विशेष

नई दिल्ली । सोशल मीडिया कंपनी मेटा (फेसबुक) के को-फाउंडर और मुख्‍य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्‍स बन गए हैं। उन्‍होंने यह उपलब्धि अमेजन के अध्यक्ष और पूर्व सीईओ जेफ बेजोस को पछाड़ कर हासिल की है। ऐसा मेटा प्लेटफॉर्म्स के शेयरों में लगातार बढ़ोतरी के कारण हुआ है।   ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स की ओर से शुक्रवार को जारी सूची के मुताबिक जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 3 अक्‍टूबर को 206.2 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इस वृद्धि के कारण जुकरबर्ग संपत्ति के मामले में जेफ बेजोस से 1.1 अरब डॉलर आगे निकल गए, जिनकी कुल संपति 205.1 अरब डॉलर से ऊपर है। हालांकि, जुकरबर्ग दुनिया के सबसे अमीर शख्स टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क से करीब 50 अरब डॉलर पीछे हैं।   इस सूची में पहले नंबर पर एलन मस्क, दूसरे नंबर पर मार्क जुकरबर्ग और तीसरे नंबर पर जेफ बेजोस का नाम है। वहीं, टॉप 10 सबसे अमीर लोगों की सूची में बर्नार्ड अर्नाल्ट, लैरी इल्लीजन, बिल गेट्स, लैरी पेज, स्टीव बॉलमर, वॉरेन बफे और सर्गी ब्रिन शामिल हैं। भारत की बात करें तो मुकेश अंबानी 107 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ 14वें नंबर पर हैं। गौतम अडानी उनसे कुछ पायदान नीचे 17वें स्थान पर इस सूची में अपनी जगह बनाए हुए हैं। मौजूदा समय में उनकी कुल संपत्ति 100 अरब डॉलर है।  

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Dakhal News 4 October 2024

नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति प्रसादम में मिलावट के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी टीम की मॉनिटरिंग सीबीआई डायरेक्टर करेंगे। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया है।   एसआईटी में सीबीआई डायरेक्टर की ओर से मनोनीत दो सीबीआई अधिकारी, दो राज्य पुलिस के अधिकारी और एक एफएसएसएआई के अधिकारी शामिल होंगे। अब राज्य सरकार की ओर से गठित एसआईटी की बजाय ये नई एसआईटी जांच करेगी। कोर्ट ने कहा कि वो नहीं चाहता है कि ये मामला सियासी ड्रामा में तब्दील हो। मामला करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा है। इसलिए वो इस मामले में स्वतंत्र एसआईटी की जांच का आदेश दे रहा है।   उल्लेखनीय है कि 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा था कि भगवान को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो रिपोर्ट सार्वजनिक हुई है वो जुलाई की है लेकिन मुख्यमंत्री इसको लेकर सितंबर में बयान दे रहे हैं।   सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस रिपोर्ट को देखकर ये स्पष्ट नहीं है कि कथित मिलावट वाला घी लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल हुआ कि नहीं। कोर्ट ने मंदिर प्रशासन से पूछा कि जिस सैंपल में मिलावट मिला था, क्या उसका इस्तेमाल प्रसादम बनाने में हुआ था। तब मंदिर प्रशासन के वकील ने कहा था कि इसकी जांच करनी होगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब जांच चल रही थी, फिर ये सबूत कहां है कि प्रसादम का लड्डू बनाने में मिलावटी घी का प्रयोग हुआ था।   भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी समेत दूसरे याचिकाकर्ताओं ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मामले की जांच की मांग की गई थी।याचिका में भगवान श्री वेंकटेश्वर के निवास स्थान तिरुपति तिरुमाला में लड्डुओं में घटिया सामग्री और पशु चर्बी वाले घी के कथित आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कमेटी गठित करने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि मंदिर में प्रसाद की गुणवत्ता की आंतरिक रूप से जांच करने की जानी चाहिए।       

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Dakhal News 4 October 2024

राजनीति

भोपाल । यूथ कांग्रेस ने गुरुवार काे इस साल के लिए इंदिरा फेलोशिप की घोषणा की है। फेलोशिप के जरिये महिला नेतृत्व तैयार किया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मितेन्द्र सिंह ने कहा कि इंदिरा फेलोशिप कार्यक्रम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक पहल है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की स्मृति में महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।       उमंग सिंघार ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने शासन के विभिन्न पहलुओं, विशेष रूप से राजनीतिक प्रतिनिधित्व में, महिलाओं को प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। कांग्रेस पार्टी ने ऐसी नीतियां और पहलें लागू की हैं, जिनसे राजनीति और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।       मितेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी महिलाओं की राजनीति और राष्ट्र निर्माण में बड़ी भागीदारी सुनिश्चित करने के विचार में गहरी आस्था रखते हैं और उन्होंने महिलाओं से इस क्रांति, जिसे ‘शक्ति अभियान’ कहा जाता है, में शामिल होने का आग्रह किया है। इंदिरा फेलोशिप शक्ति अभियान का एक महत्वपूर्ण घटक है और इसे उन महिलाओं को एक मंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो अपने समुदायों में स्थायी प्रभाव छोड़ने की आकांक्षा रखती हैं। एक राजनीतिक उपकरण के रूप में, यह आंदोलन 'हक, हिस्सेदारी और पहचान' के मूल विचारों पर आधारित है।       आगे जानकारी देते हुए कांग्रेस नेता गीता कड़वे ने बताया एक वर्ष की छोटी सी अवधि में, 300 से अधिक फेलो ने 28 राज्यों और 350 ब्लॉकों में 4300 शक्ति क्लब स्थापित किए हैं, जिनमें 31000 से अधिक सदस्य शामिल हैं, जो शक्ति अभियान की स्थापना और संचालन का प्रमुख केंद्र हैं। हमारा लक्ष्य है कि महिलाओं को संसाधनों, अवसरों और सत्ता संरचनाओं में 50% हिस्सेदारी मिले। इस प्रभावशाली पहल के माध्यम से हम राजनीति और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में महिलाओं की 'रुचि' को समान स्थान देने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि स्थानीय निकायों, विधानसभाओं और संसद में 'महिलाओं द्वारा महिलाओं का प्रतिनिधित्व' सुनिश्चित हो सके।       उन्हाेंने कहा कि हमारी इच्छाओं और आकांक्षाओं का सही ढंग से प्रतिनिधित्व कभी भी विभाजित और ध्रुवीकृत समाज में नहीं हो सकता; इसलिए शक्ति अभियान महिलाओं से नफरत और हिंसा के खिलाफ संगठित होने का आग्रह करता है। देश की वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक स्थिति में महिलाओं की भूमिका परिवर्तनकारी के रूप में आवश्यक है, ताकि वे हिंसक और नफरत से भरी राजनीतिक अपीलों से दूषित हो चुके सार्वजनिक विमर्श को पलटने में मदद कर सकें। हम शक्ति अभियान में इस संकल्प के साथ काम कर रहे हैं कि महिलाओं को केंद्र में रखकर एक रचनात्मक समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगी।

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Dakhal News 3 October 2024

 मध्य प्रदेश के पैरा ओलिंपिक खिलाड़ियों को अनुदान राशि प्रशंसा पत्र देकर डॉक्टर मोहन यादव द्वारा सम्मानित किया गया...  मध्य प्रदेश के पैरा ओलिंपिक खिलाड़ियों को.. अनुदान राशि देकर सम्मानित किया गया... हॉकी के खिलाड़ी विवेक सागर को एक करोड रुपए की राशि वह प्रशंसा पत्र दिया गया तो वहीं दूसरी और तैराकी में माहिर प्राची को अनुदान राशि और  प्रशंसा  पत्र दिया गया...यह राशि खिलाडियों को मुख्यमंत्री   डॉक्टर मोहन यादव ने  दी ... विवेक सागर कहते हैं कि मध्य प्रदेश अब हॉकी में आगे बढ़ रहा है...   हॉकी के खेल खेल को बढ़ावा देने के लिए स्टेडियम बनना चाहिए  ... ताकि खिलाड़ियों को खेलने  को  कोई दिक्कत ना हो  ... पैरा ओलंपिक खिलाड़ी प्राची  ने कहा मध्य प्रदेश सरकार खेल के लिए बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम कर रही हैं  ...

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Dakhal News 3 October 2024

मीडिया

मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के मामले अबतक थम नहीं रहे। शोषण, अत्याचार के अनेक सनसनीखेज मामलों के सार्वजनिक होने से केरल की फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल-सा आ गया है। मौलिवुड में मलयाली के एक और अभिनेता जयसूर्या के विरुद्ध एक अभिनेत्री ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी। इससे पूर्व मशहूर एक्टर सिद्दिकी को हाल ही में एक हीरोइन के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पहला मामला फ़िल्म निर्देशक रंजीत का आया, जिसमें बंगाल की एक्ट्रेस ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया।   उपरोक्त सभी मामलों में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। मामला इतना गंभीर है कि सिद्दिकी को एसोसिएसन ऑफ़ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स के महासचिव के पद से हाथ धोना पड़ गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसे सभी मामलों की जाँच एसआईटी को सौंप दी गई है। जस्टिस के. हेमा कमिटी की रिपोर्ट को केरल की एलडीएफ सरकार ने जारी किया, जिसमें महिला अभिनेत्रियों के साथ हो रहे अत्याचार का ब्योरेवार वर्णन है। रिपोर्ट में साफ शब्दों में जिक्र है कि केरल फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के काम करने का उचित माहौल नहीं है। वर्ष 2017 में गठित कमिटी ने 2019 को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी किन्तु अगस्त, 2024 में राज्य सरकार ने इसे सार्वजनिक किया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विजयन सरकार फ़िल्म इंडस्ट्री और सेक्स रैकेट माफिया के चंगुल में है। एफआईआर तो शोर को कम करने के लिए है। दागियों को जिस तरह सरकार बचा रही है, यह शर्मनाक है। रिपोर्ट में साफ-साफ उल्लेख है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ यौन शोषण के अतिरिक्त शारीरिक उत्पीड़न भी किया जाता है। उसी को एक्ट्रेस के रूप में मौका दिया जाता है जो शारीरिक सम्बन्ध बनाने को तैयार हो। ऐसी लड़कियों को अभिनेत्री बनाया जाता है। उसे बहुत कम धनराशि दी जाती है। इनकार करने पर स्थापित एक्ट्रेस को जान से मारने की धमकी के साथ ब्लैकमेलिंग भी की जाती है। इसके उलट जो “सहयोग” करने से इनकार करती है, उसे कभी अवसर नहीं दिया जाता। अश्लीलता को फिल्मों में खूब परोसा जा रहा है और उस आड़ में सेक्स रैकेट के साथ ड्रग्स का हजारों करोड़ का धंधा फल-फूल रहा है। अभिनेत्रियों से कम कपड़े और अश्लील हरकतों को शूटिंग में करने को कहा जाता है। सफल तारिका की अब यही पहचान बन गई है।   आयोग की आंतरिक शिकायत समिति ने साफ शब्दों में कहा है कि फ़िल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को कार्य नहीं करना चाहिए। आयोग ने चिंता जाहिर की है कि ऐसे अपराधों की थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है और बहुत दबाव में शिकायत दर्ज कर ली गई तो गिरफ्त्तारी कभी होती नहीं है। फ़िल्म इंडस्ट्री की आड़ में सरकार की शह पर घिनौने धंधे चल रहे हैं। बढ़ती किरकिरी के कारण एसोसिएशन ऑफ़ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के अध्यक्ष और मशहूर अभिनेता मोहनलाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालाँकि, उनका कार्यकाल 2027 तक था। जगदीश और आर. जयन सहित कई पदाधिकारियों को लोकलाज के कारण इस्तीफा देना पड़ा। विशेष जाँच टीम के राडार पर कई नामचीन फिल्मी हस्तियों के अतिरिक्त सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारी भी शामिल हैं। ऐसे में “मैनेज” के चक्कर में गिरफ्तारी की हरी झंडी न मिलना लोकतंत्र को शर्मसार कर रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने कहा कि किसी का कुछ नहीं बिगड़ेगा। यह जाँच दल, रिपोर्ट केवल भरमाने का तरीका है। जनरोष को मद्देनजर रखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने माकपा विधायक सह अभिनेता एम. मुकेश के इस्तीफे की मांग की है।   उल्लेखनीय है कि 17 फरवरी 2017 को कोच्चि में एक सुप्रसिद्ध नायिका का पहले अपहरण हुआ, फिर चलती कार में सामूहिक दुष्कर्म हुआ। पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद मुख्यमंत्री पिनार्याई विजयन ने केरल हाई कोर्ट की सेवानिवृत जज के. हेमा की अध्यक्षता में कमिटी का गठन कर दिया। रिपोर्ट तो आ गई, किन्तु दोषी कौन? सजा किस-किस को मिलेगी? इत्यादि प्रश्न तो अनुत्तरित हैं। सात वर्षों बाद आई रिपोर्ट भी लगता है मामले को शांत करने और लीपापोती के लिये है। तभी तो फ़िल्म इंडस्ट्री पोर्न इंडस्ट्री के रूप में तब्दील हो गया। सरकार के कई मंत्री-विधायक इस काले धंधे में संलिप्त हैं, इसलिये यह रिपोर्ट शो-पीस बन कर रह गया। आश्चर्यजनक तथ्य है कि 31 दिसंबर,2019 को कमिटी ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी, किन्तु इसे लगभग पांच वर्षों तक जानबूझ कर रोके रखा। इसे जारी कराने के लिये जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई तो संस्कृति विभाग ने गोपनीयता का हनन होना बता कर इसे देने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट में भी याचिकाओं के जरिये रोकने का प्रयास किया गया। अंततः राज्य सूचना आयोग के हस्तक्षेप और कोर्ट के आदेश के बाद रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जा सका।   कास्टिंग काउच साफ-साफ दिखता है। अनेक गवाहों के कैमरे पर आने, ऑडियो क्लिप्स, वीडियो क्लिप्स, स्क्रिन शॉट्स, इंटरव्यू, गवाहों के बयान आदि से इसकी साफ-साफ पुष्टि होती है। समिति के समक्ष कुछ महिलाओं ने यहाँ तक कहा कि रात में पुरुष उनके दरवाजे को जोर-जोर से पीटते हैं. कई महिलाओं ने यह भी बयान में कहा कि सच बोलने से उन्हें पुलिस का भय है कि कहीं उनके रिश्तेदारों पर झूठे मुकदमे न लाद दिये जायें। एक सुप्रसिद्ध अभिनेता ने बयान में कहा कि पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री को माफिया चला रहा है, जिसमें पुरुष प्रोड्यूसर, निर्देशक, अभिनेता शामिल हैं। सिनेमा के तकनीकी सेक्शन में महिला कर्मी नाममात्र की है। फ़िल्म इंस्टीट्यूट के. आर. नारायणन नेशनल इंस्टीटूट ऑफ़ विजुअल साइंस एंड आर्ट्स में 44 में केवल दो छात्राएं हैं।   विपक्ष की मांग है कि पूरे मामले की जाँच वरिष्ठ पुलिस महिला अधिकारियों के द्वारा कराई जाये। मौलिवुड में महिलाओं को दो शब्द समझौते और समायोजन के इर्द-गिर्द घूमना होता है। केवल एक ही सन्देश दिया जाता है- अपने को मांग के अनुसार सेक्स के लिये तैयार रहना है। न बोलने पर काम से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। दिलचस्प तथ्य है कि दृश्य में महिला-पुरुष या पति-पत्नी के एक शॉट के 17 री-टेक होते थे। यह पहले से मान लिया जाता था कि अभिनेता तो अभिनेत्री से दुर्व्यवहार करेंगे। इच्छा के विपरीत महिलाकर्मियों को काम करना पड़ता था। 10 से 15 केवल पुरुष ही मोलिवुड में हैं जो अत्यंत धनी हैं और फ़िल्म इंडस्ट्री में इन्हीं का आधिपत्य है। जूनियर कलाकारों को कलाकार के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है। साहस कर बयान दे चुके कुछ कलाकारों के अनुसार उन्हें शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं। काम करने के बाद रुपये नहीं दिए जाते हैं। हालाँकि, जब इसकी भनक माफिया को लगी तो परिवारवालों को धमकियां दी जाने लगी। इसकी शिकायतें भी थाने में की गई, किन्तु कार्रवाई तो दूर पुलिस उलटे जूनियर कलाकारों को ही केस वापस करने को कह रही है। भोजन और पानी भी नहीं उपलब्ध कराना बड़ी शिकायत है।   जूनियर कलाकार गवाहों ने बताया कि सबसे ज्यादा अत्याचार जूनियर महिला कलाकारों पर होता है। उनके साथ यौन शोषण के साथ कार्यावधि ज्यादा किन्तु पारिश्रमिक काफी कम मिलता है। केरल में जन्मी और पली-बढ़ी गीथा जे. जो अब न्यू कैस्टल यूनिवर्सिटी, ग्रेट ब्रिटेन में फ़िल्म प्रैक्टिस पढ़ाती हैं, उसने साफ शब्दों में कहा कि केरल का पूरा फ़िल्म उद्योग सड़ चुका है। अप्रैल, 2010 में ख्याति को चूम रहे थिलाकन को “सच” बोलने की सजा मिल गई थी। फिल्में मिलनी बंद हो गई थी। 2022 में एक्टर- प्रोड्यूसर विजय बाबू पर महिला अभिनेत्री से दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद आंतरिक शिकायत कमिटी का गठन भी दिखावा साबित हुआ। निराश होकर तीन महिला सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया। विरोध प्रदर्शन हुए, किन्तु परिणाम शून्य। वाम सरकार के समर्थन से यह माफिया उद्योग में तब्दील हो गया। हेमा कमिटी की रिपोर्ट बहुत देर से ही सही सार्वजनिक होने के बाद भी दोषियों को बचाने की जी-तोड़ कोशिश के कारण केरल  की फ़िल्म इंडस्ट्री ध्वस्त हो गई।

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Dakhal News 4 October 2024

कोरबा | वरिष्ठ पत्रकार और जिले से निकलने वाले दैनिक ब्लैकआउट के पूर्व संपादक प्रदीप महतो के निधन की सूचना है. आज शुक्रवार सुबह 5 बजे एक निजी अस्पताल में उनका निधन होने की जानकारी सामने आई है.   महतो, कोरबा के बरपाली गांव के रहने वाले थे और पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान रखते थे.   बरपाली में प्रेस क्लब की स्थापना करवाने में भी उनका अहम योगदान था. उनके निधन से कोरबा के पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है.  

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Dakhal News 4 October 2024

समाज

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन से जुड़े स्कूल संचालकों और शिक्षकों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाईं है  ... लम्बे समय  लोगों को धमकियाँ मिल रही हैं ... ऐसे में इन्होने प्रशासन के सामने अपनी समस्या रखी  .... अमरपाटन के प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर   थाना प्रभारी व एसडीएम को  ज्ञापन सौंप कर सुरक्षा की मांग की है  ... प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के निर्देशन पर स्कूल संचालक व शिक्षकों की सुरक्षा को लेकरज्ञापन सौंपा गया  ...  प्राइवेट स्कूल  संचालकों की माने तो लगातार अभिभावकों द्वारा फोन पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है जिसके लेकर वह भयभीत है और अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर  उन्होंने ज्ञापन दिया है  ...  

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Dakhal News 4 October 2024

रूप बदलने वाली मां हरसिद्धि रानगिर का दरबार इस समय चांदी की चमक से जगमगाया हुआ है  ... यहाँ  भक्तो का  सैलाब उमड़ता रहता है ,,,माँ के दरबार में हर मनोकामना पूर्ण होती है  ... शारदीय नवरात्रि में  देवी मंदिरों में माता की आराधना की जा रही है  ... ऐसे ही सागर के प्रसिद्ध रानगिर मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त में माता का श्रंगार कर आरती की जाती है  और फिर भक्तों के लिए उनके पट खोल दिए जाते हैं  ...  नौ दिनों में यहां लाखों श्रद्धालुओं का आना-जाना होगा, वहीं नवरात्रि से पहले प्राचीन मां हरसिद्धि देवी रानगिर मंदिर में भक्तों द्वारा मां को चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया गया   ...  मां के गर्भगृह के भीतरी द्वार और प्रतिमा के पीछे की दीवार को चांदी से कारीगरों द्वारा करीने से मढ़ा गया है  ...  विंध्य पर्वतमाला की चोटी पर रानगिर में हरसिद्धि माता का प्रसिद्ध मंदिर है...  इस इलाके की पहचान घने जंगल, कठोर चट्टान, दुर्गम रास्ते और देहार नदी के रूप में है...  यहां हरसिद्धि माता दिन में तीन रूप में दर्शन देती हैं, जिसमें सूर्य की प्रथम रश्मियों और लालिमा के सुनहरे पर्यावरण में उनकी मुद्रा बाल सुलभ किशोरी के रूप में देखी जा सकती है....  दोपहर में युवा रूप में मां दर्शन देती हैं और शाम को मां एक वृद्ध नारी के रूप में दृश्यमान होती हैं.....  परिवर्तनशील मां की छवि में श्रद्धालु अपनी समूची आस्था और श्रद्धा मां के चरणों में समर्पित कर धन्य हो जाते हैं.... यह मंदिर करीब 400 साल से अधिक पुराना है  ...  

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Dakhal News 4 October 2024

पेज 3

मलयालम अभिनेता मोहन राज के गुरुवार को निधन की खबर से पूरी फिल्म इंडस्ट्री में शोक फैल गया। मशहूर अभिनेता मोहन राज ने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। मोहन राज पिछले कुछ दिनों से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीते दिन 3 अक्टूबर को निधन हो गया। उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार आज यानी शुक्रवार 4 को केरल में किया जाएगा। मोहन राज मलयालम सिनेमा के मशहूर खलनायक के रूप में जाने जाते थे।   मोहन राज ने वर्ष 1989 में आई फिल्म 'कीरिदम' में विलेन का किरदार निभाया था। इससे पहले वह केंद्र सरकार में अधिकारी थे। इस फिल्म में उनके किरदार का स्क्रीन नाम कीरिकादान जोस था, जिसने उन्हें मलयालम फिल्म उद्योग में कीरिकादान जोस के नाम से लोकप्रिय बना दिया। इस फिल्म में मोहनलाल मुख्य भूमिका में थे।   300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया 'कीरिदम' की भारी सफलता के बाद राज उर्फ ​​जोस की लोकप्रियता आसमान छूने लगी और उन्होंने 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उनकी आवाज और चेहरे के भावों ने मोहन राज को साउथ फिल्मों में खलनायक की भूमिका को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद की। कुछ साल पहले, एक तेलुगु फिल्म में एक स्टंट सीन के दौरान उनके पैर में चोट लग गई थी, जिससे वह कभी पूरी तरह उबर नहीं पाए। यह सदमा जीवन भर उनके साथ रहा।   मलयालम एक्टर मोहन राज ने अपनी आखिरी फिल्म 2022 में की थी। उन्हें आखिरी बार 2022 में ममूटी की 'रोर्शच' में देखा गया था। इसके बाद वह खराब स्वास्थ्य के कारण सिल्वर स्क्रीन से दूर रहे। मोहन राज की खलनायक भूमिका को दर्शकों ने हाथों-हाथ लिया। 'कीरिदम' के अलावा मोहन राज ने 'मिमिक परेड' (1991), 'उप्पुकंदम ब्रदर्स' (1993), 'हिटलर' (1996) और 'मायावी' (2007) जैसी फिल्मों में धमाकेदार परफॉर्मेंस दी। मोहन राज तीन दशक तक इंडस्ट्री में सक्रिय रहे। मलयालम फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों और उनके प्रशंसकों ने अभिनेता के निधन पर शोक व्यक्त किया है।  

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Dakhal News 4 October 2024

बिग बॉस ओटीटी-3' के खत्म होने के बाद से ही फैंस 'बिग बॉस-18' के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अब बिग बॉस लवर्स का इंतजार जल्द ही खत्म हो जाएगा। बिग बॉस 18 शुरू होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं। बिग बॉस देखने के लिए दर्शकों की उत्सुकता चरम पर है। शो में आने वाले कंटेस्टेंट्स को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है। बिग बॉस 18 शो 6 अक्टूबर 2024 से शुरू होगा।   बिग बस 18 सीजन शुरू होने से पहले ही मेकर्स ने दो कंटेस्टेंट्स के प्रोमो शेयर कर दिए हैं। हर कोई इस बात को लेकर उत्सुक है कि इस साल बिग बॉस के घर में कौन सा प्रतियोगी प्रवेश करेगा। नए सीजन की घोषणा से पहले ही बिग बॉस के लिए कई सेलिब्रिटीज के नामों की चर्चा चल रही थी। अब बिग बॉस के घर में कुछ प्रतियोगियों के नामों पर मुहर लग गई है।       बिग बॉस 18 के कंफर्म प्रतियोगियों की सूची   निया शर्मा   बिग बॉस 18 में टीवी की मशहूर एक्ट्रेस निया शर्मा के नाम पर मुहर लग गई है। खतरों के खिलाड़ी-14 के ग्रैंड फिनाले में होस्ट और डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने बिग बॉस 18 के पहले सदस्य के रूप में निया शर्मा के नाम की घोषणा की। फैंस अब इस स्टाइल सेंसेशन को बिग बॉस के घर में देखने के लिए उत्सुक हैं।       शोएब इब्राहिम   बिग बॉस के इस साल के सीजन में एक्टर शोएब इब्राहिम प्रतिभागी होंगे। शोएब की पत्नी एक्ट्रेस दीपिका कक्कड़ ने बिग बॉस 12 का सीजन जीता था। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि शोएब बिग बॉस के घर में कैसा प्रदर्शन करेंगे।       धीरज धूपर   'ससुराल सिमर का' और 'कुंडली भाग्य' जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में अपने अभिनय से घर-घर में मशहूर हुए अभिनेता धीरज धूपर अब बिग बॉस 18 में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सीरियल में उनकी भूमिकाओं ने उन्हें प्रशंसकों का प्यार अर्जित किया है। अब फैंस उन्हें बिग बॉस के घर में देखकर काफी खुश हैं।       न्यारा बनर्जी   न्यारा बनर्जी ने अलौकिक ड्रामा सीरीज 'दिव्य दृष्टि' में अपने आकर्षक अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। अपने अभिनय कौशल के अलावा, उन्होंने रियलिटी शो 'फियर फैक्टर: खतरों के खिलाड़ी 13' में अपनी रोमांचक उपस्थिति से भी छाप छोड़ी।       शहजादा धामी   अभिनेता शहजादा धामी ने 'ये जादू है जिन का!', 'छोटी सरदारनी', 'शुभ शगुन' और 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में अभिनय किया है। शहजादा अब बिग बॉस के घर में एंट्री करने जा रहे हैं।       शिल्पा शिरोडकर   80 और 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शिरोडकर सलमान खान के शो में नजर आएंगी। बिग बॉस ने इसका प्रोमो भी शेयर किया है।       समीरा रेड्डी   एक्ट्रेस समीरा रेड्डी का नाम भी बिग बॉस के लिए चर्चा में है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।  

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Dakhal News 4 October 2024

दखल क्यों

देश की समृद्धि के लिए अंत्योदय अत्यंत आवश्यक है। अंत्योदय का अर्थ है- समाज के अंतिम व्यक्ति का उदय। दूसरे शब्दों में- समाज के सबसे निचले स्तर के लोगों का विकास करना ही अंत्योदय है। अंत्योदय के बिना देश उन्नति नहीं कर सकता, क्योंकि जब तक देश के अति निर्धन वर्ग का उत्थान नहीं होता, तब तक वह मुख्यधारा में सम्मिलित नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति में देश भी समृद्ध नहीं हो पाएगा। इसलिए अंत्योदय आवश्यक है।        जनसंघ के संस्थापक दीनदयाल उपाध्याय ने अंत्योदय का नारा दिया था। अंत्योदय उनका सपना था। वे कहते थे कि आर्थिक योजनाओं तथा आर्थिक प्रगति का माप समाज के ऊपर की सीढ़ी पर पहुंचे हुए व्यक्ति नहीं, बल्कि सबसे नीचे के स्तर पर विद्यमान व्यक्ति से होगा। अंत्योदय के माध्यम से केवल भारत ही नहीं, अपितु समग्र विश्व का विकास हो सकता है। इसके सुनियोजित योजना एवं उत्तरदायित्व आवश्यक है। विश्व के बहुत से विकसित राष्ट्र हालांकि किसी भी योजना के बिना ही वर्तमान आर्थिक विकास की दर प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जिससे कुछ लोगों को यह अनुभव हो रहा है कि योजनाएं न केवल अनावश्यक हैं, अपितु निहायत अवांछनीय भी हैं। इसके बावजूद आम सहमति इस बात पर भी है कि यदि अविकसित राष्ट्र थोड़े समय में वही हासिल करना चाहते हैं, जो विकसित देशों ने लगभग एक शताब्दी में प्राप्त किया है तो विकास को अपनी प्राकृतिक गति पर नहीं छोड़ा जा सकता। विकास की प्रक्रिया शुरू करने के लिए भी एक प्रयास करना पड़ेगा और यह प्रयास नियोजित ढंग से होना चाहिए।       प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 98वीं जयंती के अवसर पर अंत्योदय दिवस की घोषणा की थी, तभी से यह दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाना है, ताकि वे भी प्रगति करके समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकें। आर्थिक उन्नति के साथ-साथ यह दिवस समाज में व्याप्त असमानताओं के उन्मूलन के लिए कार्य करने की प्रोत्साहित करता है। इसके अतिरिक्त यह दिवस विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देता है, जिससे निर्धनों एवं वंचित वर्गों के लोगों को उनके कल्याण के लिए संचालित की जा रही योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो सके तथा वे इसका लाभ उठा सकें। सरकार इन वर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।       दीनदयाल अंत्योदय योजना के कई घटक हैं, जिन्हें अलग-अलग समय पर प्रारंभ किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 सितंबर, 2014 को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भी प्रारंभ की। इसका उद्देश्य निर्धन ग्रामीण युवाओं को नौकरियों में नियमित रूप से न्यूनतम पारिश्रमिक के समान या उससे अधिक मासिक पारिश्रमिक प्रदान करना है। यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की क्रियान्वित की जा रही है। इससे पूर्व 24 सितंबर, 2013 को राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत शहरी निर्धनों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने एवं उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया जाता है। इससे पूर्व 25 सितंबर, 2004 को दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के अंतर्गत निर्धन रोगियों को एंबुलेंस की सुविधा प्रदान की जाती है।       उल्लेखनीय है कि सरकार अंत्योदय अन्न योजना संचालित कर रही है। यह योजना 25 दिसंबर 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रारंभ की गई थी। इसे केंद्रीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय द्वारा लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण परमाली द्वारा देश के सबसे निर्धन लोगों को रियायती दरों पर भोजन उपलब्ध करवाना है। इस योजना के अंतर्गत निर्धन परिवारों को 35 किलो राशन प्रदान किया जाता है। इसमें 20 किलो गेहूं और 15 किलो चावल सम्मिलित होता है। इसके अंतर्गत गेहूं तीन रुपये प्रति किलोग्राम और चावल दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है। इसे सबसे पहले राजस्थान में लागू किया गया था। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि कच्ची नौकरियों में निर्धन परिवारों के युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें वे परिवार सम्मिलित हैं, जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम है। कोरोना काल से यह राशन नि:शुल्क कर दिया गया।       भारतीय जनता पार्टी की केंद्र एवं राज्य सरकारें अंत्योदय के सिद्धांत को लेकर शासन कर रही हैं। भाजपा के अनुसार एकात्म मानववाद और अंत्योदय का दर्शन पार्टी के मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। इस सिद्धांत को हम सबका साथ सबका विकास के साथ मिला हुआ देख सकते हैं जो गरीब, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार द्वारा तय की गई नीतियों में भी नजर आता है। दीनदयाल जी और उनकी आर्थिक नीतियों ने हमेशा गरीबों की भलाई पर जोर देने की बात की है। उनके आर्थिक विचार में पंक्ति के अंतिम पड़ाव पर खड़ा व्यक्ति शामिल रहा है। उन्होंने कहा था कि ‘आर्थिक नीति निर्धारण और प्रगति की सफलता का पैमाना यह नहीं है कि समाज के सबसे शीर्ष पर मौजूद व्यक्ति को उससे कितना फायदा मिल रहा है बल्कि यह है कि समाज पर जो लोग सबसे नीचे हैं उन्हें उन नीतियों का कितना फायदा मिला है। अंत्योदय का मतलब समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का कल्याण है। उन्होंने यह भी कहा था कि यह हमारी सोच और हमारे सिद्धांत हैं कि ये गरीब और अशिक्षित लोग हमारे ईश्वर हैं, यही हमारा सामाजिक और मानवीय धर्म है।       उनके इसी अंत्योदय के विचार से प्रेरित होकर केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मौजूद एनडीए सरकार और तमाम प्रदेशों में शासन करने वाली भाजपा सरकारें अंत्योदय के रास्ते पर बढ़ने की ओर अग्रसर हैं तथा गरीब, ग्रामीण एवं किसानों के लिए और समाज के सबसे शोषित वर्ग से आने वाले युवाओं और महिलाओं के कल्याण की ओर प्रतिबद्ध हैं। गरीब को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए औसत जीवन स्तर में बढ़ोतरी हुई है। मुद्रा, जनधन, उज्जवला, स्वच्छता मिशन, शौचालयों का निर्माण, दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना, आवास योजना, सस्ती दवाएं और इलाज, इन सभी योजनाओं पर कार्य को आगे बढ़ा दिया गया है।       तकनीक के प्रयोग से कृषि में सुधार किया जा रहा है एवं किसानों की आय दुगनी करने के इरादे से सिंचाई तकनीकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। केंद्रीय बजट की सहायता से गांवों में भी कई निवेश किए जा रहे हैं। दीनदयाल जी के विचारों से प्रेरित भाजपा सरकार देश के संसाधनों का उपयोग केवल देश की उन्नति के लिए करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए यह सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने, कालाधन रोकने और जनता की कमाई की लूट रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। एक भारत-श्रेष्ठ भारत का रास्ता गरीबी दूर करके ही मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंत्योदय व सेवा के संकल्प को पूर्ण कर विकसित भारत के निर्माण के लिए भाजपा प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि मां भारती की सेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे अंत्योदय के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का व्यक्तित्व और कृतित्व देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बना रहेगा।       वास्तव में दीनदयाल अंत्योदय योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि करती है। इसके अंतर्गत कृषि और गैर-कृषि दोनों प्रकार की आजीविकाओं में सहायता मिलती है। इससे महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सहायता मिलती है। महिला स्वयं सहायता समूहों को उनकी आजीविका बढ़ाने में सहायता मिलती है। इसके अंतर्गत महिलाओं को बैंकिंग संवाददाता सखियों के रूप में प्रशिक्षण दिया जाता है।

Dakhal News

Dakhal News 4 October 2024

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB -PMJAY) की छठी वर्षगांठ गर्व और चिंतन का क्षण है। सितंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई एबी-पीएमजेएवाई आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना में से एक बन चुकी है। यह योजना इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों, के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। पिछले छह वर्षों में इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों जिंदगियों को छुआ है, उन्हें आशा, उपचार और कई मामलों में जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया है। एबी-पीएमजेएवाई की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक राष्ट्र जब अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ एकजुट होता है तो क्या कुछ हासिल कर सकता है।   आयुष्मान भारत का मुख्य मिशन यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय अपनी वित्तीय स्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे। माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल देखभाल को कवर करने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के वार्षिक कवरेज के साथ, एबी-पीएमजेएवाई ने आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने का साधन प्रदान किया है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एबी-पीएमजेएवाई के लाभों का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है, जो हमारे देश में बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे आशा बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायकों के परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया था।   55 करोड़ से अधिक लोग योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आज पात्र हैं। अभी तक 7.5 करोड़ से अधिक सफल उपचार प्रदान किए गए हैं जिस पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हुआ है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो परिवार स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते थे, उनके लिए अब यह योजना वित्तीय ढाल साबित हो रही है। योजना के तहत लाभार्थी  किसानों से लेकर दैनिक मजदूरों तक के कथन इस बात का प्रमाण है कि यह योजना उन्हें आर्थिक परेशानी से बचा रही है। इस मायने में, आयुष्मान भारत ने वास्तव में अपने वादे को पूरा किया है। इस योजना में उपचार का दायरा बहुत व्यापक है, जो 1900 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है, जिनमें हृदय बाईपास या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी से लेकर कैंसर और गुर्दे की बीमारियों के उपचार तक शामिल हैं। ये ऐसे उपचार हैं जो पहले तमाम लोगों के लिए पहुंच से बाहर थे, लेकिन अब एबी-पीएमजेएवाई ने उन्हें सुलभ, किफायती और सभी के लिए उपलब्ध बना दिया है।   विस्तृत नेटवर्क और मजबूत सिस्टम  एबी-पीएमजेएवाई की एक विशेषता इसका मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नेटवर्क तैयार करने की क्षमता रही है। आज, भारत भर के 29,000 से अधिक अस्पताल, जिनमें 13,000 से अधिक निजी अस्पताल शामिल हैं, योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। यह नेटवर्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले लोग भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। योजना की अद्वितीय पोर्टेबिलिटी सुविधा ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपने राज्य के अलावा देश भर के अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं।   इस विशाल नेटवर्क को एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित किया गया है जो दावों के निपटान में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करता है। आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पेपरलेस क्लेम प्रोसेसिंग के कार्यान्वयन ने धोखाधड़ी और अक्षमता को काफी हद तक कम किया है, जो अक्सर ऐसी बड़ी सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में एक बड़ी चुनौती होती है।   आयुष्मान भारत की सफलता ने स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य हिस्सों में भी सुधार को उत्प्रेरित किया है। योजना के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर जोर ने सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों को अपने बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है। इसके अतिरिक्त, इसने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण विकसित किया है, जो प्रदाताओं को रोगी कल्‍याण को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।   समग्र स्वास्थ्य सेवा आयुष्मान भारत सिर्फ माध्यमिक और तृतीयक स्तरीय अस्पताल चिकित्सा के बारे में नहीं है। एबी-पीएमजेएवाई के साथ-साथ, सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) के निर्माण के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर भी काम कर रही है। ये स्वास्थ्य केंद्र सुरक्षात्मक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनसंख्या में कुल रोगों के भार को कम करना है। अब तक, पूरे भारत में 1.73 लाख से अधिक AAM स्थापित किए जा चुके हैं, जो सामान्य बीमारियों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी चिरकालिक परिस्थितियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग, निदान और दवाएं प्रदान कर रहे हैं। ये केंद्र व्यापक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल मॉडल की ओर हमारे प्रयास के केंद्र में हैं। कल्याण (वेलनेस) और प्रारंभिक निदान को बढ़ावा देकर, हम अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम करने और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को लंबे समय में और अधिक स्थाई बनाने की उम्मीद करते हैं।   चुनौतियों को पार करके आगे बढ़ना आयुष्मान भारत की उपलब्धियों का हर्ष मनाते हुए हमें आगे आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए। योजना का पैमाना विशाल है और इसके साथ इसे लगातार अनुकूलित, परिष्कृत और सुधारने की जिम्मेदारी आती है। हम योजना की पहुंच को बढ़ाने, अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और हर लाभार्थी को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। आगे बढ़ते हुए, हम आयुष्मान भारत को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह भारत की समग्र, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की यात्रा में सबसे आगे बना रहे। हम योजना के तहत कवर किए गए उपचारों की सूची का विस्तार करने, सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के सफल निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।   स्वस्थ भारत का सपना केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में मेरा दृढ़ विश्वास है कि किसी भी राष्ट्र का स्वास्थ्य उसकी समृद्धि की नींव है। स्वस्थ जनता देश के विकास, उत्पादकता और नवाचार में योगदान करने में सक्षम होती है। आयुष्मान भारत इस स्वस्थ, मजबूत और विकसित भारत की संकल्पना का केंद्र है। अब तक की योजना की सफलता सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लोगों के बीच की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और सहयोग को दर्शाती है। हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखेंगे।

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Dakhal News 4 October 2024

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