भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संकटकाल के चलते लॉकडाउन में समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं की सरकारी खरीदी को लेकर राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है कि इस साल गेहूं का रिकार्ड उपार्जन किया गया है। साथ ही गेहूं खरीदी में किसानों कोई समस्या नहीं है। इसको लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गेहूं की खरीदी को लेकर भले ही बड़े-बड़े दावे करे, लेकिन खरीदी केन्द्रों पर किसानों को भारी परेशानियां उठानी पड़ रही हैं।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोमवार को ट्वीट के माध्यम से राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा है कि - ‘शिवराज जी, आप समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के भले बड़े-बड़े दावे करें, खूब आंकड़े जारी करें, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। आज किसान भाइयों को अपनी उपज बेचने के लिये काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।’
उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि - ‘उपार्जन केंद्रों पर कहीं बारदानों की कमी है, कहीं तुलाई की व्यवस्था नहीं है तो कहीं परिवहन नहीं होने से काम बंद पड़ा है और किसानों को एसएमएस भेजकर बुलाया लिया जाता है। कई-कई दिन तक भीषण गर्मी व लू में अपनी उपज बेचने के लिये भूखा-प्यासा किसान कई किलोमीटर तक लंबी लाइन में लगा हुआ है, उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।’
कमलनाथ ने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि - ‘पिछले दिनों आगरमालवा में मलवासा के एक किसान प्रेम सिंह की इन्हीं परेशानियों व अव्यवस्थाओं से दुखद मौत हो गयी थी। वहीं, कल देवास के उपार्जन केंद्र में फसल तुलाई के लिए लाइन में लगे एक और किसान की दुखद मौत हो गयी। जिले के टौंकखुर्द के अमोना गांव निवासी किसान जयराम मंडलोई अपनी फसल लेकर तुलाई के इंतजार में भीषण गर्मी में लाइन लगे थे। खरीदी की अव्यवस्थाओं से भीषण गर्मी में तनाव में किसान की जान चली गयी।
उन्होंने कहा है कि ऐसे ही कई किसान निरंतर परेशानियों का सामना कर रहे हैं, अपनी उपज बेचने के लिये निरंतर भटक रहे हैं, तनाव झेल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार सिर्फ झूठे दावे में लगी हुई है, जमीनी धरातल पर स्थिति विपरीत है। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस मृत किसान के परिवार की हरसंभव मदद करे और किसान की मौत के जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।