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इंदौर। पूरे देश में इंदौर सबसे स्वच्छ शहर के रूप में प्रसिद्ध है। स्वच्छता के लिए लगातार पांच वर्ष से नंबर वन रहे इंदौर के मॉडल को देश के अन्य शहराें में अपनाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से विश्व बैंक के सहयोग से अध्ययन करने के लिए एक टीम ने शुक्रवार को शहर दाैरा किया। इस टीम ने स्वच्छता के लिए नगर में सर्वे एवं अध्ययन किया।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण किया गया था। केंद्र सरकार इसी तर्ज पर देश के विभिन्न शहरों में बायो सीएनजी प्लांट स्थापित करने का प्रयास कर रही है। स्वच्छता में इंदौर मॉडल को अन्य शहरों में भी अपनाने के लिए अध्ययन किया जा रहा है। इसी क्रम में इंदौर के मॉडल का अध्ययन करने के लिए शुक्रवार को विश्व बैंक की एक टीम इंदौर पहुंची। टीम के सदस्यों ने कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी मनीष सिंह से भेंट की। कलेक्टर ने विश्व बैंक की टीम के सदस्यों को इंदौर शहर में सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट, वेस्ट सेग्रिगेशन तथा बायो सीएनजी प्लांट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि इंदौर जिले में स्वच्छता के क्षेत्र में जो सफलता हासिल की है, उसमें शहर की जनता का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जनप्रतिनिधियों, मीडिया, प्रशासन एवं नागरिकों के सहयोग और समन्वय से इंदौर लगातार पांच बार से स्वच्छता में नंबर वन आ रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से इंदौर शहर के स्वच्छता मॉडल का अध्ययन करने देशभर से लगभग 600 से 700 लोकल बॉडीज तथा विभिन्न देशों से 40 से अधिक डेलिगेट्स इंदौर का भ्रमण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर बायो सीएनजी प्लांट के हाई कैलोरीफिक वैल्यू का सबसे महत्वपूर्ण घटक इंदौर का उच्च गुणवत्ता का वेस्ट सेग्रिगेशन है, जो यूरोपियन देशों की तुलना में भी कई गुना ज्यादा बेहतर है। विश्व बैंक की टीम ने इंदौर में स्थापित बायो सीएनजी प्लांट एवं उच्च गुणवत्ता के वेस्ट सेग्रिगेशन का अध्ययन किया जाएगा।
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