भोपाल । मध्य प्रदेश के सभी सीएम राइज स्कूल अब "सांदीपनि विद्यालय" के नाम से जाने जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को स्कूल चलें हमें अभियान के शुभारंभ अवसर पर इस संबंध में घोषणा की। उन्होंने कहा कि "सीएम राइज स्कूल का नाम ऐसा लगता था, जैसे अंग्रेजों के जमाने का हो, इसलिए इसे बदलकर सांदीपनि ऋषि के नाम पर किया गया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में आज (एक अप्रैल) से नया शैक्षणित सत्र शुरू हुआ है। इस अवसर पर प्रदेश के सभी स्कूलों में प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस अवसर पर भोपाल के शासकीय नवीन उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय अरेरा कॉलोनी (ओल्ड कैंपियन) में "स्कूल चलें हम" अभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षा किसी भी परिस्थिति में बाधित नहीं होनी चाहिए। सरकारी स्कूलों की शिक्षा भी किसी से कमतर नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़कर भी कई महान व्यक्तित्वों ने विश्वभर में भारत का नाम रोशन किया है। छात्रों को अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने और कड़ी मेहनत के माध्यम से सफलता प्राप्त करने की प्रेरणा दी गई। उन्होंने इस अवसर पर नव प्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत किया। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न खेलों के प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा पोर्टल 3.0 का शुभारंभ भी हुआ। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर उनसे संवाद किया।
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। इस साल एक अप्रैल से जब छात्र अपने विद्यालय में प्रवेश करेंगे, तो शासन द्वारा दी जाने वाली किताबें उनके बैग में पहले से उपलब्ध होंगी। यह पहली बार हुआ है कि पूरे राज्य के प्रत्येक जिले में शैक्षणिक सामग्री समय पर वितरित कर दी गई है। नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक कौशल और आत्मनिर्भर बनने के अवसर मिलेंगे। जुलाई में बेटियों को साइकिल उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे आसानी से शिक्षा प्राप्त कर सकें।
कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप भी मौजूद रहे। इस राज्य स्तरीय प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का प्रदेश के सभी जिलों में सीधा प्रसारण किया गया।
गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 92 हजार सरकारी स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी, मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। इन स्कूलों में लगभग 85 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। प्रवेशोत्सव कार्यक्रम-2025 में सभी शासकीय-अशासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के प्रवेश की कार्यवाही एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर 'स्टूडेंट डायरेक्ट्री मैनेजमेंट सिस्टम' प्रणाली पर की जा रही है। एजुकेशन पोर्टल में स्कूल शिक्षा विभाग से संबंधित सभी कार्यों को शामिल किया है। विभाग से संबंधित जानकारी पोर्टल के माध्यम से सुलभ तरीके से प्राप्त की जा सकेगी।