Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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पश्चिम बंगाल में फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी के कोलकाता कार्यक्रम के दौरान हुई अव्यवस्था के बाद बड़ा सियासी घटनाक्रम सामने आया है। राज्य के खेल मंत्री अरूप बिस्वास ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि मेसी के कार्यक्रम में हुई गड़बड़ियों की जांच चल रही है, ऐसे में नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए वे पद छोड़ना चाहते हैं। इस्तीफे के कुछ देर बाद ही तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि अरूप बिस्वास का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है, हालांकि सरकार की ओर से इसकी औपचारिक पुष्टि अभी बाकी है। कोलकाता के इस आयोजन में भारी अव्यवस्था के चलते नाराज फैंस ने स्टेडियम में कुर्सियां और बोतलें फेंक दी थीं, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने मुख्य आयोजक सताद्रु दत्ता को मिसमैनेजमेंट के आरोप में गिरफ्तार कर 14 दिन की हिरासत में भेज दिया है। वहीं, सरकार ने डीजीपी राजीव कुमार, बिधाननगर के सीपी मुकेश कुमार और खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जबकि डीसीपी अनीश सरकार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। फैंस का आरोप है कि 10–15 हजार रुपये के महंगे टिकट लेने के बावजूद उन्हें मेसी की झलक तक नहीं मिली, जिससे उनका गुस्सा फूट पड़ा।
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आर्ट ऑफ लिविंग मुख्यालय बेंगलुरु से भगवान सोमनाथ के पुरातात्विक 11 अवशेषों से बने दो विशेष शिवलिंग आज उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। इन शिवलिंगों को भगवान महाकालेश्वर की भोग आरती में शामिल किया गया, जिसके बाद गर्भगृह में विधिवत पूजन हुआ। पूजन के पश्चात श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए दोनों शिवलिंगों को कुछ समय के लिए जूना महाकाल मंदिर परिसर में रखा गया। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज और सहायक प्रशासक आशीष फलवाडिया ने यात्रा में शामिल सभी सदस्यों का स्वागत और सम्मान किया। सोमनाथ से महाकाल तक, आस्था की ऐतिहासिक यात्रा आर्ट ऑफ लिविंग के डायरेक्टर दर्शक हाथी और मध्यप्रदेश यात्रा प्रभारी मनीष सोनी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सतयुग में चंद्रदेव द्वारा निर्मित सोमनाथ मंदिर का शिवलिंग महमूद गजनवी के आक्रमण में खंडित हो गया था। इसके बाद अग्रिहोत्री ब्राह्मणों ने इन पवित्र अवशेषों से 11 छोटे वाण शिवलिंग बनाकर पीढ़ियों तक गुप्त रूप से पूजा की। वर्ष 1924 में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य के निर्देश पर सौ साल बाद ये अवशेष आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को सौंपे गए। इन्हीं अवशेषों से बने शिवलिंग आज पूरे देश में भ्रमण पर हैं। मध्यप्रदेश में यात्रा की शुरुआत उज्जैन से हुई है। यह यात्रा इंदौर, महू, ओंकारेश्वर, आलीराजपुर, बुरहानपुर, भोपाल, बैतूल होते हुए जबलपुर तक जाएगी। 14 दिसंबर को इंदौर के गांधी हॉल में रुद्रपूजा होगी, 17 दिसंबर को महू के चक्की वाले महादेव मंदिर में सार्वजनिक पूजन और 19 दिसंबर को ओंकारेश्वर में भगवान ओंकार के साथ शिवलिंगों का मिलन होगा। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा आस्था, इतिहास और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनूठा संगम मानी जा रही है।
Patrakar Vandana Singh
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संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलने से जुड़े विधेयक पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मनरेगा का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया था और इसे बदलना गलत व अनैतिक है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी का सपना रामराज्य जैसा समाज बनाने का था, ऐसे में उनके नाम को हटाना और नई योजना में राम का नाम जोड़ना दोनों ही अनुचित हैं। थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा—“राम का नाम बदनाम मत करो।” शशि थरूर ने प्रस्तावित ‘विकसित भारत–जी राम जी’ विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह देश के गरीब, कमजोर और वंचित वर्गों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह बिल न केवल अब तक की सामाजिक प्रगति को पीछे ले जाएगा, बल्कि उन लोगों को नुकसान पहुंचाएगा जिन्हें सबसे ज्यादा संरक्षण और रोजगार की जरूरत है। थरूर के मुताबिक, मनरेगा जैसी योजना का नाम बदलना सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि उसकी मूल भावना पर भी प्रहार है। थरूर ने विधेयक में प्रस्तावित वित्तीय ढांचे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि योजना के खर्च का 40 प्रतिशत बोझ राज्यों पर डालना वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदाराना है। इससे गरीब राज्यों के लिए इस योजना को लागू करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे मजदूरी भुगतान में देरी होगी, काम के दिन घटेंगे और अंततः पूरी योजना के खत्म होने का खतरा पैदा हो जाएगा। थरूर ने इसे फिस्कल फेडरलिज्म का उल्लंघन बताते हुए कहा कि सरकार के पास ऐसा बदलाव करने का नैतिक और कानूनी अधिकार नहीं है।
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भारतीय जनता पार्टी ने संगठन में एक अहम फैसला लेते हुए बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिसे लेकर आधिकारिक लेटर भी जारी कर दिया गया है। महज 45 साल की उम्र में नितिन नबीन को यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है। वे बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री हैं और पटना की बांकीपुर सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। पार्टी के भीतर उन्हें एक सक्रिय और संगठन को मजबूत करने वाले नेता के रूप में देखा जाता है। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद जेपी नड्डा को भी जून महीने में बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था और 20 जनवरी 2020 को वे正式 रूप से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। उनका कार्यकाल जुलाई 2023 में समाप्त होना था, लेकिन इसे लोकसभा चुनाव 2024 तक बढ़ा दिया गया, जिसके बाद से वे अब तक अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन तक नितिन नबीन कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में संगठन की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह फैसला बीजेपी में पीढ़ीगत बदलाव और नए नेतृत्व को आगे लाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
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मथुरा के बलदेव थाना क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार तड़के घने कोहरे के बीच बड़ा सड़क हादसा हो गया। माइल स्टोन 127 के पास सुबह करीब 4 बजे 7 बसें और 3 कारें आपस में टकरा गईं। टक्कर के तुरंत बाद कई वाहनों में भीषण आग लग गई, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस दर्दनाक हादसे में 4 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को एंबुलेंस की मदद से नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां सभी की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड, NHAI और SDRF की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत-बचाव कार्य शुरू किया गया। करीब 20 एंबुलेंस की सहायता से लगभग 150 यात्रियों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने भी तुरंत मदद कर घायलों को बाहर निकालने में सहयोग किया। एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि घना कोहरा और तेज रफ्तार हादसे की प्रमुख वजह मानी जा रही है। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन अंतिम चरण में है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
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तमिलनाडु सरकार ने पत्रकारों के हित में एक बड़ी राहत भरी घोषणा की है। राज्य सरकार ने पत्रकार पेंशन योजना के तहत 42 जरूरतमंद और बुजुर्ग पत्रकारों को हर महीने 12,000 रुपये पेंशन देने का फैसला किया है। इसके लिए 27 नवंबर को सरकारी आदेश जारी किया गया था। सोमवार को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 10 पत्रकारों को प्रतीकात्मक रूप से पेंशन के आदेश पत्र सौंपे। सरकार ने भरोसा दिलाया है कि बाकी पात्र पत्रकारों को भी जल्द ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। सरकार का कहना है कि पत्रकार बारिश, बाढ़, तूफान या किसी भी आपदा के समय बिना रुके जनता तक सच्ची जानकारी पहुंचाते हैं और सरकार व जनता के बीच एक मजबूत सेतु की भूमिका निभाते हैं। पत्रकार कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू राज्य सरकार ने बताया कि पत्रकारों के इस योगदान को देखते हुए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। वर्ष 2023 में पत्रकार पेंशन को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया, जबकि फैमिली पेंशन को 5,000 से बढ़ाकर 6,000 रुपये कर दिया गया है। 2021 के बाद से अब तक 125 पत्रकारों को मासिक पेंशन और 27 पत्रकारों के परिवारों को फैमिली पेंशन दी जा चुकी है। इसके अलावा 59 पत्रकार परिवारों को कुल 2.09 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। चिकित्सा सहायता की राशि 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई है और काम के दौरान निधन होने पर परिवार को मिलने वाली सहायता को लगभग दोगुना कर 1.25 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपये तक कर दिया गया है। सरकार ने बताया कि वर्ष 2021 में बनाए गए पत्रकार कल्याण बोर्ड से अब तक 3,674 पत्रकार जुड़ चुके हैं, जहां शिक्षा, शादी, मातृत्व, इलाज और अंतिम संस्कार जैसी जरूरतों के लिए भी सहायता दी जा रही है।
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कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा में आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के अधिकारों का मुद्दा उठाते हुए उनके मानदेय को दोगुना करने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये महिलाएं सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उनके योगदान के अनुरूप मानदेय नहीं मिलता। सोनिया गांधी ने बढ़ती महंगाई का जिक्र करते हुए बताया कि वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मात्र 4,500 रुपये और सहायिकाओं को 2,250 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं, जो उनके कार्यभार और जिम्मेदारियों के हिसाब से बेहद कम हैं। सोनिया गांधी ने एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) के तहत बड़े पैमाने पर खाली पड़े पदों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि देशभर में लगभग तीन लाख पद रिक्त हैं, जिसके चलते बच्चों और माताओं को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक देखभाल जैसी जरूरी सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स सीमित सामाजिक सुरक्षा और भारी कार्यभार के बीच काम करने को मजबूर हैं, इसलिए केंद्र सरकार को राज्यों के साथ मिलकर जल्द से जल्द सभी खाली पद भरने और कर्मचारियों को समय पर उचित मानदेय देने के ठोस कदम उठाने चाहिए।
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दिल्ली के रामलीला मैदान में एसआईआर और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ कांग्रेस की विशाल रैली आयोजित हुई, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा, आरएसएस और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है और उनके सवालों का कोई जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि गांधीजी और भारत की हर धर्म परंपरा सत्य को सबसे ऊपर मानती है, जबकि आरएसएस की सोच सत्ता को ही सब कुछ मानती है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा वोट चोरी करती है, चुनाव के समय पैसे बांटे जाते हैं और चुनाव आयुक्तों को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कानून बदलकर चुनाव आयुक्तों को बचाने की कोशिश की है, लेकिन कांग्रेस सत्ता में आकर इस कानून को बदलेगी। राहुल गांधी ने भरोसा दिलाया कि भले ही समय लगे, लेकिन अंत में भारत में सत्य की जीत होगी और संविधान पर हमला करने वालों को सत्ता से हटाया जाएगा।रैली में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संसद में जनता के असली मुद्दों—बेरोजगारी, महंगाई और पेपर लीक—पर चर्चा से सरकार डरती है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर भाजपा ईमानदारी से चुनाव लड़े, बैलेट पेपर पर चुनाव हो, तो वह कभी जीत नहीं पाएगी। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राहुल गांधी देश और जनता के लिए जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उसे मजबूत करना हर कांग्रेस कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा ही देश को बचा सकती है और एकजुट होकर आगे बढ़ना ही आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
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तेलुगू सिनेमा और बॉलीवुड एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक डॉक्टर के वीडियो पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कड़ा रुख अपनाया है। दरअसल, डॉक्टर प्रशांत यादव ने एक वीडियो साझा कर दावा किया था कि रकुल ने प्लास्टिक सर्जरी, फिलर्स और बोटॉक्स का सहारा लिया है। वीडियो में पहले और बाद की तस्वीरें दिखाते हुए ठुड्डी, जबड़े और नाक की सर्जरी का आरोप लगाया गया, जिसे लेकर एक्ट्रेस ने इसे भ्रामक और बिना सबूत का दावा बताया। डॉक्टर के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए रकुल ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा कि बिना किसी ठोस प्रमाण के ऐसे बयान देना डरावना है और इससे लोग गुमराह होते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सर्जरी कराने वालों से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वजन घटाने और फिटनेस जैसी चीजें कड़ी मेहनत से भी हासिल होती हैं। रकुल ने तंज कसते हुए लिखा, “क्या आपने वजन घटाने के इस तरीके के बारे में सुना है?” और साथ ही लोगों को ऐसे ‘डॉक्टरों’ से सतर्क रहने की सलाह दी।
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लगातार फैल रही अफेयर की चर्चाओं से परेशान होकर सिंगर अमाल मलिक का आखिरकार सब्र टूट गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने तान्या मित्तल के साथ लिंकअप की खबरों को सिरे से खारिज किया। अमाल ने साफ कहा कि शो के दौरान उनकी नजदीकियां सिर्फ एक टास्क का हिस्सा थीं, इसका निजी रिश्ते से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने लिखा कि वह तान्या का पूरा सम्मान करते हैं और किसी भी लड़की के बारे में इस तरह की बातें करना गलत है। साथ ही, शो के दौरान तान्या द्वारा किए गए सहयोग और देखभाल के लिए उन्होंने उनका आभार भी जताया। अमाल मलिक ने पोस्ट में तान्या मित्तल से सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए स्वीकार किया कि शो के दौरान उनसे कुछ बातें गुस्से में कही गईं, जिससे तान्या और उनके फैंस को ठेस पहुंची। उन्होंने कहा कि रियलिटी शोज में इस तरह की अफवाहें आम होती हैं, लेकिन बार-बार किसी को जोड़कर देखना गलत है। अमाल ने फैंस से अपील की कि अब इन चर्चाओं को यहीं खत्म करें, क्योंकि इससे तान्या की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने दोनों तरफ के फैंस से समझदारी, सम्मान और निजी स्पेस बनाए रखने की गुजारिश की।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव सरकार के दो साल पूरे होने पर कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव ने भोपाल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार दो साल की उपलब्धियों का सिर्फ ढिंढोरा पीट रही है, जबकि प्रदेश का किसान बेहाल है। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की नीतियों के चलते किसानों की स्थिति लगातार खराब हुई है। सचिन यादव ने कहा कि कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में किसान सर्वोच्च प्राथमिकता में थे और एक साल में ही किसानों के लिए ठोस काम किया गया था। सचिन यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के दौर में गेहूं-धान के घोषित भाव और सरकारी खरीदी की गारंटी दोनों ही नदारद हैं। सोयाबीन की 2025 में सरकारी खरीदी बंद कर दी गई है और भावांतर योजना किसानों के लिए लूट बन गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने गेहूं 2700 रुपये और धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी का वादा किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया गया। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की अघोषित कटौती, खाद की किल्लत और गुणवत्ताहीन खाद वितरण के आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े कांग्रेस के नहीं बल्कि लोकसभा में दिए गए आधिकारिक आंकड़े हैं, जो सरकार की विफलता को उजागर करते हैं।
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सिंगरौली जिले में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से परिवहन विभाग द्वारा सघन जांच और जन-जागरूकता अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में सरई थाना क्षेत्र अंतर्गत तिनगुड़ी चौकी के पास चेक पॉइंट यूनिट ने सघन जांच करते हुए कई मालवाहक वाहनों को पकड़ा और नियमों के उल्लंघन पर चलानी कार्रवाई की। जांच के दौरान एक मालवाहक वाहन को नियमों का पालन न करने पर जप्त कर तिनगुड़ी चौकी में सुरक्षार्थ खड़ा किया गया। “हर यात्रा सुरक्षित, हर मुसाफिर संरक्षित” के संदेश के साथ चलाए जा रहे इस अभियान में परिवहन विभाग की टीमों ने जिले के विभिन्न मार्गों और चेकपोस्टों पर सैकड़ों वाहनों की जांच की और राजस्व संग्रहण भी किया। विभाग ने PUC, बीमा और वाहन दस्तावेजों की गहन जांच करते हुए बिना वैध कागजात चल रहे वाहनों पर सख्ती दिखाई। नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई, जागरूकता पर भी जोर अभियान के दौरान ओवरलोड वाहनों पर चालानी कार्रवाई की गई, बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों से जुर्माना वसूला गया और बिना सीट बेल्ट कार चालकों पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। इसके अलावा नाबालिग वाहन चालकों के वाहन जप्त किए गए और बिना बीमा, बिना लाइसेंस व बिना दस्तावेज चल रहे वाहनों पर सख्त कदम उठाए गए। वहीं, परिवहन विभाग द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, बस स्टैंड, प्रमुख चौराहों और ग्रामीण इलाकों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता शिविर भी लगाए जा रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि हेलमेट और सीट बेल्ट जीवन रक्षक हैं, शराब पीकर वाहन चलाना अपराध है और तेज गति दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बनती है। परिवहन अधिकारियों ने साफ कहा है कि यह अभियान आने वाले दिनों में और तेज किया जाएगा और नियम तोड़ने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
Patrakar Vandana Singh
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