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सितारगंज शहर में भी निकाला गया ताजिया
मोहर्रम के मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों ने गमगीन माहौल में सितारगंज शहर में ताजिया निकालें और पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत हुसैन हजरत हसन को याद किया।शहर में ताजिया निकालने के दौरान पुलिस प्रशासन सुरक्षा की दृष्टि से मौजूद रहा ताकि कोई भी अनहोनी न घट सके मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा की स्लामिक मान्यताओं के मुताबिक 1400 साल पहले कर्बला की जंग में पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथी शहीद हुए थे ये जंग इराक के कर्बला में हुई थी जंग में इमाम हुसैन और उनके परिवार के छोटे-छोटे बच्चों को भूखा प्यासा रखकर शहीद कर दिया गया था इसलिए मोहर्रम माह में सबीले लगाई जाती है पानी पिलाया जाता है भूखों को खाना खिलाया जाता है इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन ने इंसानियत को बचाया था इसलिए मोहर्रम को इंसानियत का महीना माना जाता है।
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