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जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायलय की मुख्य पीठ ने गुरुवार को शासकीय अधिवक्ता नियुक्ति आरक्षण प्रकरण में जवाब न देने पर सामान्य प्रशासन विभाग व विधि विभाग पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही न्यायालय ने आदेशित किया है कि सामान्य प्रशासन विभाग व विधि विभाग के प्रमुख सचिव को 18 अप्रैल 2022 को न्यायालय में हाजिर होने आदेशित किया है।
उक्त आदेश गुरुवार को न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने शासकीय अधिवक्ताओ की नियुक्तियों में आरक्षण नियम लागू करने की सुनवाई करते हुए ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर दिये। उक्त याचिका में आठ अवसरों के बावजूद भी सामान्य प्रशासन विभाग, विधि विभाग ने जवाब दाखिल नहीं किया। उक्त प्रकरण की न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया तथा प्रकरण के ओआईसी के विरूद्ध 10 हज़ार रुपये की काष्ट लगाते हुए आदेशित किया कि उक्त राशि ओआईसी अपने वेतन से लीगल फण्ड में जमा करें इसके साथ ही आगामी सुनवाई 18 अप्रैल को सामान्य प्रशासन विभाग एवं विधि विभाग के प्रमुख सचिव व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।
याचिकाकर्ता एसोसिएशन की ओर से आधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह, उदय कुमार, परमानंद साहू एवं प्रश्न चौरसिया ने पैरवी की।
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