इंदौर में बच्चों से कराई जा रही ड्रग सप्लाई
Drug supply is being done from children

मैं चौकी पर खड़े पुलिस अफसरों को तीन दिन की मोहलत दे रहा हूं। तीन दिन में यहां जितने भी नशा बेचने वाले..नशा करने वाले लोग हैं, उन पर सख्त एक्शन लें। चाहे वो कोई भी हो। उन्हें उठाकर उल्टा लटका देना। हम आएं तो हमें एक मोटी माला पहना देते हैं, फिर गलत धंधे करते हैं। आप बिल्कुल चिंता मत करना। तीन दिन का समय दे रहा हूं, नहीं तो हम सख्त कार्रवाई करेंगे।

21 सितंबर को इंदौर के भागीरथपुरा में पुलिस चौकी के पास कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने यह चेतावनी दी थी। वे यहां भाजपा के सदस्यता अभियान में शामिल हुए थे। इसी दौरान महिलाओं ने उन्हें घेरकर इलाके में नशे के कारोबार को लेकर शिकायत की थी। इस पर विजयवर्गीय ने पुलिस को आड़े हाथ लिया था। महिलाओं के प्रदर्शन और मंत्री की एक्शन की चेतावनी के बाद इलाके के हालात जाने। पड़ताल में सामने आया कि जहां यह विरोध प्रदर्शन हुआ था, वहां करीब 200 गलियों में ड्रग पैडलर्स घूमते रहते हैं। वे बस्ती के 8 से 15 साल के बच्चों को 30 से 50 रुपए देकर पुड़िया सप्लाई करा रहे हैं। ड्रग एडिक्ट को बच्चे का हुलिया बता दिया जाता है, जो तय जगह पर माल ले लेता है।

भागीरथपुरा में गली का नाम पड़ा 'नशे वाली गली'

इंदौर के भागीरथपुरा की आबादी करीब 25 हजार है। यहां कुल 200 गलियां हैं। इनमें ट्रांसमीटर वाली गली, डिस्क वाली गली के साथ ही नशे वाली गली भी है। हालांकि, लगभग हर गली में ड्रग तस्कर एक्टिव हैं।

यहां रहने वाली मंजू अवस्थी, निशा श्रीवंश, राजू बाई, रिया साहू, किरण यादव, मंजू धारसे कहती हैं, 'नशेड़ी गली में झुंड बनाकर खड़े हो जाते हैं। छींटाकशी करते हैं। आपस में भी लड़ते हैं। मना करो तो अपशब्द कहते हैं। पुलिस की कार्रवाई सिर्फ कुछ देर का दिखावा है।'

लक्ष्मीबाई और कुसम कसेरिया ने कहा, 'हमारे घर के पास की अहिरवार धर्मशाला नशेड़ियों का अड्‌डा है।'

कमिश्नर ने पुलिस चौकी का पूरा स्टाफ बदल दिया था

भागीरथपुरा किस कदर नशे की चपेट में है, इसे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर के एक एक्शन से समझा जा सकता है। देउस्कर ने 4-5 मई 2023 को भागीरथपुरा पुलिस चौकी का 12 लोगों का पूरा स्टाफ एक साथ बदल दिया था। कारण सिर्फ एक था- बढ़ती नशाखोरी..। यह इंदौर की ऐसी पहली कार्रवाई थी। इसे 15 महीने से ज्यादा हो गए लेकिन आज भी हालात नहीं बदले।

क्षेत्रीय पार्षद कमल वाघेला कहते हैं, 'तस्करों के संपर्क में आए बच्चे भी नशाखोरी करते हैं। वे पैडलर्स बनकर कमाए पैसों से खुद भी नशा करते हैं। कई परिवार तो नशे के कारण बर्बाद हो गए। बच्चे नशे के लिए माता-पिता के साथ मारपीट करते हैं। जब उन्हें रुपए नहीं मिलते तो घर का सामान बेच देते हैं। चोरी करते हैं। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं।'

30 से 50 रुपए में करा रहे बच्चों से तस्करी

भागीरथपुरा गांजा, ब्राउन शुगर और चरस के कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है। यहां 25 से ज्यादा ड्रग पैडलर सक्रिय हैं। नशीला पदार्थ उज्जैन, देवास, रतलाम, नीमच, जावरा और राजस्थान के जिलों से आ रहा है। इंदौर में इसकी सबसे ज्यादा खपत विधानसभा-1 में ही है। इसी सीट से मंत्री विजयवर्गीय विधायक हैं।

भागीरथपुरा में ड्रग पैडलर और उनके गुर्गों ने छोटे बच्चों को सप्लाई चेन का हिस्सा बना रखा है। 8 से 15 वर्ष तक के इन बच्चों को एक पुड़िया पहुंचाने की ऐवज में 30 से 50 रुपए दिए जाते हैं। बच्चा होने के कारण पुलिस इन पर शक भी नहीं करती है।

पुलिस पर दिखावे की कार्रवाई करने के आरोप

स्थानीय रहवासियों ने बताया कि मंत्री के चेतावनी देने के बाद पुलिस ने गलियों में सर्चिंग की। शनिवार को 12 लड़कों को तस्कर, सप्लायर और पैडलर्स बताकर उठाया, फिर छोड़ दिया। हर बार ऐसा ही होता है।

इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल DCP राजेश दंडोतिया ने कहा, 'रविवार को भी कॉम्बिंग गश्त में NDPS के 12 और आबकारी के 8 केस दर्ज किए हैं। दबिश में कुछ बदमाश छत से भाग निकले, कुछ को पकड़ा गया है।'

Dakhal News 24 September 2024

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