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उज्जैन। परम्परा के अनुसार, होलिका दहन के अगले दिन यानी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से बाबा महाकाल को ठण्डे जल से स्नान करवाना शुरू किया जाएगा। यह क्रम कार्तिक मास में आने वाली रूप चतुर्दशी तक चलेगा। ऐसा हर वर्ष होता है कि वर्ष में दो बार शीत ऋतु में बाबा महाकाल गर्म जल से और ग्रीष्म ऋतु में ठण्डे जल से स्नान करते हैं।
महाकाल मंदिर के पुजारी दिलीप गुरु ने रविवार को जानकारी देेते हुए बताया कि 18 मार्च से प्रारंभ होनेवाले ठण्डे जल से स्नान के क्रम के साथ आरतियों के क्रम में भी बदलाव हो जाएगा। उन्होंने बताया कि भस्मार्ती ओर शयन आरती को छोड़कर आरतियों का समय 18 मार्च से इस प्रकार रहेगा-
दद्योगक आरती : प्रात: 7 से 7.45 बजे तक
तृतीय भोग आरती: प्रात: 10 से 10.45 बजे तक
संध्या आरती : सायं 7 से 7.45 बजे तक
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