसीपी जोन-3 रियाज इकबाल बोले- आरोपी के बाथरूम के ऊपर टंकी फिक्स थी। उसमें पानी का कनेक्शन कटा था। अंधेरा होने से वह दिख भी नहीं रही थी। बिल्डिंग के सभी फ्लैट्स की दो-दो बार सर्चिंग हुई। बिल्डिंग के 500 मीटर दायरे के फ्लैट सर्च किए थे। सुबह जब चौथी बार आरोपी के फ्लैट की सर्चिंग की तो बदबू आई। आरोपी की मां ने मरा हुआ चूहा बताया। सख्ती से सर्चिंग की तो खुलासा हुआ।
तलाशी में ड्रोन, डॉग, साइबर व 5 थानों के 150 पुलिसकर्मी जुटे थे। स्नीफर डॉग भी थे, पर भीड़ अधिक होने के कारण वे पकड़ नहीं पाए।
आरोपी के खिलाफ खरगोन में भी छेड़छाड़ का एक केस दर्ज है।
मां-बहन को पता था, अब ऐसी धाराओं में केस, जिसमें आजीवन कारावास
बच्ची को ढूंढने के लिए बिल्डिंग वाले और पुलिस जुटी तो आरोपी को शव ठिकाने लगाने का मौका नहीं मिला। वह बच्ची को तलाशने का नाटक करता रहा। अगले दिन सुबह काम पर जाने का बहाना करके निकल गया। शाम को लौटा तो फिर तलाश में जुट गया। गुरुवार सुबह भी काम पर निकल गया था।
इसी दौरान पुलिस ने शव बरामद कर लिया। वारदात के दिन आरोपी की मां काम पर गई थी। जब वह लौटी तो बेटे की करतूत का पता चला। इसी बिल्डिंग में आरोपी की दो बहनें हैं। इनमें से एक बहन को भी इसकी जानकारी हो गई, लेकिन वे उसे बचाने में जुट गईं। अब मां और बहन पर ऐसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें आजीवन कारावास तक की सजा है।
एसआईटी करेगी जांच : सीएम डॉ. मोहन यादव ने जांच के लिए एसआईटी गठित की है। सीएम बोले- कोई भी दोषी बचने नहीं चाहिए। ऐसे मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर जल्द न्याय दिलाएंगे।
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