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ह्यूस्टन । नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री, सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर महज आठ दिनों के मिशन के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन वो 286 दिनों बाद धरती पर लौटे। 18 मार्च को स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन यान के जरिए उनकी सफल वापसी हुई। दोनों अंतरिक्ष यात्री ने मार्च महीने की शुरुआत में धरती पर वापस आने के बाद आज पहली बार टेक्सास के ह्यूस्टन में जॉनसन स्पेस सेंटर से सार्वजनिक रूप से मिशन के अनुभवों को साझा किया।लंबे अंतराल के बाद पृथ्वी पर लौटने के बाद सुनीता विलियम्स ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, \"मैं सबसे पहले अपने पति और अपने पालतू कुत्तों को गले लगाना चाहती थी।\" उन्होंने कहा कि सबसे पहले उन्होंने अपने घर में एक ग्रिल्ड चीज सैंडविच का आनंद लिया, जो उनके पिता की याद दिलाता है।पृथ्वी पर सकुशल वापसी पर बुच विल्मोर ने कहा, \"हम इस देश के आभारी हैं, जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थना की और हमारे साथ शामिल रहे।\" वहीं सुनीती ने कहा, \"हमें नहीं पता था कि धरती पर क्या हो रहा है। लेकिन लोगों की प्रतिक्रियाओं से सम्मानित और विनम्र महसूस कर रही हैं।\" उन्होंने आगे कहा कि \"हम जो कर रहे हैं, वह भी महत्वपूर्ण है, टीमें हमें पुनर्वास में मदद कर रही हैं और नई चुनौतियों के लिए तैयार कर रही हैं।\"भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने आईएसएस पर बिताए समय को अनमोल वैज्ञानिक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए। उन्होंने कहा कि यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष अभियानों की सूची में छठे सबसे लंबे मिशन के रूप में दर्ज हुआ है। हालांकि, सबसे लंबी अवधि का रिकॉर्ड नासा के ही अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो के नाम है, जिन्होंने 371 दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था।286 दिनों तक अंतरिक्ष में यात्रियों को क्यों रुकना पड़ा? इस सवाल के जवाब में विलियम्स और विलमोर ने कहा कि नासा और बोइंग द्वारा विकसित स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में तकनीकी दिक्कतों के चलते उन्हें अंतरिक्ष स्टेशन पर ही रुकना पड़ा। उनका मिशन मात्र आठ दिनों के लिए था, लेकिन स्टारलाइनर के प्रणोदन प्रणाली में आई समस्याओं के कारण नासा ने उनकी वापसी को बार-बार टाल दिया। अंततः जब यह निर्णय लिया गया कि उनके लिए स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन से वापसी अधिक सुरक्षित होगी, तो उनकी वापसी संभव हो पाई। हालांकि नासा और बोइंग की आगामी योजनास्टारलाइनर यान की असफलताओं की विस्तृत जांच जारी है। उन्होंने बताया कि नासा और स्पेसएक्स की नई उड़ानें यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार की जा रही हैं कि भविष्य में इस तरह की तकनीकी परेशानियां दोबारा न हों।अंतरिक्ष में लंबी अवधि बिताने के प्रभाव को लेकर सुनीता और बुच ने कहा कि 286 दिनों तक भारहीनता में रहने के बाद दोनों अंतरिक्ष यात्री ह्यूस्टन स्थित जॉनसन स्पेस सेंटर में पुनर्वास प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। इस दौरान, वे अपनी मांसपेशियों और हड्डियों को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल ढालने के लिए विशेष व्यायाम कर रहे हैं ताकि धरती के माहौल में खुद को बेहतर ढंग से ढाल सकें।एक सवाल कि आईएसएस में उनके फंसे रहने के लिए कौन जिम्मेदार है, पर बुच विल्मोर ने कहा, \"हम सभी जिम्मेदार हैं। हमें आगे की ओर देखना चाहिए, हम बैठकर किसी को दोष नहीं दे सकते।\" उन्होंने आगे कहा कि \"हम समस्याओं को ठीक करने जा रहे हैं।\" वहीं, बुच के जवाब को आगे बढ़ाते हुए निक हेग ने कहा कि \"हमारा ध्यान मिशन पर था, वहां राजनीति के लिए कोई जगह नहीं थी।\"सुनीता और बुच के साथी निक हेग ने कहा कि \"हम सभी ने अंतरिक्ष स्टेशन पर कई मिशन किए हैं। हम अभी अंतरिक्ष स्टेशन के स्वर्णिम युग में हैं।\" उन्होंने आगे कहा, \"जब मैं मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य के बारे में सोचता हूँ तो मैं वास्तव में आशावादी हो जाता हूं।\" उन्होंने कहा कि यह मिशन हमारा राष्ट्रीय लक्ष्य, राष्ट्रीय फोकस था।
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येशू-येशू वाले ईसाई धर्मगुरु पादरी बजिंदर सिंह को रेप केस में उम्रकैद की सजा हो गई है। मोहाली कोर्ट ने उसे यह सजा सुनाई। बजिंदर को कोर्ट ने 3 दिन पहले दोषी करार दिया था। जिसके बाद उसे पटियाला जेल में बंद कर दिया गया था। बजिंदर पर आरोप है कि वह विदेश में बसाने के बहाने महिला को अपने घर ले गया। जहां उसका रेप कर वीडियो बनाया। उसे धमकी भी दी कि अगर उसका विरोध किया तो वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल देगा। यह सजा ऐसे टाइम पर हो रही है, जब बजिंदर सिंह एक और यौन उत्पीड़न और एक अन्य महिला से मारपीट के मामलों में फंसा हुआ है। इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 2018 में ही बजिंदर सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में बजिंदर को जेल से जमानत पर छोड़ा गया। इसी महीने की शुरुआत में 3 मार्च को कोर्ट ने बजिंदर और अन्य 5 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट निकाले थे। 28 मार्च को मोहाली कोर्ट ने इस मामले में बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया। वहीं बाकी 5 आरोपियों, पादरी जतिंदर कुमार और अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सितार अली व संदीप पहलवान को बरी कर दिया।
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ग्वालियर में 500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने जा रहे आरोग्यधाम-2 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भूमि पूजन केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की मौजूदगी में सम्पन्न हुआ.. समारोह में RSS के मध्य क्षेत्र सह कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहें। ग्वालियर शहर के गोले का मंदिर चौराहे के पास प्रदेश सरकार से मिली दो हेक्टेयर जमीन पर राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के 500 बेड के आरोग्यधाम-2 सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का भूमि पूजन केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया...और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और RSS के मध्य क्षेत्र सह कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध की उपस्थित में संपन्न हुआ.. इस दौरान केंद्रीय मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि.. स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्वालियर अंचल ही नहीं ... मध्य प्रदेश से सटे हुए राज्य राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लोगों को भी स्वास्थ्य का लाभ इस अस्पताल में मिलेगा... समरोह में वक्ताओं ने कहा आधुनिक मशीनों और चिकित्सकों की देखरेख में अस्पताल का सफल संचालन साल 2011 में सिटी सेंटर स्थित आरोग्यधाम अस्पताल में किया जा रहा है..अब आरोग्यधाम सुपर स्पेशलिटी-2 में भी रियायती दरों पर इलाज किया जाएगा.. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आरोग्यधाम अस्पताल में सभी वर्गों का इलाज सेवा भाव के रूप में किया जाएगा.. अस्पताल में मरीज आएगा तो वही हमारे लिए भगवान है.. विकसित भारत के लिए स्वस्थ भारत बहुत जरूरी है..
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सिंगरौली में भी मुसलमानों ने ईद का पर्व धूमधाम से मनाया ... ईद की नमाज के बाद नेताओं ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को बधाई दी ... मोरवा ,बैढ़न। सरई। माड़ा। बरगवां। देवसर। चितरंगी, करौटी , गोरवी, बगदरी, खटाई में माह ए रमजान खत्म होने के बाद ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष रतीभान महापौर रानी अग्रवाल ,कांग्रेस नेता अरविंद सिंह चंदेल प्रवीण सिंह भाजपा नेता ,भाजपा जिला अध्यक्ष सुंदर शाह विधायक रामनिवास शाह देवसर विधायक राजेंद्र मेश्राम मुस्लिम समाज को मुबारकबाद देने पहुंचे ... प्रशासन की कड़ी सुरक्षा के बीच ईद की नमाज अदा की गई। नमाज के दौरान मुसलमानों के सिर सजदे में झुक गए ...
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सिंगरौली के ग्रामीण सामान्य सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं ... कुछ इलाके अभ्यरण क्षेत्र के पास हैं इसलिए यहाँ अपनी जमीन भी नहीं बेच सकते हैं .. इन परेशान लोगों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्चना सिंह को अपनी परेशानियां बताईं ... जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्चना सिंह ने कोरावल क्षेत्र मे भ्रमण किया तो कोरावल विकास मंच संगठन ने विभिन्न समस्याओं शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेयजल आपूर्ति को लेकर उनसे चर्चा की .. कोरावल क्षेत्र के लोगों की मांग थी कि , उनका इलाका पिछड़ा है उनके क्षेत्र में अभयारण्य होने की वजह से जमीनों की रजिस्ट्री पर क्रय विक्रय कि रोक लगी है ... लोग शादी ब्याह और स्वास्थ्य तक के लिए जमीन बेचकर पैसा इकट्ठा नहीं कर सकते हैं ... लोगों की समस्या सुनकर अर्चना सिंह ने लोगों का आश्वासन दिया कि आप लोगों की समस्या को हम उचित फोरम में ले जाकर समाधान करने की कोशिश करेंगे ...
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ऐसा लगता है छतरपुर में गुंडाराज कायम है ... कहीं प्रभात फेरी में में मारपीट की गई तो कहीं जमकर चाकू चले तो कहीं मामूली बात पर फायरिंग कर दी गई ... इन सभी मामलों में पुलिस कार्यवाही कर रही है ... प्रभात फेरी में हुई मारपीट का वीडियो वायरल जो रहा है ... भीड़ ने भी हमला करने वाले लोगो पर जमकर हाथ साफ किये ... इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है ... यह घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के सीताराम कालोनी के बर्फ फैक्ट्री के पास हुई ...
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ओंकारेश्वर में गणगौर पर्व पारम्परिक उत्साह के साथ मनाया गया ... भक्तों की भीड़ ढोल ढ़माके ... बाजे गाजे के साथ गणगौर माता की जय घोष लगाते हुए बाड़ी स्थल पहुंची और जवारो का पूजन किया .. ओकारेश्वर में गणगौर माता की बाड़ी खुलते ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी ... ब्रह्म मुहूर्त से बाड़ी स्थान भक्त गणगौर माता का जय कारा लगाते हुए पूजा अर्चना करते रहे रहे ... ओंकारेश्वर के ब्रह्मपुरी ,विष्णुपुरी , शिवपुरी क्षेत्र में अनादि काल से गणगौर माता की बाड़ी बोई जा रही है ... दोपहर को बड़ी संख्या में लोग रथ में बारात लेकर रानू बाई को लेने पहुंचें .. सभी रथो में ब्राह्मणों द्वारा बोय गए जवारो की टोकरियों का विशेष रूप से श्रृंगार किया गया था ... धनियर राजा और रनु बाई के रथों को महा निर्वाणि अखाडे लाया गया ... जहाँ परंपरागत रूप से महन्त कैलाश भारती द्वारा पूजा अर्चना कर सभी रथ नर्मदा के तट पर भेजे गए ...ओंकारेश्वर में माता का मायका माना जाता है ... इसलिए एक दिन पहले माता के जाग बोए जाते हैं तथा दूज को माता पाठ होता है ...
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लालकुआँ की रोशन मस्जिद और जामा मस्जिद में ईद उल फितर पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया ... यहाँ मुसलमानों ने अमन और तरक्की के लिए दुआ मांगी ... मुस्लिम समाज ने मस्जिदों में नमाज़ अदा की ... जिसके बाद हिन्दू, मुस्लिमों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद पेश की ... इस दौरान नगर पंचायत चेयरमैन सुरेन्द्र सिंह लोटनी, व्यापार मण्डल अध्यक्ष दीवान सिंह बिष्ट समेत दर्जनों हिन्दू समाज के लोगों ने मस्जिद के निकट गले मिलकर सभी को ईद की बधाई प्रेषित की।
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काफी समय से भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बायोपिक को बड़े पर्दे पर लाने की चर्चा जारी है। इस फिल्म के मुख्य अभिनेता को लेकर लगातार नई-नई खबरें सामने आती रही हैं। पहले इस भूमिका के लिए आयुष्मान खुराना से संपर्क किया गया था, और चर्चा थी कि उन्होंने फिल्म के लिए हामी भर ली है। अब ताजा अपडेट यह है कि सौरव गांगुली की बायोपिक में मुख्य भूमिका निभाने के लिए राजकुमार राव का नाम तय हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक सौरव गांगुली की बायोपिक में राजकुमार राव मुख्य भूमिका निभाने जा रहे हैं। फिल्म के निर्माताओं ने राजकुमार से संपर्क किया था और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। इस बहुप्रतीक्षित बायोपिक का निर्देशन विक्रमादित्य मोटवानी करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि यह फिल्म 'ट्रैप्ड' (2016) के बाद राजकुमार राव और मोटवानी का दूसरा सहयोग होगा। फिल्म की शूटिंग जल्द ही शुरू होने वाली है। इस बायोपिक को लव रंजन और अंकुर गर्ग प्रोड्यूस कर रहे हैं, जिससे फैंस की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। आने वाले समय में राजकुमार राव कई बेहतरीन फिल्मों में नजर आने वाले हैं। इनमें से एक है 'भूल चुक माफ', जिसमें उनकी जोड़ी पहली बार वामिका गब्बी के साथ बनी है। यह फिल्म 9 मई, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसके अलावा, राजकुमार 'टोस्टर' फिल्म में भी दिखाई देंगे, जिसका निर्देशन विवेक दास चौधरी ने किया है। यह फिल्म जल्द ही ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी।
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बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान और रश्मिका मंदाना की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'सिकंदर' ईद के मौके पर सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। ए.आर. मुरुगादोस के निर्देशन में बनी इस फिल्म को दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। फिल्म ने पहले दिन शानदार ओपनिंग दर्ज कराई और इस साल की दूसरी सबसे बड़ी ओपनिंग फिल्म बन गई। अब, दूसरे दिन की कमाई को लेकर भी रिपोर्ट सामने आ गई है। सैनिलक की रिपोर्ट के अनुसार सलमान खान की फिल्म 'सिकंदर' ने पहले दिन 30 करोड़ का कारोबार किया था। फिर सोमवार 31 मार्च को सिकंदर ने करीब 29 करोड़ का कलेक्शन किया। अब तक फिल्म ने कुल 59 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। 'सिकंदर' ने सोमवार को ईद के दिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है। वही पूरे भारत में फिल्म के 8,000 से अधिक शो आयोजित किए गए, लेकिन शुरुआती बॉक्स ऑफिस कलेक्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। सलमान खान और रश्मिका मंदाना की फिल्म 'सिकंदर' इस वक्त हर जगह सुर्खियों में है। सिनेमाघरों में फिल्म देखने के लिए फैंस की जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है, जिससे साफ है कि दर्शकों में फिल्म को लेकर बेहद क्रेज देखने को मिल रहा है। 200 करोड़ के बजट में बनी इस भव्य फिल्म में सलमान खान और रश्मिका मंदाना मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, फिल्म की स्टार कास्ट भी दमदार है, जिसमें सत्यराज, काजल अग्रवाल, शरमन जोशी, प्रतीक बब्बर और अंजिनी धवन जैसे बेहतरीन कलाकार शामिल हैं। फिल्म ने पहले दिन अच्छा प्रदर्शन किया है और अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में यह कितना कमाई करती है।
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जब वैवाहिक कलह के कारण घरेलू विवाद उत्पन्न होते हैं, तो अक्सर पति के परिवार के सभी सदस्यों को फंसाने की कोशिश की जाती है। अदालतों को दहेज उत्पीड़न के मामलों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें सतर्क रहना होगा कि कहीं कानून का दुरुपयोग कर पति के रिश्तेदारों को फंसया तो नहीं जा रहा। अदालतों को निर्दोष परिवार के सदस्यों को अनावश्यक परेशानी से बचाना चाहिए।पुरुषों के अधिकारों से तात्पर्य कानूनी और सामाजिक अधिकारों से है, जो ख़ासतौर पर पुरुषों के सामने आने वाली समस्याओं को सम्बोधित करते हैं। भारत में, जबकि महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देना जरूरी है, पुरुषों की चुनौतियों पर अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है, जैसे धारा 498ए आईपीसी के तहत घरेलू हिंसा के मामलों में झूठे आरोप, मानसिक स्वास्थ्य सहायता की कमी और सीमित पैतृक अधिकार। साझा पालन-पोषण कानूनों के इर्द-गिर्द हाल की बहसें लैंगिक न्याय के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करती हैं। भारत में पुरुषों के अधिकारों को अक्सर लैंगिक समानता पर व्यापक चर्चा में कम ध्यान दिया जाता है। घरेलू दुर्व्यवहार के शिकार के रूप में पुरुषों को कानूनी मान्यता नहीं मिलती है, जिससे सुरक्षा की मांग करना या दुर्व्यवहार के मामलों की रिपोर्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। जीवनसाथी द्वारा भावनात्मक, वित्तीय या शारीरिक शोषण के शिकार पुरुषों को सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है और घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005 जैसे मौजूदा ढाँचों के तहत कानूनी सहारा नहीं मिलता है। पुरुषों से भावनाओं को दबाने की सामाजिक अपेक्षाएँ उनके मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करती हैं, जिससे आत्महत्या की दर और अनुपचारित मनोवैज्ञानिक समस्याएँ बढ़ती हैं। 2022 के एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चलता है कि आत्महत्या के 72.5% मामले पुरुषों के हैं, जो लिंग-संवेदनशील मानसिक स्वास्थ्य नीतियों की आवश्यकता पर बल देता है। तलाक या अलगाव कानून मातृ हिरासत का पक्ष लेते हैं, पिता की भूमिका को हाशिए पर डालते हैं और बच्चे के पालन-पोषण में उन्हें समान अधिकारों से वंचित करते हैं। अभिभावक और वार्ड अधिनियम, 1890, मातृ हिरासत को प्राथमिकता देता है जब तक कि माँ को अयोग्य नहीं माना जाता है, जिससे माता-पिता की भागीदारी के लिए पिता के अवसर सीमित हो जाते हैं। धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) जैसे लिंग-विशिष्ट कानूनों का कभी-कभी दुरुपयोग किया जाता है, जिससे निर्दोष पुरुषों को प्रतिष्ठा, वित्तीय और भावनात्मक नुक़सान होता है। राजेश शर्मा बनाम यूपी राज्य (2017) में, सुप्रीम कोर्ट ने धारा 498ए के दुरुपयोग को नोट किया और झूठे आरोपों के खिलाफ सुरक्षा उपाय पेश किए। पुरुषों के पास शिकायतों को दूर करने के लिए समर्पित संस्थान या हेल्पलाइन का अभाव है सामाजिक रूढ़िवादिता पुरुषों को अपराधी के रूप में चित्रित करती है, संस्थागत दृष्टिकोण को प्रभावित करती है और कार्यस्थल पर दुर्व्यवहार या यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में उचित उपचार को सीमित करती है। विशाखा दिशा-निर्देश केवल महिलाओं के लिए कार्यस्थल पर उत्पीड़न को कवर करते हैं, जिससे पुरुष पीड़ितों को भारतीय कानून के तहत समान सुरक्षा नहीं मिलती है। यौन शोषण के वयस्क पुरुष उत्तरजीवी कानूनी ढांचे में अपरिचित रहते हैं, जिससे उन्हें वैधानिक उपचार या संस्थागत सहायता से वंचित रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आईपीसी की धारा 375 बलात्कार को केवल एक महिला के दृष्टिकोण से परिभाषित करती है, जिससे यौन उत्पीड़न के पुरुष उत्तरजीवी बिना किसी सहारे के रह जाते हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम और आईपीसी की धारा 498ए जैसे मौजूदा कानूनों को संशोधित करके उन्हें लिंग-तटस्थ बनाया जाए, जिससे घरेलू हिंसा और झूठे आरोपों के खिलाफ पुरुषों के लिए समान सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। कनाडा और यूके जैसे देशों में घरेलू हिंसा कानून लिंग-तटस्थ हैं। साझा पालन-पोषण की अवधारणा ऑस्ट्रेलिया में अच्छी तरह से स्थापित है, जो हिरासत के निर्णयों में दोनों माता-पिता के लिए समान विचार को अनिवार्य बनाती है। जापान ने तनाव कम करने को लक्षित करते हुए कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिन्हें लिंग-विशिष्ट चिंताओं को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। केरल में पुलिस के लिए नियमित संवेदीकरण कार्यशालाओं के परिणामस्वरूप लिंग-आधारित शिकायतों का अधिक संतुलित संचालन हुआ है। संगठनों को समावेशी कार्यस्थल नीतियों को बाध्यकारी किया जा सकता है जो पितृत्व अवकाश, पुरुषों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और मानसिक स्वास्थ्य सहायता जैसे मुद्दों को सम्बोधित करती हैं। स्वीडन की पैतृक अवकाश नीति पिता को समान अवकाश प्रदान करती है, जो घर पर साझा पालन-पोषण और लैंगिक समानता को बढ़ावा देती है। लैंगिक न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए पुरुषों के अधिकारों को समान ईमानदारी से सम्बोधित करने की आवश्यकता है। लैंगिक-तटस्थ कानून, मानसिक स्वास्थ्य सहायता में वृद्धि और सामाजिक रूढ़ियों को ख़त्म करने के लिए जागरूकता अभियान महत्त्वपूर्ण क़दम हैं। जैसा कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने कहा था, \"किसी भी जगह अन्याय हर जगह न्याय के लिए ख़तरा है।\"
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भारतीय नव वर्ष के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन निकाला और नए वर्ष का स्वागत किया ... खटीमा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में एकत्रित होकर पथ संचलन निकाला ... पथ संचलन विभिन्न चौराहे से होते हुए मुख्य चौराहे पर पहुंचा ... योग इत्यादि का आयोजन किया गया ... स्वयंसेवकों का कहना था की चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन से हमारा भारतीय नव वर्ष प्रारंभ होता है ... आने वाली जो पीढ़ियां भारत की संस्कृति को पहचाने इसीलिए यह पथ संचलन किया गया ...
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