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शिवराज घोषणावीर घोषणाओं से प्रदेश नहीं चलता ,टेलीविजन की राजनीति नहीं विजन की राजनीति हो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रीवा में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सभा की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा भारत की सांस्क़ृति और कांग्रेस की सांस्क़ृति एक है उन्होंने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिर्फ घोषणा करते हैं क्या केवल घोषणाओं से प्रदेश चलता है कमलनाथ ने कांग्रेस महापौर प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा को अपना वोट देने की अपील की निकाय चुनाव के मतदान में अब ज्यादा दिन शेष नहीं हैं सियासी दलों के चुनाव प्रचार का शोर अपने चरम पर पहुंच गया है चुनाव प्रचार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रीवा के पदमधर पार्क में चुनावी सभा को संबोधित किया उन्होंने कहा कि शिवराज सिर्फ घोषणा करते हैं और घोषणा से प्रदेश नहीं चलता कमलनाथ ने कहा कि अजय मिश्रा को इसलिए मैंने चुना औऱ टिकट दिया, क्योंकि वो नेता कम समाजसेवक ज्यादा है उन्होंने शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज ने मध्यप्रदेश को दिया क्या है शिवराज ने घर-घर दारू दी महंगाई दी, बेरोजगारी दी, भ्रष्टाचार दिया, बलात्कार दिया सबसे ज्यादा महिला अत्याचार मध्यप्रदेश में हो रहे हैं शिवराज केवल घोषणाएं करते हैं कमलनाथ ने कहा कि अगले 15 माह बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी कमलनाथ ने कहा कि रीवा का विकास करना है, तो कांग्रेस को जिताना होगा शिवराज ने बीते 15 साल में 20 हजार घोषणाएं की, सब झूठे हैं कमलनाथ ने रीवा के विकास के लिए, प्रत्याशियों को विजयी बनाने के लिए अपील की उन्होंने आरोप लगाया कि आज प्रदेश का हर वर्ग परेशान है प्रदेश में आज महिला अत्याचार, दुष्कर्म, बेरोजगारी में नंबर 1 पर है आज प्रदेश का हर वर्ग परेशान है कृषि क्षेत्र में खाद्य बीज के लिए भटक रहा है उन्होंने कहा हमें सीएम शिवराज सिंह की तरह टेलीविजन की राजनीति नहीं करनी है, बल्कि विजन की राजनीति चाहिए
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कमलनाथ बोले भाजपा कर रही है सिर्फ भ्रष्टाचार कटनी में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी श्रेहा खंडेलवाल और पार्षद प्रत्याशियों के पक्ष में रोड शो किया कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को घोषणावीर कहते हुए कहा पूरे मध्यप्रदेश में स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है कांग्रेस नेता ,पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने सुभाष चौक से जन रैली के माध्यम से आम लोगों से कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी श्रेहा खंडेलवाल और पार्षद प्रत्याशियों के लिए वोट की अपील की कमलनाथ और विवेक तन्खा का रोड शो कटनी स्टेशन से होते हुए आजाद चौक तक गया इस रोड शो में भारी भीड़ रही कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को घोषणावीर बताया और कहा पूरे मध्यप्रदेश में इस समय स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ भ्रष्टाचार हो रहा है कमलनाथ ने सवाल किया की 17 साल से ज्यादा से बीजेपी सरकार है उसके बाद भी कटनी का समुचित विकास नहीं हो पाया कमलनाथ ने बताया कि कटनी में क्या क्या होना चाहिए था जो भाजपा सरकार ने नहीं किया कमलनाथ ने ये भी बताया कि एमपी में कैसे कैसे करप्शन हो रहा है
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जाग्रत हिन्दू मंच ने दर्ज कराई एफआईआर,हिंदू देवी देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘काली’ में मां काली के आपत्तिजनक पोस्टर के बाद हिंदू समुदाय के निशाने पर आईं फिल्म प्रोड्यूसर लीना मणिमेकलाई के खिलाफ भोपाल में भी एफआईआर दर्ज की गई जाग्रत हिन्दू मंच ने ये एफआईआर दर्ज करवाई है जाग्रत हिन्दू मंच ने क्राइम ब्रांच में एडिशनल एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान को आवेदन देते हुए लीना मणिमेकलाई की शिकायत की जागृत हिंदू मंच के संरक्षक डॉ. दुर्गेश केसवानी और संयोजक सुनील कुमार जैन ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया इस दौरान फिल्म प्रोड्यूसर पर हिंदू समुदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और उन्हें भड़काने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की गई थी डॉ दुर्गेश केसवानी ने बताया कि मां काली हिंदू समुदाय की आराध्य और पूजनीय देवी हैं फिल्म प्रोड्यूसर ने फिल्म को चर्चा में लाने के लिए हल्के प्रचार का सहारा लिया है इसलिए उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई होना चाहिए पोस्टर में मां को धूम्रपान करते हुए और समलैंगिंकों के समर्थन के चिन्ह युक्त झंडा लिए दिखाया गया है इससे पूरे हिंदू समुदाय को ठेस पहुंची है अधिवक्ता सुनील कुमार जैन ने बताया कि आरोपी महिला को सजा दिलाने के लिए यदि हम पूरी तरह से प्रयास करेंगे और ऐसी नजीर पेश करेंगे कि भविष्य में कोई भी इस तरह का घृणित काम करने की हिम्मत न कर सके इस मसले पर गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बताया फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई को 24 घंटे में फिल्म 'काली' का विवादित पोस्टर हटाने व माफी मांगने के लिए कहा था भोपाल क्राइम ब्रांच में IPC 295 A की धारा में उनके खिलाफ़ केस दर्ज किया गया है
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देवी काली पर महुआ मोइत्रा की टिप्पणी ममता बनर्जी के लिए बनी मुश्किल........ महुआ मोइत्रा ने कहा था कि मांस खाने वाली और शराब पीने वाली देवी काली की कल्पना करने का उन्हें पूरा अधिकार है.महुआ मोइत्रा ने कहा था कि हर व्यक्ति को अपने देवता और देवी की पूजा अपनी तरह से करने का अधिकार है.बीजेपी ने महुआ मोइत्रा के बयान पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि क्या यह बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी की भी यही राय है? बीजेपी ने कहा कि यह हिन्दू देवी और देवताओं का अपमान है. तृणमूल कांग्रेस ने इस विवाद में ख़ुद को अपनी सासंद की टिप्पणी से अलग कर लिया है और महुआ मोइत्रा के बयान की निंदा की है. पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में मंगलवार को कहा था कि यह व्यक्ति का अधिकार है कि वह अपने आराध्य को किस रूप में देखता है. महुआ ने कहा था, ''मिसाल के तौर पर आप भूटान और सिक्किम में जाते हैं तो वे पूजा में अपने अराध्य को व्हिस्की देते हैं. लेकिन अगर उत्तर प्रदेश में जाएंगे और प्रसाद के रूप में व्हिस्की देने की बात करेंगे हैं तो लोग इसे ईशनिंदा के रूप में लेंगे.'' महुआ मोइत्रा ने कहा कि लोगों को यह अधिकार है कि अपने अराध्य की कल्पना अपने हिसाब से कर सकें. महुआ मोइत्रा ने कहा था, ''मेरे लिए काली एक मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं. और आप तारापीठ (पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में एक शक्ति पीठ) जाएंगे तो पाएंगे कि साधु स्मोकिंग कर रहे हैं. काली की पूजा करने वाले आपको अलग-अलग मिलेंगे. हिन्दू धर्म के भीतर काली के उपासक के तौर पर मुझे अधिकार है कि मैं अपनी देवी की कल्पना अपने हिसाब से कर सकूं. यही मेरी आज़ादी है.'' मोइत्रा से काली पर विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर सवाल पूछा गया था. इस फ़िल्म में देवी काली को स्मोक करते हुए दिखाया गया है. मोइत्रा ने कहा था, ''जिस तरह से आपको शाकाहारी और सफ़ेद वस्त्र में ईश्वर की पूजा की आज़ादी है, उसी तरह से मुझे भी मांसाहारी देवी की पूजा की आज़ादी है.'' महुआ मोइत्रा की यह टिप्पणी कुछ ही घंटों में वायरल हो गई. इसके बाद महुआ मोइत्रा ने आरएसएस पर हमला करते हुए एक स्पष्टीकरण जारी किया.महुआ ने कहा था, ''यह सभी संघियों के लिए है. झूठ बोलने से आप बेहतर हिन्दू नहीं बन सकते. मैंने कभी किसी फ़िल्म या पोस्टर का समर्थन नहीं किया और न ही स्मोकिंग शब्द का इस्तेमाल किया है. मैं आपको सलाह दूंगी कि कभी तारापीठ में माँ काली का दर्शन करने जाएं और वहाँ देखिए कि भोग में क्या चढ़ाया जाता है. जय माँ तारा.'' बीजेपी ने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रथिंद्र बोस ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की बात हिन्दू देवी के बारे में टीएमसी के भीतर से कही गई है. बोस ने कहा, ''हमलोग मानते हैं कि यह टीएमसी का आधिकारिक रुख़ है और इससे हिन्दुओं की भावना आहत हुई है.'' हालांकि टीएमसी ने महुआ मोइत्रा के बयान से ख़ुद को अलग कर लिया है. टीएमसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मंगलवार को ट्वीट कर कहा गया, ''इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में महुआ मोइत्रा ने देवी काली को लेकर जो कुछ भी कहा है, वह उनकी निजी सोच है. उनकी इस टिप्पणी से न तो पार्टी सहमत है और न ही हमारा यह आधिकारिक रुख़ है. तृणमूल कांग्रेस महुआ मोइत्रा की टिप्पणी की निंदा करती है.''कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ से महुआ मोइत्रा और फ़िल्म काली के पोस्टर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह इस पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं. गौरव ने कहा कि मोइत्रा की टिप्पणी टीएमसी का आंतरिक मामला है.गौरव वल्लभ ने कहा, ''हम सभी धर्मों के अराध्यों का सम्मान करते हैं. भारत की ख़ूबसूरती विविधता है.'
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महाराष्ट्र के महामंथन के बाद जो अमृत और जहर निकल कर सामने आये हैं, उसने भारत की आर्थिक राजनीति पर नियंत्रण करने की भाजपा की कशमकश को उजागर कर दिया है। इतना ही नहीं सैकड़ों वर्ष पुरानी हिंदू पदपाद शाही और पेशवाई के द्वंद भी सामने ला दिए हैं । इस महाभारत में अमृत मंथन के जो परिणाम सामने आए हैं वे ना केवल चौंकाने वाले हैं बल्कि राजनैतिक विवशता की पराकाष्ठा को व्यक्त करते हैं। सभी जानते हैं कि देवेन्द्र फडनवीस 5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वे स्वयं ही शिवसेना के विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे को उप-मुख्यमंत्री बनाने के ऑफर दे रहे थे। अचानक उन्ही फड़नवीस को विद्रोही एकनाथ शिंदे का उप-मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब वह कैडर आधारित पार्टी नहीं रही है, बल्कि पूर्णरूपेण राजनीतिक पार्टी बन गई है।सत्ता के लिए उसे किसी भी तरह के समझौते करने से कोई गुरेज नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर वह आतंकवाद की पोषक बताई जाने वाली पार्टी पीडीपी के साथ भी सत्ता में भागीदार बनने तैयार हैं। अपने ही एक सीनियर पूर्व मुख्यमंत्री को अल्पमत के विद्रोहियों के नीचे उप मुख्यमंत्री बनाने भी तैयार है। यह एक संदेश है कि कार्यकर्ता केवल कार्यकर्ता ही है और सत्ता प्राप्ति के लक्ष्य मार्ग में अगर उसकी गर्दन कटती है तो पार्टी दुश्मन को भी अपना बनाने तैयार है। सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग बहुत शक्तिशाली है छोटी-छोटी अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियां ना केवल लड़ाकू है बल्कि सैन्य संरचना और साहस को समझती हैं और शिवसेना प्रतीक रूप में उनकी पहचान बन चुकी है ।छत्रपति शिवाजी ने जिन पिछड़ी जातियों को जोड़कर अपनी राज्य व्यवस्था कायम की थी लगभग वही जाति संतुलन शिवसेना के गठन में परिलक्षित होता है ।अगड़ी जातियों द्वारा आर्थिक राजधानी पर कब्जा करने की नीयत से दिल्ली की सहायता से मुंबई पर जो हमला किया है उसे यह पिछड़ी जातियां किस सीमा तक सहन करेंगीं यह समय के गर्भ में है। किंतु यह तो साफ ही है कि भविष्य में अगड़ी और पिछड़ी का संघर्ष आर्थिक राजधानी से ही शुरू होगा । बहुत संभव है कि शिवसेना इसे मराठी मानुस और गुजराती अर्थ सत्ता के संघर्ष में बदल दे। अगर ऐसा हुआ तो भारत के सामने एक नया अर्थ संकट खड़ा होने जा रहा है। शिवसेना सरकार के पतन और एकनाथ की ताजपोशी को अर्थ जगत ने कैसे लिया है इसका प्रमाण है कि दो दिन में ही सेंसेक्स लगभग एक हजार प्वाइंट नीचे आ गया और जून का महीना खुदरा निवेशकों के लिये लुटने का जून हो गया है। विद्रोही एकनाथ शिंदे ने बहुत ही सफाई से इस गठबंधन को हिंदुत्व का पैरोकार बता कर दलबदल की अनैतिकता पर पर्दा डालने की कोशिश की है। यह मुंबई में सभी जानते हैं कि भाजपा के साथ पिछली पंचवर्षीय सरकार में जब शिवसेना शामिल थी तब एकनाथ शिंदे ने ही सार्वजनिक कार्यक्रम में अपना इस्तीफा देकर शिवसेना पर भाजपा गठबंधन से निकलने का दबाव बनाया था। उनका कहना था कि भा ज पा शिवसेना को खाने की चेष्टा कर रही है और उद्धव ठाकरे को भाजपा से गठबंधन तोड़ लेना चाहिए ।आखिर कब तक शिवसैनिक भाजपा की प्रताड़ना और भेदभाव पूर्ण व्यवहार को सहन करें ।आज वही एकनाथ शिंदे उसी भाजपा से कथित हिंदुत्व के नाम पर समझौता कर रहे हैं,बल्कि महाविकास अघाड़ी की नैतिकता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। देश के लगभग सभी दल जिन्होंने समय-समय पर भाजपा के साथ गठबंधन किया था यह मानते हैं कि भाजपा हमेशा सबसे पहले अपने ही गठबंधन के सहयोगियों को खाने की कोशिश करती है। पूर्व में चाहे बसपा रही हो, चाहे अकाली दल या नीतीश कुमार की पार्टी हो सभी पार्टियां लगभग समाप्त हो रहीं हैं,उनकी लीडरशिप का बड़ा हिस्सा भाजपा में जुड़ चुका है। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और बी जे डी जरूर ऐसी पार्टियां हैं जो हाथ छुड़ाकर ना भागीं होतीं तो वे भी शिवसेना की तरह विभाजन की पीड़ा से गुजर रहीं होतीं।उन्होंने मगरमच्छ के मुंह से बाहर निकल कर जान तो बचा ली है मगर भाजपा अपना अपमान और लक्ष्य नहीं भूली होगी यह भी तय है। तात्कालिक सत्ता के लिये अल्पमत के नीचे बहुमत होते हुए भी भाजपा काम करने तैयार है। याद कीजिए यही समझौता बिहार में हुआ था जहां अल्पमत के नीतीश कुमार तो मुख्यमंत्री हैं और बहुमत की भाजपा का उपमुख्यमंत्री। सत्ता के लिये महाराष्ट्र का ताजा सौदा भले ही भाजपा के लिये आर्थिक राजधानी के खजाने के दरवाजे खोल दे मगर आने वाले समय में उसके कार्यकर्ताओं का खजाना भी लुट सकता है,यह भी संभावना है। महाराष्ट्र का यह महाभारत अभी तक राजनीति के गलियारों में था आगे चलकर इस महाभारत के समाज में उतरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और उसी अग्निपथ पर आर्थिक राजधानी का भविष्य निर्भर होगा।फिलहाल तो राजनीति बारूद के ढेर पर बैठकर अगरबत्ती सुलगा रही है। -भूपेन्द्र गुप्ता 'अगम' (लेखक कांग्रेस नेता एवं स्वतंत्र पत्रकार हैं)
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देश के हर बच्चे का शिक्षा पाना वाकई बहुत जरूरी स्कूलों में नया सत्र शुरू हो गया है। बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकारी मशीनरी गांवों और बस्तियों तक पहुंचकर हर बच्चे को स्कूल में प्रवेशित करने के प्रयास में लगी है। देश के हर बच्चे का शिक्षा पाना वाकई बहुत जरूरी है, क्योंकि शिक्षा वह शक्तिशाली हथियार है, जिसका उपयोग दुनिया को बदलने के लिए किया जा सकता है। इसलिए हम सबकी जिम्मेदारी है कि लक्ष्य की ओर बढ़ने वाले उम्मीदों के हर कदम को हम शिक्षा की राह दिखाएं। जिससे उनका भविष्य सुनहरा हो सके। यह खुशी की बात है कि हमारे देश के करीब 7 करोड़ बच्चे प्री प्रायमरी और प्रायमरी स्कूलों में जाते हैं लेकिन शिक्षा के लिए अभी ओर उचांईयों पर पहुंचना बाकी है। क्योंकि देश में 6 से 14 साल की आयु वर्ग के 60 लाख से अधिक बच्चे स्कूल नहीं जाते। पहली कक्षा में प्रवेश लेने के बाद 37 प्रतिशत बच्चे प्रारंभिक शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाते और हाईस्कूल तक पहुंचते हुए तो यह संख्या चिंताजनक हो जाती है। स्कूल नहीं जाने वाले और स्कूल के बीच पढ़ाई छोड़ने वाले 75 फीसद बच्चे देश के छह राज्यों से आते हैं, इनमें से मध्यप्रदेश भी एक है। अन्य राज्यों में बिहार, ओड़िसा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।सरकार ने बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू किया है। इस कानून के तहत शिक्षा निशुल्क भी है और अनिवार्य भी। मतलब 6 से 14 साल के बीच के बच्चे को शिक्षा से वंचित रखना कानूनन अपराध की श्रेणी में माना जाता है। शिक्षा के अधिकार के तहत सरकारी स्कूलों में तो शिक्षा, किताबें, ड्रेस और मध्याह्न भोजन निशुल्क मिलता ही है, साथ ही प्रायवेट स्कूलों पर भी यह नियम लागू होता है और वहां प्रारंभिक कक्षा में 25 प्रतिशत सीटें आरटीई के तहत आरक्षित की जाती हैं। जिससे वंचित वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में भी निशुल्क शिक्षा का अधिकार मिल सके। शिक्षा के अधिकार के तहत सरकारी मशीनरी निजी स्कूलों में आरक्षित सीटोंर प्रवेश तो करा देती है लेकिन बाद में इन बच्चों की नियमितता की ओर न तो शिक्षा विभाग ध्यान देता है न ही निजी स्कूल का प्रबंधन। ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों से पलायन, निजी स्कूलों से तालमेल नहीं बैठा पाना, परिवार में शिक्षा का माहौल नहीं मिलना और बाल मजदूरी जैसे कई कारणों से 34 प्रतिशत से अधिक बच्चे आरक्षित सीटों पर प्रवेश मिलने के बावजूद आठवीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा हासिल नहीं कर पाते। ऐसे में शिक्षा का अधिकार अनिवार्य न होकर अधूरा रह जाता है। च्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए उन्हें स्कूल भेजना तो जरूरी है लेकिन यह भी जरूरी है कि वहां उन्हें बेहतर माहौल मिल सके। आज कई जगह स्कूलों में व्यवस्थाएं बेहतर नहीं हैं, स्कूलों में सबसे जरूरी होते हैं शिक्षक लेकिन प्रदेश के 21077 स्कूल महज एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं, प्रदेश में शिक्षकों के 87 हजार 630 पद खाली हैं। इस ओर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है, तभी बच्चों को वास्तविक रूप से शिक्षा का अधिकार मिल सकेगा। बाॅक्स हम ऐसे निभाएं अपनी जिम्मेदारीहम गरीब व वंचित वर्ग के बच्चों की शिक्षा के लिए चिंतित होते हैं लेकिनहमें समझ नहीं आता कि किस प्रकार हम इनके लिए काम करें। इसके लिए मैं एकछोटा लेकिन महत्वपूर्ण सुझाव देना चाहूंगा। हम सब केवल यह पता करें हमारे घर व आॅफिस में काम करने वाले चैकीदार, माली, कामवाली बाई, रसोईया या अन्य कर्मियों के बच्चे स्कूल जा रहे हैं कि या नहीं। इनके बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने में मदद करें, निजी स्कूलों में आरटीई के तहत आरक्षित सीटों की जानकारी दें, अगर निजी स्कूलों में संभव न हो तो सरकारी स्कूल में निशुल्क प्रवेश कराएं, उन्हें किताबें-काॅपी, स्कूल ड्रेस या स्टेश्नरी क्रय करने के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करें। आपका यह योगदान आने वाले देश के भविष्य के लिए सुदृढ़ युवाओं का निर्माण करेगा। (प्रवीण कक्कड़)
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17 तक के लिए प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में सिंगरौली जिले में नगरीय निकाय चुनावों में जिले के कुल मतदाताओं में से आधे ही लोगों ने मतदान किया जिसके कारण मतदान प्रतिशत 52.56 रहा अब 17 को मतगणना होनी है तब तक के लिए प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है सिंगरौली में में नगरीय निकाय चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ जिले में पंजीकृत मतदाता 233775 थे जिनमे 109579 पुरुष 93779 महिला और 17 अन्य थे जबकि बुधवार को हुए मतदान में 58921 पुरुष,47979 महिला और 1 अन्य मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया कम मतदान प्रतिशत की एक वजह जहाँ मतदान पर्चियों का वितरण सही तरीके से न हो पाना है तो वही दूसरी ओर परियोजनाओं में निवास करने वाले व्यक्तियों ने भी मतदान करने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया
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मध्यप्रदेश में राम संग्रहालय का होगा निर्माण तुलसी मानस प्रतिष्ठान की प्रबंध समिति की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की इस दौरान कहा गया की मध्यप्रदेश में राम संग्रहालय का निर्माण होगा भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में तुलसी मानस प्रतिष्ठान प्रबंध समिति की बैठक का आयोजन हुआ जिसमे शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तुलसी मानस प्रतिष्ठान भगवान श्री राम से जुड़े आदर्श और उनके प्रसंग परंपरा का प्रचार प्रसार करने का काम कर रहा है उन्होंने बताया आयोध्या से जुड़े विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा निबंध प्रतियोगिता के विजेता को अयोध्या ले जाएंगे श्री राम संग्रहालय बनाने की योजना बनाई गई है उन्होंने कहा प्रदेश में राम संग्रहालय का निर्माण होगा संग्रहालय भगवान राम ओर मानस पर आधारित होगा
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लीना की भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी,विवाद करने की आदि है लीना मणिमेकलई फिल्म 'काली' के विवादित पोस्टर को लेकर मामला थमा भी नहीं था कि लीना मणिमेकलई ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर विवाद खड़ा कर दिया है लीना ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें शिव और पार्वती के वेश में 2 कलाकार सिगरेट पीते नजर आ रहे हैं विवादित पोस्टर को लेकर हंगामे के बाद लीना के खिलाफ कई राज्यों में FIR दर्ज की जा चुकी है लीना ने अपने खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर भी कहा है कि भारत सबसे बड़ा हेट मशीन बन गया है माँ काली के विवाद से चर्चाओं में आई लीना मणिमेकलई विवाद में रहने के लिए ही चर्चित हैं लेकिन यह पहला मौक़ा है जब उन्हें देश के आम लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है मणिमेकलई ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को शेयर कर विवाद खड़ा कर दिया है लीना ने जो तस्वीर शेयर की है, उसमें शिव और पार्वती के वेश में 2 कलाकार सिगरेट पीते नजर आ रहे हैं देश को अपमानित करने हुए लीना ने कहा कि मुझे सेंसर करने की कोशिश की जा रही है और कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हूं भारत सबसे बड़ा हेट मशीन बन गया है नए विवाद के बीच लीना मणिमेकलाई के कुछ पुराने ट्वीट भी वायरल हो गए हैं जिसमें उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भगवान राम को लेकर भी कुछ ट्वीट किए थे लीना ने सितंबर 2013 में एक ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था कि 'मैं कसम खाती हूं कि अगर मोदी मेरे जीवन में कभी भी भारत के प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो मैं अपना पासपोर्ट, पैन कार्ड, राशन गाड़ी और अपनी नागरिकता सरेंडर कर दूंगी इसके अलावा लीना मणिमेकलई का 2020 का एक ट्वीट भी वायरल हो रहा है, जिसमें लीना ने भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी लीना ने अपने ट्वीट में लिखा था कि 'राम भगवान नहीं हैं वह केवल भारतीय जनता पार्टी की ओर से बनाई गई एक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है इस पूरे विवाद के बीच ट्विटर ने बुधवार को लीना के उस ट्वीट को भारत में ब्लॉक कर दिया, जिसमें लीना ने 'काली' का विवादित पोस्टर शेयर किया था इस पोस्टर में देवी काली को सिगरेट दिखाया गया था
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फिल्म मेकर करण जौहर ने आलिया भट्ट की प्रेग्नेंसी पर दिया रिएक्शन, करण ने बताया, \"मैं आलिया की प्रेग्नेंसी की खबर सुनकर रो दिया था। वो मेरे ऑफिस आई थी। मुझे याद है कि उस दिन मेरे बाल बहुत खराब हो रहे थे और मैंने हुड्डी के ऊपर कैप लगाई हुई थी। उसने मुझे यह गुड न्यूज दी और मेरा पहला रिएक्शन था मेरी आंखों से आने वाले आंसू और आलिया ने मेरे पास आकर मुझे हग किया। मैंने कहा कि मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है कि तुम्हारा बेबी होने वाला है। ऐसा लगा कि आपके बेबी का बेबी होने वाला है। मेरे लिए वह बेहद ही इमोशनल मोमेंट था।\"करण ने आगे कहा, \"मैंने उसे एक लड़की से बेहतरीन आर्टिस्ट और एक आत्मविश्वासी महिला बनते हुए देखा है और मैं आलिया पर बहुत प्राउड फील करता हूं। मैं उसके लिए पेरेंट्स के समान हूं। मैंने उसे पाला है। जब वह 17 साल की थी, तब वह मेरे ऑफिस में आई थी। आज वो 29 साल की है और यह 12 साल हम दोनो के लिए ही बेहद मैजिकल रहे हैं, क्योंकि उसके साथ मेरा बहुत ही स्ट्रांग बॉन्ड बन गया है। मैं आलिया के बच्चे को गोद में लेने के लिए इंतजार नहीं कर पा रहा हूं। ये बहुत ही इमोशनल मोमेंट होने वाला है, जब मैंने पहली बार अपने दोनों बच्चों को गोद में उठाया था, वही एक्स्पीरियंस मेरा आलिया के बेबी के साथ होने वाला है।\" करण के लिए आलिया बच्चे जैसी है और ये एक इमोशनल मोमेंट है जब आलिया ने करण को अपने पेग्नेंसी न्यूज़ दी थी
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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो प्रदेश भर में भारी बारिश के चलते सभी जगह के नदी नाले उफान पर है ऐसे में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक युवक गाड़ी सहित पानी में बाह जाता है मध्यप्रदेश के देवास से एक वीडियो सामने आया है जहाँ एक आदमी को उसकी चूक काफी भरी पड़ गयी व्यक्ति जल्दबाजी में अपनी मोटरसाइकिल से एक पुल उस वक्त पार करने की कोशिश कर रहा था जब बारिश का पानी पुल के ऊपर से बह रहा था पानी के तेज बहाव के कारण व्यक्ति गाड़ी सहित पानी में बह गया
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प्रशासन की लापरवाही से परेशान किसान डिंडोरी में खरीफ के फसल की बोनी अंतिम समय पर है लेकिन किसानों को बीज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है वहीं इसमें प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है प्रशासन लगातार गोलमोल जवाब देते दिखाई दे रहा हैआपको जानकर हैरानी होगी कि अभी तक डिंडोरी जिले के तहसील मुख्यालय बजाग में कृषि विभाग ने किसानों को बीज उपलब्ध नहीं कराया हैकिसानों से पूछने पर बताया गया कि पिछले वर्ष तक कृषि विभाग ने उनको बीज दिया लेकिन इस वर्ष कृषकों को बीज नहीं दिया गया इसमें कहीं न कहीं प्रशासन की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है बोनी शुरू हो गई है लेकिन बीज न मिलने को लेकर किसान कई महीनों से परेशान है किसान प्रशासन से बीज की आस में बैठा है जब विभागीय अमले से बीज को लेकर बात की गई तो अमले ने गोल गोल मोल जवाब देकर मामले को रफा दफा कर दिया
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