यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए जिले के पांचों छात्र सकुशल पहुंचे अपने घर
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उमरिया। एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए जिले के पांच छात्र सकुशल वापस अपने घर लौट आए हैं। इनमें से दो छात्र चार मार्च को वापस आए हैं, जबकि तीन छात्र शनिवार देर रात अपने घर पहुंचे। यहां उनका प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा स्वागत किया। पांचों छात्रों ने यूक्रेन के भयावह हालातों में गुजारे दिनों की याद साझा की।

 

जनसम्पर्क अधिकारी गजेन्द्र द्विवेदी ने रविवार को बताया कि उमरिया जिले के पांच छात्र-उमरिया के लालपुर निवासी सागर मोगरे, चपहा कॉलोनी निवासी सागर प्रजापति, मानपुर निवासी अभय गुप्ता, नौरोजाबाद निवासी स्वतेन्द्र विश्वकर्मा और विकटगंज की शर्लिन गुप्ता यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। रूस के हमले के बाद पांचों वहां फंसे हुए थे। इनमें सागर मोगरे और साजन प्रजापति 4 मार्च को उमरिया अपने घर पहुंचे, जहां पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा सहित पुलिस स्टाफ ने गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया।

 

वहीं, 5 मार्च को रात 9 बजे स्वातेन्द्र विश्वकर्मा, अभय गुप्ता एवं शर्लिन गुप्ता अपने घर पहुंचे। तीनों छात्रों को यूक्रेन के पोलैंड बॉर्डर से दिल्ली लाया गया और फिर दिल्ली से प्लेन के द्वारा जबलपुर लाया गया था। जिसके बाद उमरिया का पुलिस स्टाफ जबलपुर जाकर उन्हें अपने साथ उमरिया लाए। पुलिस द्वारा छात्रों को पहले सीधे स्थानीय पुलिस कोतवाली लाया गया, जहां परिजन और पुलिस अधिकारियों ने उनका वेलकम किया। कोतवाली परिसर में टीआई सुन्द्रेश सिंह मरावी, एसपी रीडर अमर सिंह, एसआई अमित पटेल, बृजेश सिंह, दीना सिंह एवं छात्रों के परिजनों ने गुलदस्ता भेंटकर, फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया।

 

यूक्रेन से लेकर उमरिया तक के सफर के पूरे घटनाक्रम को साझा करते हुए छात्रा शर्लिन गुप्ता ने बताया कि यूक्रेन में शुरू हुए युद्ध के बाद हम काफी डरे हुए थे, लेकिन इंडियन एंबेसी, भारत सरकार और उमरिया पुलिस उनका बराबर साथ दिया। उमरिया पुलिस लगातार मोबाइल के माध्यम से उनके संपर्क में थी, जिससे उनका मनोबल बढ़ता गया।

 

छात्र स्वातेन्द्र विश्वकर्मा व अभय गुप्ता ने बताया कि यूक्रेन में जो मंजर उनके सामने था उसे याद कर उनकी रूह तक कांप जाती है। वह जिस हॉस्टल में थे वहां भी मिसाइल दागी गई, जिससे हॉस्टल के कई माले धराशाई हो गए, लेकिन अच्छी बात यह रही कि भारत सरकार और एंबेसी की मदद से उन्हें पहले ही एक बंकर में सुरक्षित ले जाया जा चुका था और उन्होंने बंकर में 4 दिन गुजारे। उसके बाद उन्हें बॉर्डर पर ले जाया गया फिर फ्लाइट के माध्यम से दिल्ली। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने उन्हें मुफ्त में यूक्रेन से उनके घर तक पहुंचाया है।

 

टीआई सुन्द्रेश सिंह मरावी ने बताया कि जैसे ही यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू होने की जानकारी मिली थी, वैसे ही पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में जिले की पुलिस टीम एक्टिव हो गई और पूरे जिले में उन छात्रों का पता लगाया गया जो पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे। जानकारी के बाद पुलिस टीम लगातार छात्रों से मोबाइल और उनके परिजनों से संपर्क में थी। इस बीच छात्रों के परिजनों की परेशानी और चिंता को ध्यान में रखते हुए हमारी पुलिस टीम द्वारा उनको ढांढस भी बंधाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि जिले के पूरे 5 छात्र सुरक्षित अपने घर लौट आए हैं। छात्रों के परिजनों ने पुलिस के व्यवहार की प्रशंसा करते हुए पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा व पुलिस स्टाफ को साधुवाद ज्ञापित किया।

Dakhal News 6 March 2022

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