संत शिरोमणि रविदास जी : समरस समाज निर्माण के निर्माता
संत शिरोमणि रविदास जी : समरस समाज निर्माण के निर्माता

शिवराज सिंह चौहान

 

‘ऐसा चाहूँ राज में, जहां मिले सबन को अन्न।  

छोटे-बड़े सब सम बसें, रविदास रहे प्रसन्न।।

 

समृ‍द्ध समाज और राज के लिए यह परिकल्पसना है सामाजिक सद्भाव, समरसता और समानता का सूत्र देने वाले संत शिरोमणि रविदास जी की।

यह सुखद संयोग है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रि मोदी जी के नेतृत्वक में देश में संत रविदास जी की परिकल्पयना अनुरूप ही सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वातस मूलमंत्र के साथ कार्य किया जा रहा है। जिसमें हरेक के लिए भरपेट भोजन, रहने के लिए पक्काव मकान, सबको शिक्षा और स्वा स्य्ा   की  संपूर्ण व्यकवस्थाए की गई है। 

संत रविदास जी के जीवन की एक-एक श्वां स भारतीय संस्कृ्ति के संरक्षण और समाज की सेवा को समर्पित रही। उन्होंहने वर्ग, वर्ण, जाति भेद से ऊपर उठकर समाज को संगठित किया, लोगों में स्व त्व  का भाव जगाया और एक समरस समाज के निर्माण का आह्वान किया। उनकी भेद-भाव से मुक्त् सामाजिक कल्पंना ने ही सौहार्दपूर्ण समृद्ध समाज निर्माण का मार्ग प्रशस्तभ किया।

उन्होंवने जहां पराधीनता से मुक्ति के लिए समाज को उठ खड़ा किया वहीं कर्म को धर्म बताकर स्वमत्वा और स्वाेभिमान जगाने का प्रयास किया। अपने भाव अनुरूप ही उन्हों ने देश व्याापी यात्राएं भी कीं, जिसकी स्मृ तियां देश के हर प्रांत, हर क्षेत्र में हैं। उन्हेंा पंजाब के लोक जीवन में रविदास, उत्त‍रप्रदेश, मध्यकप्रदेश, राजस्थामन में रैदास, गुजरात और महाराष्ट्र  में रोहिदास तथा बंगाल में रूईदास के नाम से संबोधित किया जाता है।

संत रविदास जी ने हमें जो राह दिखाई है, समानता, सामाजिक सद्भाव, बंधुत्व, भाईचारा उसी पर चलकर हम प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। यहां लाड़ली लक्ष्मीर बेटियां जन्म  लेते ही लखपति हो रही हैं, बहनों को सशक्त़ बनाने और उनके आत्मलसम्मा न के लिये लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की है। जिससे सवा करोड़ से अधिक बहनों का मान बढ़ा है। बच्चों् को शिक्षा और उच्चे शिक्षा के लिए सहायता दी जा रही है। प्रशिक्षण के साथ रोज़गार के लिए मुख्यकमंत्री सीखो कमाओ योजना है। अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये छात्रावास, आश्रम शाला, छात्रवृत्ति और अन्य। सुविधाएं दी जा रही हैं। संत रविदास स्वयरोजगार योजना में 1 लाख से 50 लाख तक का ऋण सरकार अपनी गारंटी पर दिलवा रही है। भोपाल में संत रविदास ग्लो्बल स्किरल पार्क बनाकर 6 हजार बच्चोंग को प्रशिक्षण देने की योजना है। 

 

 

   

रविदास जी के चिंतन अनुरूप समाज निर्माण के लिये मध्य प्रदेश में पाँच सामाजिक समरसता यात्राएं निकाली गईं। 25 जुलाई से आरंभ इन यात्राओं में पहली यात्रा 11 जिलों के, दूसरी यात्रा 13 जिलों के, तीसरी यात्रा 10 जिलों के, चौथी यात्रा 8 जिलों के और पांचवी यात्रा 9 जिलों के विभिन स्था्नों से होकर सागर पहुंची। 

इस 18 दिवसीय यात्रा में संत रविदास जी की संकल्प ना, प्रेरक प्रसंग तथा गीत-भजनों का गायन हुआ। इसमें प्रदेश के गांव-गांव से लोग स्वेप्रेरणा से जुड़े। संत रविदास मंदिर निर्माण के लिये हर गांव की मिट्टी तथा 350 नदियों का जल शिलन्यापस स्थ़ल पर लाया गया है। समाज में संत रविदास जी के संदेश और जीवन मूल्योंे के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य् से निकाली गई सभी यात्राओं का आज सागर में एकत्रीकरण है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रभ मोदी जी संत रविदास जी के भव्य  विशाल मंदिर निर्माण का शिलान्यारस करेंगे। यह मंदिर नागर शैली में बनाया जायेगा, जिसमें संत रविदास के दोहे और  शिक्षा उकेरी जायेगी। चार गैलरी वाले इस मंदिर में पहली गैलरी में संत रविदास जी का जीवन, दूसरी में इंटरप्रिटेशन सेंटर, तीसरी में उनका दर्शन और रविदासिया पंथ की शिक्षाएं और चौथी गैलरी में काव्यप और साहित्य, पुस्ताकालय तथा संगत सभागार होगा।

हमारे लिये गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रम मोदी जी के संकल्पत अनुरूप भारत की सांस्कृितिक पुनर्स्थापना के लिए श्रृंखलाबद्ध कार्य हुए हैं। अयोध्या। में भव्यी राम मंदिर निर्माण, काशी में बाबा विश्व नाथ मंदिर का जीर्णोंद्धार, मध्यंप्रदेश में महाकाल महालोक का निर्माण और अब इसी कड़ी में संत रविदास जी के मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी जा रही है। 

यह मंदिर सभी वर्ग, वर्ण, जाति और समूह के लोगों को एकसूत्र में पिरोकर सशक्ता, समरस, समाज निर्माण के लिए प्रेरक होगा। 

जनम जात मत पूछिए, का जात अरू पात। 

रैदास पूत सब प्रभु के, कोए नहिं जात कुजात।।   

  संत शिरोमणि रविदास जी के इस समरस संदेश के साथ मैं प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से शांति, सद्भाव और समरसता का संकल्पढ लेता हूँ, जो नये समृद्ध भारत निर्माण के लिये महत्वतपूर्ण है। आइए हम सब मिलकर भारत को विश्व में अग्रणी बनाने के लिए संत रविदास जी के चिंतन को जीवन में ढालने का प्रण लें। हम एक ऐसे समाज की रचना के लिए आगे बढ़ें जो जाति, वर्ग, वर्ण या धर्म किसी भी विस्थापन से मुक्त हो। एक समरस राष्ट्र का समरस निर्माण शुरू करें। 

 

(लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

Dakhal News 12 August 2023

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.